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दीदी किचन में शुद्धता और रोजगार का खास ख्याल, हो रहा सखुआ पत्ते का उपयोग

दुमका के जरमुंडी प्रखंड में दीदी किचन में पूर्णरूप से प्राकृतिक पत्ते का उपयोग हो रहा हैं. आजीविका सखी मंडल दीदी किचन संचालित कर रही है. जहां लोगों के बीच शुद्ध भोजन प्रबंधन के साथ प्राकृतिक पत्तल का भी उपयोग किया जा रहा हैं और गरीब लोगों को एक छोटा सा रोजगार भी मिल रहा है.

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Published : May 6, 2020, 5:02 PM IST

Use of sakhu leaves in Didi Kitchen in dumka
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दुमका: जरमुंडी प्रखंड में चल रहे दीदी किचन में शुद्धता का भरपूर ख्याल रखा जा रहा है. बता दें कि स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित गरीबों और असहाय के लिए भोजन की व्यवस्था की है. यहां लोगों को सखुआ के पत्ते में बिल्कुल शुद्धता पूर्वक भोजन कराया जा रहा है.

देखें वीडियो

दुमका के जरमुंडी प्रखंड में दीदी किचन में पूर्णरूप से प्राकृतिक पत्ते का उपयोग हो रहा हैं. लॉकडाउन के कारण पूरा बाजार बंद है. वहीं, आजीविका सखी मंडल दीदी किचन चलाया रहा है. जहां लोगों के बीच शुद्ध भोजन प्रबंधन के साथ प्राकृतिक पत्तल का भी उपयोग किया जा रहा है और गरीब लोगों को एक छोटा सा रोजगार भी मिल रहा है.

जरमुंडी प्रखड के धर्मपुर की बहा मुर्मू पत्तल बेच कर गुजर बसर करती थी. लेकिन लॉकडाउन के कारण बासुकीनाथ बाजार बंद है. जिस कारण बिक्री पर विराम लग गया है.

वहीं, गांव की स्वीटी मरांडी का कहना है कि अभी लॉकडाउन में हमलोग रोजगार से वंचित है. ऐसे में दीदी किचन या फिर कोई भी कार्य में हमारे बनाए हुए पत्ते का उपयोग किया जाता तो हमें रोजगार के अवसर मिलेगा और हम सब का घर परिवार चल सके. घर से बहार अभी कोई काम नहीं कर पा रहा है. हमलोगों का कुछ आय भी नहीं हो रहा है, जिससे हम अपनी जीविका चला सकें.

सरकार द्वारा संचालित दीदी की किचन मे गरीब और असहाय लोगों को निशुल्क भोजन कराया जा रहा है. भोजन कराने में संस्था शुद्धता का भरपूर रख रहा है. ग्रामीणों द्वारा निर्मित सखुआ के पत्तल में लोगों को भोजन कराया जा रहा है. इससे ग्रामीण क्षेत्र में गरीबों को भी रोजगार मिल रहा है.

दुमका: जरमुंडी प्रखंड में चल रहे दीदी किचन में शुद्धता का भरपूर ख्याल रखा जा रहा है. बता दें कि स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित गरीबों और असहाय के लिए भोजन की व्यवस्था की है. यहां लोगों को सखुआ के पत्ते में बिल्कुल शुद्धता पूर्वक भोजन कराया जा रहा है.

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दुमका के जरमुंडी प्रखंड में दीदी किचन में पूर्णरूप से प्राकृतिक पत्ते का उपयोग हो रहा हैं. लॉकडाउन के कारण पूरा बाजार बंद है. वहीं, आजीविका सखी मंडल दीदी किचन चलाया रहा है. जहां लोगों के बीच शुद्ध भोजन प्रबंधन के साथ प्राकृतिक पत्तल का भी उपयोग किया जा रहा है और गरीब लोगों को एक छोटा सा रोजगार भी मिल रहा है.

जरमुंडी प्रखड के धर्मपुर की बहा मुर्मू पत्तल बेच कर गुजर बसर करती थी. लेकिन लॉकडाउन के कारण बासुकीनाथ बाजार बंद है. जिस कारण बिक्री पर विराम लग गया है.

वहीं, गांव की स्वीटी मरांडी का कहना है कि अभी लॉकडाउन में हमलोग रोजगार से वंचित है. ऐसे में दीदी किचन या फिर कोई भी कार्य में हमारे बनाए हुए पत्ते का उपयोग किया जाता तो हमें रोजगार के अवसर मिलेगा और हम सब का घर परिवार चल सके. घर से बहार अभी कोई काम नहीं कर पा रहा है. हमलोगों का कुछ आय भी नहीं हो रहा है, जिससे हम अपनी जीविका चला सकें.

सरकार द्वारा संचालित दीदी की किचन मे गरीब और असहाय लोगों को निशुल्क भोजन कराया जा रहा है. भोजन कराने में संस्था शुद्धता का भरपूर रख रहा है. ग्रामीणों द्वारा निर्मित सखुआ के पत्तल में लोगों को भोजन कराया जा रहा है. इससे ग्रामीण क्षेत्र में गरीबों को भी रोजगार मिल रहा है.

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