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पूर्व प्रधानमंत्री की पुण्यतिथि को लेकर राजनीति तेज, BJP सांसद की विधानसभा सचिव पर कार्रवाई की मांग - भाजपा नेताओं को वाजपेयी की प्रतिमा पर माल्यार्पण से रोका

भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर झारखंड सरकार के रवैये से बीजेपी नाखुश है. इसे लेकर राज्य में राजनीति तेज हो गई है. बीजेपी नेताओं को झारखंड विधानसभा परिसर में स्थापित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण की अनुमति नहीं मिली, जिसे लेकर जमशेदपुर से बीजेपी सांसद विद्युत वरण महतो ने सरकार पर हमला बोला है.

Controversy over Atal Bihari Vajpayee death anniversary in Jharkhand
बीजेपी नेता
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Published : Aug 18, 2020, 1:25 AM IST

जमशेदपुर: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर भाजपा नेताओं को झारखंड विधानसभा परिसर में स्थापित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण की अनुमति नहीं मिलने का मामले ने राजनैतिक रंग ले लिया है. बीजेपी ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और विधानसभा सचिव पर कार्रवाई की मांग की है. जमशेदपुर में बीजेपी कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में सासंद विद्युत वरण महतो ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा है.

जानकारी देते बीजेपी नेता

सासंद विद्युत वरण महतो ने कहा है कि जिस व्यक्ति ने वर्षों पुरानी झारखंड अलग राज्य की मांग को स्वीकार कर झारखंड प्रदेश बनाया. उस महापुरुष की जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी की महागठबंधन की सरकार ने पुण्यतिथि पर भुलाकर झारखंडियों के हृदय को घात पहुंचाया है. अटल बिहारी वाजपेयी की लोकप्रियता किसी दल की सीमाओं में बंधकर नहीं रह सकती है.

उन्होंने विधानसभा सचिव के उस गैर जिम्मेदाराना बयान की निंदा की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि 'हमें पता होता तो हम माल्यार्पण कर देते'. विद्युत वरण महतो ने कहा है कि विधानसभा सचिव जैसे गंभीर पद पर बैठे व्यक्ति से अनुमति मांगने के दौरान सचिव का जिस प्रकार का रूखा व्यवहार देखने को मिला उससे स्पष्ट हो गया है कि जुबान भले ही सचिव की हो, परंतु शब्द की स्क्रिप्ट सरकार की ओर से तैयार की गई थी. बीजेपी सांसद ने कहा है कि अटलजी के अविस्मरणीय योगदान के कारण ही वे झारखंड विधानसभा में हैं. दल भिन्न हो सकते हैं परंतु महापुरुषों के सम्मान में राज्य सरकार की ऐसी संवेदनहीनता गलत परंपरा की शुरुआत है. इस मामले को राज्य सरकार गंभीरता पूर्वक लेते हुए जल्द से जल्द विधानसभा सचिव पर कार्रवाई करे.

इसे भी पढ़ें- स्थानीयता नीति को लेकर बंधु तिर्की ने की सीएम से मुलाकात, कहा-सदन में कराएं बहस फिर बनाएं रिव्यू कमिटी

वहीं प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि राज्य सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री झारखंड राज्य के जनक अटल बिहारी वाजपेयी को भुला दिया है. जिस महापुरुष ने झारखंड का निर्माण किया और पुण्यतिथि पर उनका इस प्रकार अपमान करना दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है. यह पूरे राज्य की जन भावना का भी अपमान है. वहीं बीजेपी की पूर्व विधायक मेनका सरदार ने भी इस घटना की निंदा की है.

जमशेदपुर: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर भाजपा नेताओं को झारखंड विधानसभा परिसर में स्थापित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण की अनुमति नहीं मिलने का मामले ने राजनैतिक रंग ले लिया है. बीजेपी ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और विधानसभा सचिव पर कार्रवाई की मांग की है. जमशेदपुर में बीजेपी कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में सासंद विद्युत वरण महतो ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा है.

जानकारी देते बीजेपी नेता

सासंद विद्युत वरण महतो ने कहा है कि जिस व्यक्ति ने वर्षों पुरानी झारखंड अलग राज्य की मांग को स्वीकार कर झारखंड प्रदेश बनाया. उस महापुरुष की जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी की महागठबंधन की सरकार ने पुण्यतिथि पर भुलाकर झारखंडियों के हृदय को घात पहुंचाया है. अटल बिहारी वाजपेयी की लोकप्रियता किसी दल की सीमाओं में बंधकर नहीं रह सकती है.

उन्होंने विधानसभा सचिव के उस गैर जिम्मेदाराना बयान की निंदा की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि 'हमें पता होता तो हम माल्यार्पण कर देते'. विद्युत वरण महतो ने कहा है कि विधानसभा सचिव जैसे गंभीर पद पर बैठे व्यक्ति से अनुमति मांगने के दौरान सचिव का जिस प्रकार का रूखा व्यवहार देखने को मिला उससे स्पष्ट हो गया है कि जुबान भले ही सचिव की हो, परंतु शब्द की स्क्रिप्ट सरकार की ओर से तैयार की गई थी. बीजेपी सांसद ने कहा है कि अटलजी के अविस्मरणीय योगदान के कारण ही वे झारखंड विधानसभा में हैं. दल भिन्न हो सकते हैं परंतु महापुरुषों के सम्मान में राज्य सरकार की ऐसी संवेदनहीनता गलत परंपरा की शुरुआत है. इस मामले को राज्य सरकार गंभीरता पूर्वक लेते हुए जल्द से जल्द विधानसभा सचिव पर कार्रवाई करे.

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वहीं प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि राज्य सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री झारखंड राज्य के जनक अटल बिहारी वाजपेयी को भुला दिया है. जिस महापुरुष ने झारखंड का निर्माण किया और पुण्यतिथि पर उनका इस प्रकार अपमान करना दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है. यह पूरे राज्य की जन भावना का भी अपमान है. वहीं बीजेपी की पूर्व विधायक मेनका सरदार ने भी इस घटना की निंदा की है.

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