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SPECIAL: बदहाली की मार झेल रहा धालभूमगढ़ एयरपोर्ट, पढ़ें रिपोर्ट

पूर्वी सिंहभूम जिले का धालभूमगढ़ एयरपोर्ट इतिहास के पन्नों में सिमट कर रह गया है, एक वर्ष बीत जाने के बाद भी एयरपोर्ट नहीं बन सका राज्य सरकार के तमाम वादों से भरे दावे कोरे कागज पर ही सिमट कर रह गया है. एयरपोर्ट की ईंटें तो नहीं जुड़ पाई लेकिन जमीन जरूर महंगी हो गई.

बदहाली की मार झेल रहा धालभूमगढ़ एयरपोर्ट
बदहाली की मार झेल रहा धालभूमगढ़ एयरपोर्ट
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Published : Oct 4, 2020, 7:40 PM IST

जमशेदपुर: याद कीजिए वो दिन जब देश में एयरपोर्ट के निर्माण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिमला दौरे पर आम जनों को संबोधित करते हुए कहा था, अब हवाई चप्पल पहनने वाले आम जनमानस भी हवाई सफर की यात्रा कर सकेंगे. कुछ ऐसे ही सपने जमशेदपुर के लोगों को एक वर्ष पूर्व दिखाए गए थे. जब केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार थी, तभी पूर्वी सिंहभूम जिले के धालभूमगढ़ में एयरपोर्ट बनाने के लिए भूमि पूजन किया गया था. एक वर्ष बीत जाने के बाद भी एयरपोर्ट बनाने को लेकर काम शुरू नहीं हो सका. एयरपोर्ट तो नहीं बना लेकिन जमीन जरूर महंगे हो गए.

देखें स्पेशल स्टोरी

एयरपोर्ट के पास की जमीनें हुई महंगी

पूर्वी सिंहभूम से तकरीबन साठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित धालभूमगढ़ एयरपोर्ट जिसे द्वितीय विश्व युद्घ के समय अमेरिका ने रनवे के रूप में इस्तेमाल किया गया था. वर्ष 2019 में एयरपोर्ट के निर्माण को लेकर यहां की जमीन महंगी हो गई. इतना ही नहीं एयरपोर्ट के निर्माण का कार्य पूरा तो नहीं हो सका, बल्कि धालभूमगढ़ में एयरपोर्ट कॉलोनी जरूर बस गई.

अस्थायी लोगों को मिल सकता था रोजगार

जमशेदपुर ना केवल झारखंड के बड़े इंडस्ट्रियल शहरों में शुमार है. बल्कि देश की सबसे बड़ा इस्पात निर्माता कंपनी है. जमशेदपुर से अन्य राज्य की और जाने वाले लोगों के लिए जमशेदपुर से रांची शहर की दूरी तकरीबन चार घंटे तक कि तय करनी पड़ती है. धालभूमगढ़ में एयरपोर्ट बनने से यह दूरी घटकर डेढ़ घंटे तक हो जाती, साथ ही एयरपोर्ट और आसपास के क्षेत्रों में जमशेदपुर जैसा शहर भी बस जाता, इसके साथ ही यहां के हजारों लोगों को अस्थायी तौर पर रोजगार मिल सकता था.

इसे भी पढ़ें- टाटानगर स्टेशन पर ठहरेंगी अब ये दो ट्रेन, जानें DETAIL

वन विभाग का रोड़ा

वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने धालभूमगढ़ को एयरपोर्ट बनाने के लिए अभी तक कोई क्लीयर संदेश नहीं दिया है, जिसके कारण एयरपोर्ट अब तक अधूरे ख्वाब की तरह है. यहां की जमीनों के दाम जरूर बढ़ गए, पहले यहां की जमीन की कीमत हजारों रुपए में होती थी. लेकिन अब इसकी कीमत लाखों रुपए तक जा पहुंची गई है. धालभूमगढ़ एयरपोर्ट के सवालों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी से बहरागोड़ा के विधायक समीर मोहंती ने बताया नेताओं की ओर से सरकारी खजाने की लूट के साथ 2019 के विधानसभा में वोट के लिए भाजपा ने एयरपोर्ट का दांव खेला था. लेकिन आज भी यहां एयरपोर्ट का निर्माण नहीं कराया जा सका है. राज्य सरकार प्रयासरत है और जल्द ही यहां एयरपोर्ट का निर्माण कराया जाएगा.

जमशेदपुर: याद कीजिए वो दिन जब देश में एयरपोर्ट के निर्माण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिमला दौरे पर आम जनों को संबोधित करते हुए कहा था, अब हवाई चप्पल पहनने वाले आम जनमानस भी हवाई सफर की यात्रा कर सकेंगे. कुछ ऐसे ही सपने जमशेदपुर के लोगों को एक वर्ष पूर्व दिखाए गए थे. जब केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार थी, तभी पूर्वी सिंहभूम जिले के धालभूमगढ़ में एयरपोर्ट बनाने के लिए भूमि पूजन किया गया था. एक वर्ष बीत जाने के बाद भी एयरपोर्ट बनाने को लेकर काम शुरू नहीं हो सका. एयरपोर्ट तो नहीं बना लेकिन जमीन जरूर महंगे हो गए.

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पूर्वी सिंहभूम से तकरीबन साठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित धालभूमगढ़ एयरपोर्ट जिसे द्वितीय विश्व युद्घ के समय अमेरिका ने रनवे के रूप में इस्तेमाल किया गया था. वर्ष 2019 में एयरपोर्ट के निर्माण को लेकर यहां की जमीन महंगी हो गई. इतना ही नहीं एयरपोर्ट के निर्माण का कार्य पूरा तो नहीं हो सका, बल्कि धालभूमगढ़ में एयरपोर्ट कॉलोनी जरूर बस गई.

अस्थायी लोगों को मिल सकता था रोजगार

जमशेदपुर ना केवल झारखंड के बड़े इंडस्ट्रियल शहरों में शुमार है. बल्कि देश की सबसे बड़ा इस्पात निर्माता कंपनी है. जमशेदपुर से अन्य राज्य की और जाने वाले लोगों के लिए जमशेदपुर से रांची शहर की दूरी तकरीबन चार घंटे तक कि तय करनी पड़ती है. धालभूमगढ़ में एयरपोर्ट बनने से यह दूरी घटकर डेढ़ घंटे तक हो जाती, साथ ही एयरपोर्ट और आसपास के क्षेत्रों में जमशेदपुर जैसा शहर भी बस जाता, इसके साथ ही यहां के हजारों लोगों को अस्थायी तौर पर रोजगार मिल सकता था.

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वन विभाग का रोड़ा

वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने धालभूमगढ़ को एयरपोर्ट बनाने के लिए अभी तक कोई क्लीयर संदेश नहीं दिया है, जिसके कारण एयरपोर्ट अब तक अधूरे ख्वाब की तरह है. यहां की जमीनों के दाम जरूर बढ़ गए, पहले यहां की जमीन की कीमत हजारों रुपए में होती थी. लेकिन अब इसकी कीमत लाखों रुपए तक जा पहुंची गई है. धालभूमगढ़ एयरपोर्ट के सवालों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी से बहरागोड़ा के विधायक समीर मोहंती ने बताया नेताओं की ओर से सरकारी खजाने की लूट के साथ 2019 के विधानसभा में वोट के लिए भाजपा ने एयरपोर्ट का दांव खेला था. लेकिन आज भी यहां एयरपोर्ट का निर्माण नहीं कराया जा सका है. राज्य सरकार प्रयासरत है और जल्द ही यहां एयरपोर्ट का निर्माण कराया जाएगा.

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