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BJP ने साधा राज्य सरकार पर निशाना, कहा- महिला सुरक्षा की 'डींग हांकती' है हेमंत सरकार - state government targeted by BJP in jamshedpur

रांची की भाजपा प्रदेश प्रवक्ता मिस्फीका हसन ने हेमंत सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि झारखंड में महिलाएं और बेटियों पर लगातार अत्याचार हो रहा है. लेकिन हेमंत सरकार इसपर कुछ भी नहीं कर रही है.

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता मिस्फीका हसन
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता मिस्फीका हसन
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Published : Dec 6, 2020, 7:30 PM IST

Updated : Dec 6, 2020, 10:27 PM IST

रांची: भाजपा प्रदेश प्रवक्ता मिस्फीका हसन ने रविवार को हेमंत सरकार पर हमला किया है. उन्होंने कहा है कि झारखंड में महिलाएं और बेटियां सुरक्षित नहीं है. लगभग प्रतिदिन राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में आदिवासी, दलित महिलाओं और बच्चियों के साथ अत्याचार और दुष्कर्म की वारदात हो रही है.

सरकार का रवैया ढुलमुल

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता मिस्फीका हसन ने कहा है कि चार वर्ष की बच्चियों से लेकर आश्रम में साध्वी तक सुरक्षित नहीं हैं. संथाल परगना में मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र बरहेट और दुमका में नाबालिग के साथ दुष्कर्म हत्या के साथ-साथ गोड्डा, साहिबगंज, गिरिडीह, रामगढ़, गुमला में लगातार इस तरह की घटना हो रहीं हैं. कुछ दिनों पहले ही राजधानी से सटे हुए जिले खूंटी में एक नाबालिग आदिवासी के साथ 5 अपराधियों ने दुष्कर्म किया थी. इतनी बड़ी घटना में खूंटी जिला पुलिस प्रशासन की भूमिका पूरी तरह से ढुलमुल रही है.

ये भी पढ़ेंः प्रदूषण रोकने के लिए क्या कर रही है सरकार, हाई कोर्ट ने हिंडाल्को मामले में जनहित याचिका पर मांगा जवाब

नाबालिग है लड़की

वहीं जब भाजपा की महिला नेत्रियों का दल खूंटी पीड़ित बच्ची से मिलने पहुंचकर जानकारी ली, तब पता चला कि पीड़ित नाबालिग है और ऐसी परिस्थिति में बच्ची को सीडब्ल्यूसी के सामने प्रस्तुत करना होता है. लेकिन बच्ची को सीडब्ल्यूसी के सामने प्रस्तुत न कर घर भेज देना, उसके पहले 3 दिनों तक थाने में रखना, बार-बार बच्ची को मेडिकल के लिए ले जाना, उसे बिना सुरक्षा के सुदूरवर्ती गांव में छोड़ देना, बच्चे की काउंसिलिंग न कराना पुलिस की कार्यशैली पर संदेह उत्पन्न करता है.

सुरक्षित नहीं हैं बच्चियां

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने कहा है कि नाबालिग के मामले में खूंटी पुलिस प्रशासन ने लापरवाही बरती है. हेमंत सरकार राज में अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है. झारखंड पुलिस के आंकड़ों की मानें, तो जनवरी से सितंबर तक के बीच झारखंड में 1,359 बच्चियों के साथ दरिंदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई है. ऐसे में प्रति दिन पांच बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटना हो रही है. इनमें सबसे ज्यादा आदिवासी, दलित बच्चियां हैवानियत की शिकार हो रही है. इसका सबसे ज्यादा कुप्रभाव आदिवासी, दलित, गरीब, पिछड़ों-वंचितों पर होता है. उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा की डींग हांकने वाली हेमंत सरकार राज में बच्चियां सुरक्षित नहीं है.

रांची: भाजपा प्रदेश प्रवक्ता मिस्फीका हसन ने रविवार को हेमंत सरकार पर हमला किया है. उन्होंने कहा है कि झारखंड में महिलाएं और बेटियां सुरक्षित नहीं है. लगभग प्रतिदिन राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में आदिवासी, दलित महिलाओं और बच्चियों के साथ अत्याचार और दुष्कर्म की वारदात हो रही है.

सरकार का रवैया ढुलमुल

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता मिस्फीका हसन ने कहा है कि चार वर्ष की बच्चियों से लेकर आश्रम में साध्वी तक सुरक्षित नहीं हैं. संथाल परगना में मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र बरहेट और दुमका में नाबालिग के साथ दुष्कर्म हत्या के साथ-साथ गोड्डा, साहिबगंज, गिरिडीह, रामगढ़, गुमला में लगातार इस तरह की घटना हो रहीं हैं. कुछ दिनों पहले ही राजधानी से सटे हुए जिले खूंटी में एक नाबालिग आदिवासी के साथ 5 अपराधियों ने दुष्कर्म किया थी. इतनी बड़ी घटना में खूंटी जिला पुलिस प्रशासन की भूमिका पूरी तरह से ढुलमुल रही है.

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नाबालिग है लड़की

वहीं जब भाजपा की महिला नेत्रियों का दल खूंटी पीड़ित बच्ची से मिलने पहुंचकर जानकारी ली, तब पता चला कि पीड़ित नाबालिग है और ऐसी परिस्थिति में बच्ची को सीडब्ल्यूसी के सामने प्रस्तुत करना होता है. लेकिन बच्ची को सीडब्ल्यूसी के सामने प्रस्तुत न कर घर भेज देना, उसके पहले 3 दिनों तक थाने में रखना, बार-बार बच्ची को मेडिकल के लिए ले जाना, उसे बिना सुरक्षा के सुदूरवर्ती गांव में छोड़ देना, बच्चे की काउंसिलिंग न कराना पुलिस की कार्यशैली पर संदेह उत्पन्न करता है.

सुरक्षित नहीं हैं बच्चियां

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने कहा है कि नाबालिग के मामले में खूंटी पुलिस प्रशासन ने लापरवाही बरती है. हेमंत सरकार राज में अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है. झारखंड पुलिस के आंकड़ों की मानें, तो जनवरी से सितंबर तक के बीच झारखंड में 1,359 बच्चियों के साथ दरिंदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई है. ऐसे में प्रति दिन पांच बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटना हो रही है. इनमें सबसे ज्यादा आदिवासी, दलित बच्चियां हैवानियत की शिकार हो रही है. इसका सबसे ज्यादा कुप्रभाव आदिवासी, दलित, गरीब, पिछड़ों-वंचितों पर होता है. उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा की डींग हांकने वाली हेमंत सरकार राज में बच्चियां सुरक्षित नहीं है.

Last Updated : Dec 6, 2020, 10:27 PM IST

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