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कोरोना के चलते टाटा मोटर्स में ब्लॉक क्लोजर, 20 मार्च को खुलेगी कंपनी

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Published : Mar 19, 2020, 4:55 PM IST

कोरोना के फैलने के बाद टाटा मोटर्स में ब्लॉक क्लोजर हुआ है. कंपनी 20 मार्च यानी की शुक्रवार को खुलेगी.

कोरोना के चलते टाटा मोटर्स में ब्लॉक क्लोजर, 20 मार्च को खुलेगी कंपनी
टाटा मोटर्स

जमशेदपुरः वैश्विक महामारी कोरोना के फैलने के बाद देश की सबसे बड़ी कंपनी टाटा मोटर्स पर बुरा असर पड़ा है. एक बार फिर से टाटा मोटर्स में ब्लॉक क्लोजर हुआ है. अब कंपनी 20 मार्च यानी की शुक्रवार को खुलेगी.

और पढ़ें- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ला रहा गरीबों के जीवन में बदलाव, जानें 'गुलबहार' के हौसले व संघर्ष की दास्तां

टाटा मोटर्स में इस वक्त कम वाहनों के डिमांड आने से बार-बार ब्लॉक क्लोजर किया जा रहा है. टाटा मोटर्स में औसतन हर दिन पांच हजार गाड़ियां बनती थी. जबकि दो हजार गाड़ियों का वर्क आर्डर आ रहा है.

फरवरी और मार्च मिलाकर कुल आठ बार ब्लॉक क्लोजर

टाटा मोटर्स के उत्पादन में आई कमी के बाद कंपनी को बार-बार क्लोजर लेना पड़ रहा है. साल-दर-साल टाटा कंपनी प्रति महीने कभी पंद्रह हजार से ज्यादा गाड़ियां बनाती थी. टाटा मोटर्स में फरवरी और मार्च मिलाकर कुल आठ बार ब्लॉक क्लोजर किया जा चुका है. क्लोजर के दौरान कर्मचारियों का पर्सनल लिव का पचास फीसदी हिस्सा कंपनी की और से काटा जाएगा. टाटा मोटर्स के लिए टाटा कमिंस इंजन बनाती है. हालांकि अस्थायी मजदूरों के भविष्य का संकट भी मंडराने लगा है. टाटा मोटर्स में ब्लॉक क्लोजर होने के साथ मजदूरों को इसकी चिंता सताने लगी है. कंपनी के उत्पादन में आई गिरावट के कारण ब्लॉक क्लोजर किया जा रहा है. वहीं टाटा मोटर्स में कार्यरत सैकड़ों अस्थाई कर्मियों को भी कुछ दिनों के लिए बैठा दिया गया है. कंपनी में कम गाड़ी बनने की वजह से चेसिस बुकिंग की संख्या में भी गिरावट दर्ज की गई है.

जमशेदपुरः वैश्विक महामारी कोरोना के फैलने के बाद देश की सबसे बड़ी कंपनी टाटा मोटर्स पर बुरा असर पड़ा है. एक बार फिर से टाटा मोटर्स में ब्लॉक क्लोजर हुआ है. अब कंपनी 20 मार्च यानी की शुक्रवार को खुलेगी.

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टाटा मोटर्स में इस वक्त कम वाहनों के डिमांड आने से बार-बार ब्लॉक क्लोजर किया जा रहा है. टाटा मोटर्स में औसतन हर दिन पांच हजार गाड़ियां बनती थी. जबकि दो हजार गाड़ियों का वर्क आर्डर आ रहा है.

फरवरी और मार्च मिलाकर कुल आठ बार ब्लॉक क्लोजर

टाटा मोटर्स के उत्पादन में आई कमी के बाद कंपनी को बार-बार क्लोजर लेना पड़ रहा है. साल-दर-साल टाटा कंपनी प्रति महीने कभी पंद्रह हजार से ज्यादा गाड़ियां बनाती थी. टाटा मोटर्स में फरवरी और मार्च मिलाकर कुल आठ बार ब्लॉक क्लोजर किया जा चुका है. क्लोजर के दौरान कर्मचारियों का पर्सनल लिव का पचास फीसदी हिस्सा कंपनी की और से काटा जाएगा. टाटा मोटर्स के लिए टाटा कमिंस इंजन बनाती है. हालांकि अस्थायी मजदूरों के भविष्य का संकट भी मंडराने लगा है. टाटा मोटर्स में ब्लॉक क्लोजर होने के साथ मजदूरों को इसकी चिंता सताने लगी है. कंपनी के उत्पादन में आई गिरावट के कारण ब्लॉक क्लोजर किया जा रहा है. वहीं टाटा मोटर्स में कार्यरत सैकड़ों अस्थाई कर्मियों को भी कुछ दिनों के लिए बैठा दिया गया है. कंपनी में कम गाड़ी बनने की वजह से चेसिस बुकिंग की संख्या में भी गिरावट दर्ज की गई है.

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