जमशेदपुरः राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने मंगलवार को डेंगू प्रभावित बिरसानगर क्षेत्र का दौरा किया. रघुवर दास ने बिरसानगर के जोन नंबर 1 बी के माछपाड़ा निवासी मृत बालिका विशाखा पाणि के परिजनों से मुलाकात की. विशाखा पाणि की मौत तीन सितंबर को डेंगू से हो गई थी. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने दिवंगत पुण्यात्मा की शांति की प्रार्थना कर शोकाकुल परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की. इस दौरान उन्होंने हेमंत सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि एक कहावत है सत्ता सुख साधन की शैय्या, अपन को क्या मां मरे या भैया.
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डेंगू प्रभावित लोगों से रघुवर दास ने की मुलाकातः वहीं, उन्होंने लक्ष्मी नर्सिंग होम और बिरसानगर जोन नंबर 6 निवासी दिवंगत अशोक घोष के परिजनों से मुलाकात कर शोक संवेदना व्यक्त की. इस दौरान रघुवर दास डेंगू प्रभावित परिवार मुकेश मिश्रा के घर पहुंचकर परिजनों से मुलाकात की. पूर्व सीएम रघुवर दास ने बिरसानगर में डेंगू के बढ़ते प्रकोप को लेकर डीसी मंजूनाथ भजंत्री से दूरभाष पर बात की और इससे तुरंत निपटने के लिए आग्रह किया. उन्होंने कहा कि बिरसानगर में बड़ी संख्या में गरीब लोग निवास करते हैं. इनके लिए डेंगू के इलाज में आने वाले खर्च का वहन करना मुश्किल है. ऐसे में अगर आयुष्मान से जुड़े अस्पतालों में डेंगू मरीजों के इलाज की व्यवस्था हो जाती तो बेहतर होता. इस पर डीसी ने पूर्व मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि बिरसानगर में शीघ्र फॉगिंग और दवा छिड़काव के लिए टीम भेजी जाएगी.
हेमंत सरकार को हर मोर्चे पर विफल बतायाः इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अकर्मण्य बताते हुए कहा कि हेमंत सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है. यह सरकार ना तो बिजली की सही ढंग से आपूर्ति कर रही है और ना ही स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त कर पा रही है. एक तरफ लोग स्वास्थ्य विभाग की कुव्यवस्था के कारण डेंगू और दूसरी मानसून जनित रोगों से मर रहे हैं तो दूसरी ओर बिजली की कटौती से परेशान हैं. लोग रातभर सो नहीं पा रहे हैं. एक तरफ घर में भीषण गर्मी के कारण नींद नहीं आती है तो दूसरी तरफ छत पर मच्छरों के तांडव से लोग रतजगा करने को बाध्य हैं. उन्होंने कहा कि सरकार विद्युत आपूर्ति में आई कमी को दूर करने में पूरी तरह से विफल रही है. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार के राज्य में विद्युत सेवा की तरह स्वास्थ्य सेवा भी अचेतावस्था में है. झारखंड में मानसून की सक्रियता के बीच मच्छरजनित बीमारी राज्य में कहर बरपा रही है और हेमंत सोरेन सत्ता सुख साधन की शैय्या पर नींद में विभोर हैं. उनके लिए कोई मरे या जीये क्या फर्क पड़ता है
राज्य में बढ़ते डेंगू के मामलों पर जतायी चिंताः राज्य के 15 जिलों में डेंगू और 10 जिले चिकनगुनिया की चपेट में आ गए हैं. वहीं सरकारी की सुस्ती से दिन-प्रतिदिन स्थिति बिगड़ती जा रही है. मानसून के समय मच्छरजनित बीमारियों से निपटने के लिए सरकार की तैयारी नहीं के बराबर है. मरीजों को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है. ना तो फॉगिंग की पर्याप्त व्यवस्था है और ना दवा छिड़काव की. इसी कारण डेंगू से मरने वाली की संख्या बढ़ती जा रही है. डेंगू के मरीजों की सर्वाधिक संख्या 475 जमशेदपुर में है. इनमें से पांच डेंगू मरीजों की मौत हाल के दिनों में हुई है. वहीं रांची जिला दूसरे स्थान पर है, जहां एक मरीज की मौत हो चुकी है. जमशेदपुर में तीन सितंबर को बिरसानगर की विशाखा पाणी की मौत से पूर्व चार की मौत हो चुकी है. यहां डेंगू पॉजिटिव मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. हालात यह हैं कि अस्पतालों में मरीजों को बेड नहीं उपलब्ध हो पा रहा है.
सरकार पर कारगर कदम नहीं उठाने का लगाया आरोपः उन्होंने बताया कि कोटा में पढ़ाई कर रही झारखंड की एक छात्रा की मृत्यु डेंगू से हुई थी. रघुवर दास ने बताया कि पूर्वी सिंहभूम के अलावा कोडरमा, रामगढ़, देवघर, चतरा और सरायकेला में तेजी से डेंगू फैल रहा है. राज्य की राजधानी रांची में अगस्त तक डेंगू के 26 और चिकनगुनिया के 47 केस मिले हैं. झारखंड की राजधानी रांची में इन बीमारियों के नियंत्रण के लिए जब कारगर कदम नहीं उठाये जा रहे हैं तो अन्य जिलों की सुध कौन लेगा? इस दौरान बिरसानगर मंडल अध्यक्ष बबलू गोप, तापस कर्मकार, मुकेश मिश्रा, कोकण पांडे, मनीष पांडे, विकास साहू, बापन बनर्जी, सुशांतो साहू, ओंकार सिंह, संजय पाल, डॉ भोला, भानु प्रताप आदि मौजूद थे.