जमशेदपुर: झारखंड के कोविड अस्पताल और क्वॉरेंटाइन सेंटर में फैली अव्यवस्था, सुस्ती, लापरवाही इस तरह जड़ जमा चुकी है कि कोरोना मरीज और आम जनता के लिए सब कुछ भगवान भरोसे ही प्रतीत हो रहा है. प्रदेश में सरकार की उदासीनता और स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था के कारण कोरोना मरीजों को अपनी जान हथेली पर रखकर भटकने को मजबूर होना पड़ रहा है. उपरोक्त बातें भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सह पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने भालूबासा स्थित आशीष किशोर संघ में कहीं. वे शनिवार को वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से भाजपा कार्यकर्ताओं और मीडिया को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव, प्रदेश मंत्री रीता मिश्रा समेत जिला महामंत्री अनिल मोदी उपस्थित थे. प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि कोरोना काल में सरकार केवल सोशल मीडिया पर अपनी पीठ थपथपा रही है. धरातल पर वास्तविकता खोखले दावों के ठीक विपरीत है.
सरकार के खुद पीठ थपथपाने की प्रवृत्ति के कारण आम जनता त्रस्त और ठगा हुआ महसूस कर रही है. राज्य में कोरोना जांच की रफ्तार इतनी धीमी है कि रिपोर्ट आने में कई सप्ताह का समय लग रहा है. अस्पतालों में मरीजों की उचित देखभाल नहीं हो रही है. वैश्विक महामारी कोरोना संकटकाल के दौरान झामुमो, कांग्रेस और राजद की गठबंधन सरकार की कोई कार्ययोजना नहीं दिखी. वहीं, जमशेदपुर में निवास करने वाले स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की प्राथमिकता कोरोना से लड़ने के बजाय रिम्स निदेशक को हटाने पर अधिक रही. रिम्स निदेशक को लॉकडाउन के मध्य हटा देना राज्य भर के चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों के समक्ष सरकार की नकारात्मक छवि उभरकर सामने आई, जिनसे उनका मनोबल कमजोर हुआ.
उन्होंने कहा कि सरकार अस्पतालों में सुविधाओं को बढ़ावा देने के बजाय होटलों में पेड क्वॉरेंटाइन को बढ़ावा दे रही है. गरीब जरूरतमंद जनता के लिए राज्य सरकार के प्रयास प्रत्यक्ष रूप से दिखाई दे रहे हैं. सरकार की अव्यवस्था का आलम यह है कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में महिलाएं गर्भवती हो जा रही हैं. आए दिन समाचारपत्रों में अस्पतालों और क्वॉरेंटाइन सेंटर की बदहाली और लापरवाही की खबरें मन को विचलित करती हैं. क्वॉरेंटाइन सेन्टर में खाना न मिलना, फैली गंदगी, सुरक्षा का आभाव, पीने का पानी न मिलना समेत बिजली की समस्याओं से जूझना आम जनता के लिए कोरोना से भी बड़ी जंग प्रतीत हो रही है. पिछले कई महीनों से राज्य सरकार की उदासीनता और शिथिल रवैये के कारण प्रदेश की जनता में असंतोष और आक्रोश व्याप्त है.
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वहीं, वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव ने कहा कि कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने में राज्य सरकार पूरी तरह विफल रही है. राज्य के कोविड अस्पतालों में फैली अव्यवस्था और लापरवाही किसी से छिपी नहीं है. प्रदेश में जांच के नाम पर लूट हो रही है. सरकार अमजनों के हितों में प्रयास करें, न कि पेड क्वॉरेंटाइन सेंटर के भरोसे बैठ जाए. उन्होंने कोविड अस्पतालों में कोरोना मरीज के मौत के बाद चादर न बदलने से दूसरे मरीज के संक्रमित होने, राज्य में कोरोना मरीज के रिकवरी रेट 75 फीसदी से हटकर 44 फीसदी हो जाना, कोविड अस्पताल में खान-पान से लेकर सैंपल जांच, मरीजों की देखभाल आदि की अस्त-व्यस्त व्यवस्था और सड़क पर भटकते कोरोना मरीजों के प्रति चिंता जाहिर करते हुए सरकार की नाकामी बताई.
इसके अतिरिक्त उन्होंने सिदगोड़ा क्वॉरेंटाइन सेंटर में मरीजों को खाना नहीं मिलने, परसुडीह के कोरोना मरीज को तीन दिनों तक उनके घर में छोड़ देना और आसपास के लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने, गंभीर हालात में अस्पताल लाए मरीजों को पहले कोरोना जांच और उसके बाद इलाज करने, शहर में मेडिका अस्पताल के बंद करने के फ़रमान समेत जमशेदपुर ई-पास के लिए अवैध वसूली जैसे मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया. वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस को प्रदेश मंत्री रीता मिश्रा ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री अनिल मोदी ने किया. इस दौरान जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव, प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी, प्रदेश मंत्री रीता मिश्रा, जिला महामंत्री अनिल मोदी, सीतारामडेरा मंडल अध्यक्ष रमेश नाग, प्रेम झा, अभिमन्यु सिंह चौहान समेत अन्य उपस्थित थे.