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Dumka News: शिकारीपाड़ा में कोल ब्लॉक का ग्रामीण कर रहे विरोध, विधायक का मिला साथ

दुमका के शिकारीपाड़ा में कोल ब्लॉक को लेकर ग्रामीणों का विरोध जारी है. ग्रामीण कोल ब्लॉक को शुरू नहीं करने दे रहे हैं. उनके विरोध को स्थानाीय विधायक का भी साथ मिल गया है.

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Published : May 8, 2023, 7:11 AM IST

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दुमकाः पिछले कुछ दिनों से दुमका जिला प्रशासन शिकारीपाड़ा क्षेत्र में आवंटित कोल ब्लॉक एरिया में ड्रिलिंग-टेस्टिंग शुरू कराने का प्रयास कर रहा है. इसके लिए कई बार संबंधित एरिया के ग्राम प्रधानों और ग्रामीणों के साथ अधिकारियों ने बैठक करना चाहा पर ग्रामीणों के विरोध की वजह से यह संभव नहीं हो सका. अब इसे लेकर प्रशासन की मुश्किलें और भी बढ़ने वाली है, क्योंकि इन ग्रामीणों और ग्राम प्रधानों को झारखंड मुक्ति मोर्चा और स्थानीय विधायक नलिन सोरेन का भी साथ मिल गया है.

ये भी पढ़ेंः Jamtara: गांव में पेयजल की विकराल समस्या, दूषित पानी से प्यास बुझाने को मजबूर ग्रामीण

कोल ब्लॉक खुलने के विरोध में विधायक नलिन सोरेन ने की बैठकः रविवार को सरसडंगाल पंचायत भवन के सामने झामुमो विधायक नलिन सोरेन ने अपने झामुमो प्रखंड कमेटी के साथ कोल ब्लॉक एरिया के ग्राम प्रधानों जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की. इसमें शिकारीपाड़ा के प्रखंड प्रमुख हुदू मरांडी भी शामिल हुए. विधायक नलिन सोरेन, झामुमो जिला कमेटी के प्रवक्ता अब्दुल सलाम अंसारी, प्रखंड प्रमुख हुदू मरांडी ने कोल ब्लॉक का विरोध कर रहे ग्रामीणों और ग्राम प्रधानों को विश्वास दिलाया कि हम आपके साथ हैं. हर कदम पर हर समय आपके लिए खड़े हैं. जिस पंचायत में जब आप हमें बुलाये हम उपस्थित हो जाएंगे. आप की जमीन कोई नहीं ले सकता. ग्रामीणों ने कोल ब्लॉक वापस जाओ , जान भी नहीं देंगे जमीन भी नहीं देंगे, प्रशासन और कोल ब्लॉक के अधिकारी यहां से दूर जाओ के नारे लगाए. इस नारेबाजी में विधायक नलिन सोरेन ने भी उनका साथ दिया. हम आपको बता दें कि इससे पहले भी शिकारीपाड़ा के सात बार के विधायक नलिन सोरेन कोल ब्लॉक नहीं खुलने देने के पक्ष में ग्रामीणों के साथ खड़े दिखाई दिए थे.

केंद्र सरकार ने एक दर्जन कोल ब्लॉक किया है आवंटितः यहां आपको हम बता दें कि भारत सरकार ने दुमका जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड में एक दर्जन कोल ब्लॉक अलग-अलग कंपनियों को आवंटित किया है. कोल कंपनी दुमका में आकर अपने क्षेत्र में ड्रिलिंग टेस्टिंग वगैरह का काम शुरू करना चाहती है लेकिन ग्रामीणों के विरोध की वजह से वह ऐसा नहीं कर पा रही है. हाल ही में जिला प्रशासन ने भी ग्राम प्रधानों और ग्रामीणों से किया आग्रह किया कि आप ड्रिलिंग का काम शुरू होने दें पर ग्रामीणों का विरोध जारी रहा. अब जब इन ग्रामीणों के साथ झारखंड के सत्तारूढ़ दल झामुमो और उनके विधायक खड़े हो गए हैं तो देखना दिलचस्प होगा कि जिला प्रशासन की अगली रणनीति क्या होगी.

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दुमकाः पिछले कुछ दिनों से दुमका जिला प्रशासन शिकारीपाड़ा क्षेत्र में आवंटित कोल ब्लॉक एरिया में ड्रिलिंग-टेस्टिंग शुरू कराने का प्रयास कर रहा है. इसके लिए कई बार संबंधित एरिया के ग्राम प्रधानों और ग्रामीणों के साथ अधिकारियों ने बैठक करना चाहा पर ग्रामीणों के विरोध की वजह से यह संभव नहीं हो सका. अब इसे लेकर प्रशासन की मुश्किलें और भी बढ़ने वाली है, क्योंकि इन ग्रामीणों और ग्राम प्रधानों को झारखंड मुक्ति मोर्चा और स्थानीय विधायक नलिन सोरेन का भी साथ मिल गया है.

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कोल ब्लॉक खुलने के विरोध में विधायक नलिन सोरेन ने की बैठकः रविवार को सरसडंगाल पंचायत भवन के सामने झामुमो विधायक नलिन सोरेन ने अपने झामुमो प्रखंड कमेटी के साथ कोल ब्लॉक एरिया के ग्राम प्रधानों जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की. इसमें शिकारीपाड़ा के प्रखंड प्रमुख हुदू मरांडी भी शामिल हुए. विधायक नलिन सोरेन, झामुमो जिला कमेटी के प्रवक्ता अब्दुल सलाम अंसारी, प्रखंड प्रमुख हुदू मरांडी ने कोल ब्लॉक का विरोध कर रहे ग्रामीणों और ग्राम प्रधानों को विश्वास दिलाया कि हम आपके साथ हैं. हर कदम पर हर समय आपके लिए खड़े हैं. जिस पंचायत में जब आप हमें बुलाये हम उपस्थित हो जाएंगे. आप की जमीन कोई नहीं ले सकता. ग्रामीणों ने कोल ब्लॉक वापस जाओ , जान भी नहीं देंगे जमीन भी नहीं देंगे, प्रशासन और कोल ब्लॉक के अधिकारी यहां से दूर जाओ के नारे लगाए. इस नारेबाजी में विधायक नलिन सोरेन ने भी उनका साथ दिया. हम आपको बता दें कि इससे पहले भी शिकारीपाड़ा के सात बार के विधायक नलिन सोरेन कोल ब्लॉक नहीं खुलने देने के पक्ष में ग्रामीणों के साथ खड़े दिखाई दिए थे.

केंद्र सरकार ने एक दर्जन कोल ब्लॉक किया है आवंटितः यहां आपको हम बता दें कि भारत सरकार ने दुमका जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड में एक दर्जन कोल ब्लॉक अलग-अलग कंपनियों को आवंटित किया है. कोल कंपनी दुमका में आकर अपने क्षेत्र में ड्रिलिंग टेस्टिंग वगैरह का काम शुरू करना चाहती है लेकिन ग्रामीणों के विरोध की वजह से वह ऐसा नहीं कर पा रही है. हाल ही में जिला प्रशासन ने भी ग्राम प्रधानों और ग्रामीणों से किया आग्रह किया कि आप ड्रिलिंग का काम शुरू होने दें पर ग्रामीणों का विरोध जारी रहा. अब जब इन ग्रामीणों के साथ झारखंड के सत्तारूढ़ दल झामुमो और उनके विधायक खड़े हो गए हैं तो देखना दिलचस्प होगा कि जिला प्रशासन की अगली रणनीति क्या होगी.

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