दुमका: झारखंड सरकार के द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 का जो बजट पेश किया गया उसे संथालपरगना प्रमण्डल के परिपेक्ष्य में देखा जाए तो यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने पर जोर दिया गया है. एक तरफ साहिबगंज-गोविंदपुर हाइवे को फोरलेन बनाने की घोषणा की गई. वहीं दूसरी ओर संथाल क्षेत्र के देवघर के बाद दुमका में हवाई यात्रा की सुविधा आने वाले दिनों में बहाल करने की घोषणा हुई.
साहिबगंज-गोविंदपुर हाइवे बनेगा फोरलेन: साहिबगंज से गोविंदपुर हाइवे जो 311 किलोमीटर लंबी है, इसका शिलान्यास 2010 में सूबे के तात्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के द्वारा किया गया था और लगभग 6 वर्षों में यह बनकर तैयार हुआ. अब इस सड़क को हेमंत सरकार ने फोरलेन करने की घोषणा की है. धनबाद के गोविंदपुर से राज्य के सबसे अंतिम छोर माने जाने वाले साहेबगंज जिले तक के 311 किमी सड़क को फोरलेन में तब्दील करने की योजना को हेमंत सरकार ने अपने बजट में शामिल किया है. इस साल के बजट में इस परियोजना को शामिल किये जाने से संथालपरगना में आर्थिक उन्नति का मार्ग और तेजी से प्रशस्त हो पायेगा. उल्लेखनीय है कि इस सड़क के चार लेन में परिवर्तित किए जाने से साहेबगंज में गंगा नदी पर बन चुके पोर्ट तक पहुंच आसान हो जाएगा.
दुमका से हवाई सेवा जल्द शुरू करने की घोषणा: हेमंत सरकार के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने जो वर्ष 2023-24 के लिए जो बजट पेश किया है उसमें दुमका से बहुत जल्द हवाई सेवा शुरू करने की घोषणा की गई है. ऐसे में देवघर के बाद संथालपरगना प्रमंडल का दुमका दूसरा एयरपोर्ट बनेगा जहां से लोगों को हवाई यात्रा करने की सुविधा प्राप्त होगी.
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दुमका एयरपोर्ट पर आधारभूत संरचना बनकर है तैयार: हम आपको बता दें कि दुमका हवाई अड्डे पर टर्मिनल बिल्डिंग, एयर ट्रैफिक कंट्रोल यानी एटीसी बिल्डिंग के अलावा एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग, फायर सेफ्टी बिल्डिंग और हैंगर बनकर पहले ही तैयार हो चुका है. इस वजह से यहां से जल्द उड़ान सुविधा शुरू करने में काफी सुविधा होगी.
दुमका सांसद ने की राज्य सरकार के बजट की आलोचना: सांसद सुनील सोरेन ने झारखंड बजट की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि बजट में दूरदर्शिता का पूर्णतः अभाव दिखाई दे रहा है. गरीबों का उत्थान कैसे होगा, किसानों की आय कैसे बढ़ेगी, युवा कैसे आत्मनिर्भर बनेंगे इस पर कोई खास फोकस नहीं किया गया है. सिंचाई के संसाधनों के विकास संबंधित योजनाओं पर कोई खास ध्यान नहीं है. बजट में संथालपरगना प्रमंडल को भी उपेक्षित छोड़ दिया गया है. कोई भी बड़ी योजना की घोषणा नहीं होना इस बात का संकेत है कि सरकार के विकास की प्राथमिकता में संथालपरगना प्रमंडल है ही नहीं. सांसद सुनील सोरेन ने कहा कि सरकार ने खानापूर्ति के लिए यह बजट पेश कर दिया क्योंकि इस वित्तीय वर्ष की बड़ी राशि वह खर्च नहीं कर पाई. उन्होंने कहा कि ऐसी एक भी बड़ी घोषणा सरकार के द्वारा नहीं की गई जो सीधे जनता को लाभ पहुंचाए.