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अधर में रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण, अधूरी है जनता की मांग और उनके सपने

जमशेदपुर के जुगसलाई रेलवे ओवरब्रिज के पहुंच पथ कार्य का शिलान्यास दो वर्ष पूर्व किया गया था. लेकिन 2 साल से इसका कार्य अधर में अटका हुआ है, जिसके कारण लोगों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

2 साल से अधर में अटका है रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण
2 साल से अधर में अटका है रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण
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Published : Oct 27, 2020, 6:02 AM IST

Updated : Oct 27, 2020, 6:11 AM IST

जमशेदपुर: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जुगसलाई रेलवे ओवर ब्रिज का उद्घाटन दो साल पूर्व किया था. दो वर्ष बीतने के बाद भी जुगसलाई ओवरब्रिज का निर्माण कार्य धीमी गति से चल रही है. यहां के लोगों को आज भी रेलवे ओवरब्रिज के बनने का इंतजार है. ताकि वो आसानी से आवागमन कर सकें और उन्हें रोजगार मिल सके.

देखें स्पेशल स्टोरी

अधूरी है जनता की मांगें

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जुगसलाई रेलवे ओवरब्रिज के पहुंच पथ कार्य का शिलान्यास दो वर्ष पूर्व किया गया था, तकरीबन 12 करोड़ 93 लाख 42 हजार रुपए की लागत से निर्मित होने वाले इस आरओबी पहुंच पथ का निर्माण कार्य एक वर्ष में पूर्ण होने की बात कही गई थी, दो वर्ष बीतने के बाद भी जुगसलाई ओवरब्रिज की तस्वीर ज्यों की त्यों है. 545 मीटर लंबे पहुंच पथ के निर्माण से यहां की जनता की वर्षों पुरानी मांग पूरी होगी. इसका निर्माण हो जाने से जुगसलाई रेलवे फाटक पर लगने वाले जाम से आम लोगों को निजात मिलेगा.

हादसों का फाटक

9 मई 2017 को जुगसलाई रेलवे फाटक क्रॉसिंग पर शालीमार कुर्ला एक्सप्रेस से कटकर जुगसलाई के अवतार सिंह की मौत हो गई थी. परिजनों के मुताबिक शहर के बिष्टुपुर से टहल कर अपने घर लौट रहे थे. इसी दौरान फाटक को क्रॉस करने के दौरान उनकी मौत हो गई.2.1 अक्टूबर 2018 को जमशेदपुर फाटक के पास एक अज्ञात व्यक्ति के शव मिलने से छेत्र में सनसनी फैल गई थी.

स्थानीय लोगों का आंदोलन

पुरानी जुगसलाई ओवरब्रिज के निर्माण को लेकर कई बार जमशेदपुर में स्थानीय आंदोलन भी कर चुके हैं. लेकिन यूपीए की सरकार और भाजपा की रघुवर सरकार से सिर्फ आश्वासनों के सिवाय लोगों को कुछ नहीं मिला है.आरओबी बन जाने से यहां के लोगों की वर्षों पुरानी मांग पूरी हो जाएगी और यातायात व्यवस्था भी सृदृढ़ हो जाएगी और वे सुगमता से आवाजाही कर सकेंगे.

यह भी पढ़ें : पोम्पियो भारत आकर 'टू प्लस टू' वार्ता में लेंगे हिस्सा

अवैध निर्माण ध्वस्त

जमशेदपुर के जुगसलाई स्थित रेलवे ओवर ब्रिज बनाए जाने को लेकर रेल फाटक के आसपास से तकरीबन 141 कच्चे-पक्के मकान और दुकानों को जमींदोज किया जा चुका है और यहां पर रहने वाले स्थानीय लोगों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था भी की जा रही है. यहां के बस्ती को चार चरणों में यहां से हटाकर अन्य स्थानों पर पुनर्वास किया जाएगा. एक चरण में 13-13 बस्ती को यहां से हटाकर अन्य जगहों पर रखा जाएगा. यहां पर कुल (54) घर की संख्या में सीएसआर के तहत टाटा स्टील सहित अन्य कंपनियों के सहयोग से इसे यहां से हटाकर दूसरे स्थान पर बसाया जाएगा.

आवागमन बाधित

जुगसलाई रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण अब तक धीमी रफ्तार से चल रहा है. ओवरब्रिज के निर्माण में रेलवे की जमीन और टाटा लीज वाली जमीन पर कई इमारतें रोड़ा बनी हुई है, जिसका समाधान अब तक नहीं हो पाया है. जुगसलाई से शहर के किसी भी जगह जाने पर जाम की स्थिति बनी रहती है. दोपहिया वाहन मसलन चार पहिया वाहन के खड़े होने के कारण भी यहां जाम की स्थिति बनी रहती है. जाम की समस्या से करा रहे हैं, यहां की ट्रैफिक व्यवस्था का भी पतीला लग चुका है.

जमशेदपुर: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जुगसलाई रेलवे ओवर ब्रिज का उद्घाटन दो साल पूर्व किया था. दो वर्ष बीतने के बाद भी जुगसलाई ओवरब्रिज का निर्माण कार्य धीमी गति से चल रही है. यहां के लोगों को आज भी रेलवे ओवरब्रिज के बनने का इंतजार है. ताकि वो आसानी से आवागमन कर सकें और उन्हें रोजगार मिल सके.

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अधूरी है जनता की मांगें

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जुगसलाई रेलवे ओवरब्रिज के पहुंच पथ कार्य का शिलान्यास दो वर्ष पूर्व किया गया था, तकरीबन 12 करोड़ 93 लाख 42 हजार रुपए की लागत से निर्मित होने वाले इस आरओबी पहुंच पथ का निर्माण कार्य एक वर्ष में पूर्ण होने की बात कही गई थी, दो वर्ष बीतने के बाद भी जुगसलाई ओवरब्रिज की तस्वीर ज्यों की त्यों है. 545 मीटर लंबे पहुंच पथ के निर्माण से यहां की जनता की वर्षों पुरानी मांग पूरी होगी. इसका निर्माण हो जाने से जुगसलाई रेलवे फाटक पर लगने वाले जाम से आम लोगों को निजात मिलेगा.

हादसों का फाटक

9 मई 2017 को जुगसलाई रेलवे फाटक क्रॉसिंग पर शालीमार कुर्ला एक्सप्रेस से कटकर जुगसलाई के अवतार सिंह की मौत हो गई थी. परिजनों के मुताबिक शहर के बिष्टुपुर से टहल कर अपने घर लौट रहे थे. इसी दौरान फाटक को क्रॉस करने के दौरान उनकी मौत हो गई.2.1 अक्टूबर 2018 को जमशेदपुर फाटक के पास एक अज्ञात व्यक्ति के शव मिलने से छेत्र में सनसनी फैल गई थी.

स्थानीय लोगों का आंदोलन

पुरानी जुगसलाई ओवरब्रिज के निर्माण को लेकर कई बार जमशेदपुर में स्थानीय आंदोलन भी कर चुके हैं. लेकिन यूपीए की सरकार और भाजपा की रघुवर सरकार से सिर्फ आश्वासनों के सिवाय लोगों को कुछ नहीं मिला है.आरओबी बन जाने से यहां के लोगों की वर्षों पुरानी मांग पूरी हो जाएगी और यातायात व्यवस्था भी सृदृढ़ हो जाएगी और वे सुगमता से आवाजाही कर सकेंगे.

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अवैध निर्माण ध्वस्त

जमशेदपुर के जुगसलाई स्थित रेलवे ओवर ब्रिज बनाए जाने को लेकर रेल फाटक के आसपास से तकरीबन 141 कच्चे-पक्के मकान और दुकानों को जमींदोज किया जा चुका है और यहां पर रहने वाले स्थानीय लोगों के लिए पुनर्वास की व्यवस्था भी की जा रही है. यहां के बस्ती को चार चरणों में यहां से हटाकर अन्य स्थानों पर पुनर्वास किया जाएगा. एक चरण में 13-13 बस्ती को यहां से हटाकर अन्य जगहों पर रखा जाएगा. यहां पर कुल (54) घर की संख्या में सीएसआर के तहत टाटा स्टील सहित अन्य कंपनियों के सहयोग से इसे यहां से हटाकर दूसरे स्थान पर बसाया जाएगा.

आवागमन बाधित

जुगसलाई रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण अब तक धीमी रफ्तार से चल रहा है. ओवरब्रिज के निर्माण में रेलवे की जमीन और टाटा लीज वाली जमीन पर कई इमारतें रोड़ा बनी हुई है, जिसका समाधान अब तक नहीं हो पाया है. जुगसलाई से शहर के किसी भी जगह जाने पर जाम की स्थिति बनी रहती है. दोपहिया वाहन मसलन चार पहिया वाहन के खड़े होने के कारण भी यहां जाम की स्थिति बनी रहती है. जाम की समस्या से करा रहे हैं, यहां की ट्रैफिक व्यवस्था का भी पतीला लग चुका है.

Last Updated : Oct 27, 2020, 6:11 AM IST
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