दुमकाः जिले के जामा प्रखंड के नावाडीह गांव में दो वर्ष पहले बनाया गया जलापूर्ति प्लांट जर्जर हो गया है. करीब 30 लाख की लागत से ग्रामीण जलापूर्ति प्लांट लगाने के साथ साथ जलापूर्ति पाइप लाइन बिछाई गई, ताकि ग्रामीणों को पीने के पानी की समस्या नहीं हो, लेकिन, पिछले कई माह से लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंच रहा हैं.
इसकी वजह है कि जलापूर्ति प्लांट की खस्ता हालत होना. साथ ही ऑपरेटर बकाया वेतन न मिलने से काम छोड़ चला गया है. इतना ही नहीं, धावाडीह गांव में तीन टोले हैं और तीनों टोलों में छह चापाकल लगाए गए हैं, जिसमें चार चापाकल खराब हैं. स्थिति यह है कि ग्रामीणों को पीने का पानी नहीं मिल रहा हैं. इससे काफी परेशान हैं.
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क्या कहते हैं ग्रामीण
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में जलापूर्ति प्लांट लगा तो काफी खुशी हुई थी, लेकिन यह खुशी कुछ ही महीनों में खत्म हो गई. घरों में लगे नल शोभा की वस्तु बन चुके हैं. गांव में 6 चापाकल में से 4 चापाकल खराब हैं. स्थिति यह है कि दूसरे टोले से पीने के पानी लाना पड़ रहा हैं. इससे काफी परेशानी हो रही हैं. ग्रामीणों की मांग है कि जलापूर्ति प्लांट को जल्द दुरुस्त कराया जाए, ताकि पानी की समस्या से जूझना न पड़े.
क्या कहते हैं कार्यपालक अभियंता
दूसरी ओर दुमका जिले के पेयजल विभाग के कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार चौधरी कहते है कि नावाडीह गांव में लगा जलापूर्ति प्लांट खराब है, इसकी जानकारी नहीं है. अगर खराब है तो तत्काल दुरुस्त कराया जाएगा.