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दुमका में सूख गए सभी जलाशय, पेयजल की समस्या शुरू

दुमका में पिछले 5 महीने से बारिश नहीं हुई है, जिससे जलाशय पूरी तरह सूख गया है, जिससे लोगों के समक्ष पेयजल की समस्या शुरू होनी लगी है.

Water problem started in Dumka
दुमका में पूरी तरह सुख गए सभी जलाशय
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Published : Apr 12, 2021, 6:31 PM IST

दुमका: झारखंड की उपराजधानी में पिछले 5 महीने से बारिश नहीं हुई है. नवंबर 2020 में हल्की बारिश हुई थी, उसके बाद से आज तक बारिश नहीं हुई है. ऐसे में लगभग दुमका की सभी नदियां जैसे मयूराक्षी, मोतीहारा, ब्राह्मणी पूरी तरह से सूख चुकी है. भूमिगत जल का स्तर भी नीचे चला गया है. तालाब में भी पानी नहीं है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-जलसंकट से जूझ रहे नक्सल प्रभावित इलाके में तैनात जवान, कैंप के बाहर नहाने को मजबूर

पानी ना मिलने से किसान परेशान
दुमका में जलाशयों के सूखने से सबसे ज्यादा परेशानी किसानों को हो रही है. वर्तमान समय में किसानों ने अपने खेतों में सब्जी लगाया है, पर ढंग से खेतों में सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं. कई ऐसे खेत भी हैं, जिसे परती छोड़ दिया गया है. संथाल परगना के सबसे वरीय कृषि पदाधिकारी कृषि सहायक निदेशक अजय कुमार सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में पानी की भीषण समस्या उत्पन्न हो गई है, क्योंकि पिछले 5 महीने से बारिश नहीं हुई है. ऐसे में पानी बचाने की जरूरत है, नहीं तो पीने के पानी की भी मुश्किल हो जाएगी.

कृषि उपकरण की व्यवस्था

कृषि सहायक निदेशक ने किसानों को सलाह दिया है कि सिंचाई में कम पानी का इस्तेमाल करें. इसके लिए ड्रिप इरिगेशन या फिर स्प्रिंकलर सिस्टम का प्रयोग करें. इससे पानी की खपत कम होती है और पैदावार बेहतर होता है. खाद का भी समुचित उपयोग होता है. जल समस्या पर किसानों का कहना है कि पानी नहीं रहने की वजह से वह अच्छे ढंग से खेती नहीं कर पा रहे हैं.

जब किसानों से पुछा गया कि ड्रिप इरीगेशन के लिए सरकार से कृषि उपकरण उपलब्ध हो पाता है. इस पर उन्होंने बताया कि प्रखंड स्तर पर कृषि उपकरण प्राप्त करने में काफी परेशानी है. किसानों के लिए सुगमतापूर्वक यह उपलब्ध हो, इसकी व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए.

दुमका: झारखंड की उपराजधानी में पिछले 5 महीने से बारिश नहीं हुई है. नवंबर 2020 में हल्की बारिश हुई थी, उसके बाद से आज तक बारिश नहीं हुई है. ऐसे में लगभग दुमका की सभी नदियां जैसे मयूराक्षी, मोतीहारा, ब्राह्मणी पूरी तरह से सूख चुकी है. भूमिगत जल का स्तर भी नीचे चला गया है. तालाब में भी पानी नहीं है, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है.

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पानी ना मिलने से किसान परेशान
दुमका में जलाशयों के सूखने से सबसे ज्यादा परेशानी किसानों को हो रही है. वर्तमान समय में किसानों ने अपने खेतों में सब्जी लगाया है, पर ढंग से खेतों में सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं. कई ऐसे खेत भी हैं, जिसे परती छोड़ दिया गया है. संथाल परगना के सबसे वरीय कृषि पदाधिकारी कृषि सहायक निदेशक अजय कुमार सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में पानी की भीषण समस्या उत्पन्न हो गई है, क्योंकि पिछले 5 महीने से बारिश नहीं हुई है. ऐसे में पानी बचाने की जरूरत है, नहीं तो पीने के पानी की भी मुश्किल हो जाएगी.

कृषि उपकरण की व्यवस्था

कृषि सहायक निदेशक ने किसानों को सलाह दिया है कि सिंचाई में कम पानी का इस्तेमाल करें. इसके लिए ड्रिप इरिगेशन या फिर स्प्रिंकलर सिस्टम का प्रयोग करें. इससे पानी की खपत कम होती है और पैदावार बेहतर होता है. खाद का भी समुचित उपयोग होता है. जल समस्या पर किसानों का कहना है कि पानी नहीं रहने की वजह से वह अच्छे ढंग से खेती नहीं कर पा रहे हैं.

जब किसानों से पुछा गया कि ड्रिप इरीगेशन के लिए सरकार से कृषि उपकरण उपलब्ध हो पाता है. इस पर उन्होंने बताया कि प्रखंड स्तर पर कृषि उपकरण प्राप्त करने में काफी परेशानी है. किसानों के लिए सुगमतापूर्वक यह उपलब्ध हो, इसकी व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए.

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