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IICA सम्मेलन में बोले अधिवक्ता महेंद्र- बजट 2021 ऐतिहासिक बदलाव लेकर आया

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट जमशेदपुर की तरफ से चेंजिंग डाइमेंशन ऑफ परफॉर्मेंस विषय पर दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. सत्र को संबोधित करते हुए अधिवक्ता महेंद्र ने कहा कि बजट 2021 एक ऐतिहासिक बदलाव लेकर आया है.

IICA conference in jamshedpur
जमशेदपुर में आईआईसीओ कॉन्फ्रेंस
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Published : Feb 5, 2021, 10:56 PM IST

जमशेदपुर: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट जमशेदपुर की तरफ से चेंजिंग डाइमेंशन ऑफ परफॉर्मेंस विषय पर दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. पहले दिन जयपुर से आये अधिवक्ता महेंद्र ने सत्र को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि बजट 2021 एक ऐतिहासिक बदलाव लेकर आया है. उन्होंने इनकम टैक्स के संदर्भ में कहा कि डिजिटल के इस युग में फिर से एसेसमेंट की समय सीमा को 6 वर्षों से कम कर 3 वर्ष करना छोटे आयकर दाताओं के लिए राहत देने वाला है. इस डिजिटल युग में फेस लेस एसेसमेंट को आगे बढ़ाते हुए आयकर द्वितीय अपील प्राधिकरण को भी फेस लेस किया जा रहा हैं. आने वाले समय में आयकर दाताओं को अपील की सुनवाई के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. अपने कार्यालय या फिर अपने टैक्स कंसल्टेंट के यहां से सुनवाई में भाग ले सकते हैं.

यह भी पढ़ें: हफीजुल हसन बने हेमंत सरकार में मंत्री, मधुपुर विधानसभा सीट पर झामुमो की नजर

दिल्ली से आये सीए अरूण सक्सेना ने कहा कि कम्पनीज एक्ट एक बहुत ही स्ट्रक्चर्ड कानून है. इसमें कंपनियों के लिए जमा, उधार और निवेश के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अलावा भी प्रक्रिया बताई गयी है. इस कानून को प्रत्येक कंपनियों को पालन करना अनिवार्य है. इस कानून का पालन नहीं होने पर गंभीर मैद्रिक पेनाल्टी लगती है. उन्होंने कहा कि एक चार्टर्ड एकाउंटेंट को अपनी ऑडिट के समय बारिकी से जांच कर ही अपनी ऑडिट रिर्पोट तैयार करनी चाहिए. इससे पहले कानपुर से आये सीआईआरसी के वाइस चेयरमैन अतुल मल्होत्रा और जमशेदपुर शाखा चेयरमैन संजय गोयल ने दीप प्रज्ज्वलित कर सम्मेलन का उदघाटन किया.

जमशेदपुर: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट जमशेदपुर की तरफ से चेंजिंग डाइमेंशन ऑफ परफॉर्मेंस विषय पर दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. पहले दिन जयपुर से आये अधिवक्ता महेंद्र ने सत्र को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि बजट 2021 एक ऐतिहासिक बदलाव लेकर आया है. उन्होंने इनकम टैक्स के संदर्भ में कहा कि डिजिटल के इस युग में फिर से एसेसमेंट की समय सीमा को 6 वर्षों से कम कर 3 वर्ष करना छोटे आयकर दाताओं के लिए राहत देने वाला है. इस डिजिटल युग में फेस लेस एसेसमेंट को आगे बढ़ाते हुए आयकर द्वितीय अपील प्राधिकरण को भी फेस लेस किया जा रहा हैं. आने वाले समय में आयकर दाताओं को अपील की सुनवाई के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. अपने कार्यालय या फिर अपने टैक्स कंसल्टेंट के यहां से सुनवाई में भाग ले सकते हैं.

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दिल्ली से आये सीए अरूण सक्सेना ने कहा कि कम्पनीज एक्ट एक बहुत ही स्ट्रक्चर्ड कानून है. इसमें कंपनियों के लिए जमा, उधार और निवेश के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अलावा भी प्रक्रिया बताई गयी है. इस कानून को प्रत्येक कंपनियों को पालन करना अनिवार्य है. इस कानून का पालन नहीं होने पर गंभीर मैद्रिक पेनाल्टी लगती है. उन्होंने कहा कि एक चार्टर्ड एकाउंटेंट को अपनी ऑडिट के समय बारिकी से जांच कर ही अपनी ऑडिट रिर्पोट तैयार करनी चाहिए. इससे पहले कानपुर से आये सीआईआरसी के वाइस चेयरमैन अतुल मल्होत्रा और जमशेदपुर शाखा चेयरमैन संजय गोयल ने दीप प्रज्ज्वलित कर सम्मेलन का उदघाटन किया.

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