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दुमका में प्रशासन की पहल, बंद खदान में भरे पानी को फिल्टर कर पहुंचाया जा रहा लोगों के घर - झारखंड न्यूज

दुमका में बंद पत्थर खदान (closed stone mines) में भरे पानी को पीने योग्य बनाकर लोगों तक पहुंचाया जा रहा है. इसके लिए सोलर सिस्टम और फिल्ट्रेशन प्लांट भी लगाया गया है.

water filled in the closed mines is being filtered
water filled in the closed mines is being filtered
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Published : Aug 8, 2022, 10:33 PM IST

दुमकाः जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड के कुलकुलीडंगाल गांव में प्रशासन ने अनूठी पहल की है. बंद पड़े पत्थर खदान (closed stone mines) में जमा पानी को फिल्टर कर पाइप लाइन के माध्यम से घर-घर पेयजल के रूप में पहुंचाया जा रहा है. प्रशासन की इस पहल से लोगों में काफी खुशी है.

क्या है पूरा मामलाः आमतौर पर पत्थर के वैसे खदान जिससे उत्पादन बंद हो जाता है, उसमें सैकड़ों फीट पानी भरा रहता है. इस पानी का कोई सदुपयोग नहीं होता है, बल्कि बीच-बीच में इसमें गिरने से दुर्घटना की खबर सामने आती है. लेकिन अब यह पानी लोगों के पीने का काम आएगा. इसके लिए विस्तृत योजना तैयार की गई है और नमूने के तौर पर शिकारीपाड़ा थाना के कुलकुलीडंगाल गांव में सोलर सिस्टम और फिल्ट्रेशन प्लांट लगाकर लोगों को टंकी के माध्यम से घर-घर तक पानी पहुंचाने का काम शुरू हो चुका है. इसकी शुरुआत के लिए जिले के उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला उक्त गांव पहुंचे.

लोगों ने जताई खुशीः सरकार की इस पहल से गांव वालों में काफी खुशी देखी जा रही है. उन्हें कभी अनुमान भी न था कि इस तरह उनके घर तक पेयजल पहुंचेगा. हम आपको बता दें कि कुलकुलीडंगाल में बंद पत्थर खदान (closed stone mines) के पानी को 40 घरों में पहुंचाने की योजना पर लगभग 13 लाख रुपए खर्च किए गए हैं. आने वाले दिनों में यह प्रयोग दूसरे गांव में भी किया जाएगा.

क्या कहते हैं जिले के उपायुक्तः इधर दुमका उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला ने कहा कि पत्थर खदान में जो पानी जमा रहता है, पहले उसका कोई उपयोग नहीं होता था. लेकिन अब इस पानी को साफ कर पीने योग्य बनाया जा रहा है. हम आपको बता दें कि भले ही यहां खदान के जमा पानी को पीने योग्य बनाया गया पर इसके पहले दुमका के रानीश्वर प्रखण्ड के नांदना गांव में खदान के पानी में मछली पालन कर लोगों को स्वावलंबी बनाया जा रहा है. कुल मिलाकर पेयजल की इस योजना को पाकर ग्रामीणों में काफी खुशी है.

दुमकाः जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड के कुलकुलीडंगाल गांव में प्रशासन ने अनूठी पहल की है. बंद पड़े पत्थर खदान (closed stone mines) में जमा पानी को फिल्टर कर पाइप लाइन के माध्यम से घर-घर पेयजल के रूप में पहुंचाया जा रहा है. प्रशासन की इस पहल से लोगों में काफी खुशी है.

क्या है पूरा मामलाः आमतौर पर पत्थर के वैसे खदान जिससे उत्पादन बंद हो जाता है, उसमें सैकड़ों फीट पानी भरा रहता है. इस पानी का कोई सदुपयोग नहीं होता है, बल्कि बीच-बीच में इसमें गिरने से दुर्घटना की खबर सामने आती है. लेकिन अब यह पानी लोगों के पीने का काम आएगा. इसके लिए विस्तृत योजना तैयार की गई है और नमूने के तौर पर शिकारीपाड़ा थाना के कुलकुलीडंगाल गांव में सोलर सिस्टम और फिल्ट्रेशन प्लांट लगाकर लोगों को टंकी के माध्यम से घर-घर तक पानी पहुंचाने का काम शुरू हो चुका है. इसकी शुरुआत के लिए जिले के उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला उक्त गांव पहुंचे.

लोगों ने जताई खुशीः सरकार की इस पहल से गांव वालों में काफी खुशी देखी जा रही है. उन्हें कभी अनुमान भी न था कि इस तरह उनके घर तक पेयजल पहुंचेगा. हम आपको बता दें कि कुलकुलीडंगाल में बंद पत्थर खदान (closed stone mines) के पानी को 40 घरों में पहुंचाने की योजना पर लगभग 13 लाख रुपए खर्च किए गए हैं. आने वाले दिनों में यह प्रयोग दूसरे गांव में भी किया जाएगा.

क्या कहते हैं जिले के उपायुक्तः इधर दुमका उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला ने कहा कि पत्थर खदान में जो पानी जमा रहता है, पहले उसका कोई उपयोग नहीं होता था. लेकिन अब इस पानी को साफ कर पीने योग्य बनाया जा रहा है. हम आपको बता दें कि भले ही यहां खदान के जमा पानी को पीने योग्य बनाया गया पर इसके पहले दुमका के रानीश्वर प्रखण्ड के नांदना गांव में खदान के पानी में मछली पालन कर लोगों को स्वावलंबी बनाया जा रहा है. कुल मिलाकर पेयजल की इस योजना को पाकर ग्रामीणों में काफी खुशी है.

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