जमशेदपुर: भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 1932 खतियान को लेकर सीएम हेमंत सोरेन पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री झारखंड के भोले भाले आदिवासी जनता को इसके नाम पर बरगला रहे हैं. उन्होंने चुनौती देते हुए कहा है कि अगर हिम्मत है तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कल से ही 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति और 27 पिछ़ड़ों के लिए आरक्षण को लागू करें.
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रघुवर दास ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को यह जानकारी है कि संविधान की सातवीं अनुसूची में राज्य सरकार को यह अधिकार दिए गए हैं. जब अधिकार है तो 1932 वाले कानून को केंद्र को भेज कर झारखंडी युवकों को सरकारी नौकरी से वंचित क्यों कर रहे हैं. ये सभी बातें रघुवर दास ने जमशेदपुर के जी भालूबासा स्थित आशीष किशोर संघ सभागार में कही हैं.
हेमंत सरकार से रघुवर की मांग: रघुवर दास ने कहा कि मुख्यमंत्री ने खतियानी जोहार यात्रा के दौरान कहा है कि राज्य सरकार जो चाहेगी वही करेगी. वह संविधान की धज्जियां उड़ने नहीं देंगें. उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार अपने कानून से संतुष्ट हैं, उनके बनाए नियम कायदे संवैधानिक रूप से सही हैं तो फैसले अविलंब लागू करें. उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि राज्य सरकार 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति और पिछ़ड़ों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान सहित अविलंब रिक्तियां निकालें. यदि उसके बाद कानूनी पचड़ा खड़ा होता है तो राज्य के युवाओं को लेकर मुस्तैदी से कानूनी लड़ाई लड़ें.
हेमंत सरकार पर रघुवर का तंज: रघुवर दास ने हेमंत सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि अगर राज्य के खदान लूटने वाले, जमीन हड़पने वाले और बालू-पत्थर लुटवाने वालों के लिए 25-50 लाख रुपए फीस वाले वकील रख सकते हैं तो राज्य के बेरोजगार युवकों, आदिवासियों पिछड़ों के लिए करोड़ों रुपए का वकील रखकर कानूनी लड़ाई लड़िए. साथ ही कल से ही 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति और पिछड़ों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करिए.
हेमंत सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप: इस दौरान रघुवर दास ने हेमंत सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा है कि यह सरकार युवाओं को नौकरी देने का जो वादा कर सत्ता में आयी थी. उस वादे को अभी तक पूरा नहीं किया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वंय विधानसभा में 21 फरवरी 2021 को कह चुके हैं कि 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू नहीं हो सकता है. इसलिए यह मामला कोर्ट में नहीं टिकेगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जानबूझ कर यह संवैधानिक गड़बड़ियां की ताकि झारखंडी युवकों को नौकरी ना देकर उलझाकर, लटकाकर रखा जा सके.
रघुवर दास ने किया अपने कार्यकाल का बखान: रघुवर दास ने कहा कि जब उनकी सरकार थी तो स्थानीय नीति के तीन आधार थे. तीनों आधारों पर स्थानीय पारिभाषित किए गए थे. जिसमें से एक 1985 खतियान आधारित स्थानीय नीति थी. उन्होंने कहा कि इस नीति के आधार पर तीन वर्षों में एक लाख से ज्यादा नौकरी लोगों को मिली.