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भाजपा का आरोप-बीएड अभ्यर्थियों का आर्थिक शोषण कर रही जेसीईसीईबी

पूर्व विधायक और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने जेसीईसीईबी पर बीएड अभ्यर्थियों के काउंसिलिंग के नाम पर मोटी रकम वसूलने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि राज्य संयुक्त परीक्षा परिषद का उद्देश्य राजस्व संग्रहित नहीं करना है बल्कि अभ्यर्थियों के लिए उचित मंच मुहैया कराना है. पूर्व विधायक ने इस मामले में मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग की है.

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Published : Mar 1, 2021, 9:59 PM IST

Fees charged from candidates for B.Ed Counseling in jharkhand
झारखंड में बीएड काउंसिलिंग के लिए अभ्यर्थियों से लिए जा रहे शुल्क

जमशेदपुर: पूर्व विधायक और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने जेसीईसीईबी पर बीएड अभ्यर्थियों से काउंसिलिंग के नाम पर मोटी रकम वसूलने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बीएड के फॉर्म भरने के लिए अभ्यर्थियों ने पहले ही एक हजार रुपये का शुल्क दे दिया है. अब काउंसिलिंग के नाम पर अभ्यर्थियों का वित्तीय शोषण किया जा रहा है. कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण समय में भी जेसीईसीईबी की मनमानी समझ से परे है.

यह भी पढ़ें: सिमडेगा में होनहार फांकाकशी को मजबूर, जानें पूरा मामला

पूर्व विधायक ने सीएम से हस्तक्षेप करने की मांग की

बता दें कि बीएड काउंसिलिंग के नाम पर परीक्षा परिषद की तरफ से ईडब्ल्यूएस और ओबीसी श्रेणी के आवेदकों से 400 रुपये और आरक्षित वर्ग श्रेणी के अभ्यर्थियों से 250 रुपये लिए जा रहे हैं. परिषद के इस निर्णय को अव्यवहारिक और अप्रासंगिक करार देते हुए पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से तुरंत हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि राज्य संयुक्त परीक्षा परिषद का उद्देश्य राजस्व संग्रहित नहीं करना है बल्कि अभ्यर्थियों के लिए उचित मंच मुहैया कराना है. जेसीईसीईबी की मनमानी से युवाओं को परेशान होना पड़ रहा है.

जमशेदपुर: पूर्व विधायक और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने जेसीईसीईबी पर बीएड अभ्यर्थियों से काउंसिलिंग के नाम पर मोटी रकम वसूलने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बीएड के फॉर्म भरने के लिए अभ्यर्थियों ने पहले ही एक हजार रुपये का शुल्क दे दिया है. अब काउंसिलिंग के नाम पर अभ्यर्थियों का वित्तीय शोषण किया जा रहा है. कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण समय में भी जेसीईसीईबी की मनमानी समझ से परे है.

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पूर्व विधायक ने सीएम से हस्तक्षेप करने की मांग की

बता दें कि बीएड काउंसिलिंग के नाम पर परीक्षा परिषद की तरफ से ईडब्ल्यूएस और ओबीसी श्रेणी के आवेदकों से 400 रुपये और आरक्षित वर्ग श्रेणी के अभ्यर्थियों से 250 रुपये लिए जा रहे हैं. परिषद के इस निर्णय को अव्यवहारिक और अप्रासंगिक करार देते हुए पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से तुरंत हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि राज्य संयुक्त परीक्षा परिषद का उद्देश्य राजस्व संग्रहित नहीं करना है बल्कि अभ्यर्थियों के लिए उचित मंच मुहैया कराना है. जेसीईसीईबी की मनमानी से युवाओं को परेशान होना पड़ रहा है.

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