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Literature Festival In Dumka: दुमका में दो दिवसीय लिटरेचर फेस्टिवल शुरू, कार्यक्रम में देशभर के कई साहित्यकार लेंगे हिस्सा - Jharkhand news

दुमका में दिनों तक साहित्य का मेला जारी रहेगा. दो दिवसीय लिटरेचर फेस्टिवल में देशभर के कई नामी-गिरामी लेखक और साहित्यकार शिरकत करेंगे. इस कार्यक्रम का मकसद छोटे शहरों में साहित्य सृजन को बढ़ावा देना है.

Two day literature festival started in Dumka
Two day literature festival started in Dumka
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Published : Mar 18, 2023, 5:10 PM IST

Updated : Mar 18, 2023, 5:17 PM IST

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दुमका: झारखंड की उप राजधानी दुमका के कन्वेंशन हॉल में दो दिवसीय लिटरेचर फेस्टिवल की शुरुआत शनिवार से हो चुकी है. इस साहित्य उत्सव में पूरे देश के कई प्रसिद्ध लेखक-साहित्यकार औक कवि के साथ प्रकाशक भी शिरकत कर रहे हैं. कार्यक्रम का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर साहित्य को बढ़ावा देना है. छोटे शहरों से साहित्यकार-लेखक कैसे आगे आए इस पर चर्चा होनी है. इन लेखकों की रचना-कविता का प्रकाशन कैसे सुगमता पूर्वक होगा इसकी भी जानकारी दी जाएगी.

ये भी पढ़ें: Dumka News: दुमका में दो बेटियों को किया गया सम्मानित, इनकी बहादुरी की हर कोई कर रहा तारीफ

कई प्रसिद्ध लेखक और साहित्यकार कर रहे हैं शिरकत: दो दिवसीय है लिटरेचर फेस्टिवल में पूरे देश भर के कई प्रसिद्ध साहित्यकार और लेखक भाग ले रहे हैं. प्रमुख तौर पर डॉ अच्युत चेतन, पियूष मिश्रा, रजा काजमी, विक्रम ग्रेवाल, चंद्रहास चौधरी, हुसैन हैदरी, नवीन किशोर ज्ञानेंद्रपति, अभय कुमार, अनुकृति उपाध्याय के साथ संथाली भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार चुंडा सोरेन सिपाही और फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर के पटकथा लेखक जीशान कादरी के साथ कई लोग ऑनलाइन भी जुड़ेंगे. इसमें पंकज त्रिपाठी और वरुण ग्रोवर प्रमुख हैं. अगर प्रकाशकों की बात करें तो नीता गुप्ता, रवि सिंह, तृषा दे नियोगी प्रमुख हैं. 27 पुस्तकों की रचना करने वाले पश्चिम बंगाल के विधायक मनोरंजन व्यापारी भी इस साहित्य उत्सव में भाग ले रहे हैं.

दो दिनों तक कई विषयों पर होगी परिचर्चा: इस लिटरेचर फेस्टिवल में दो दिनों में कई विषयों पर लेखक-साहित्यकार अपने विचार रखेंगे. इन विषयों में प्रमुख हैं, लिखने की प्रेरणा, प्रकाशन क्या और क्यों, छोटे शहरों के लेखकों के लिए. वन्य जीव और पर्यावरण- प्रकृति से सामंजस्य की आवश्यकता. लेखक बनने का प्रशिक्षण- रचनात्मक लेखन की ओर. स्थानों के बारे में साहित्य, अविस्मरणीय महिलाओं की कहानियां, साहित्य और जीवन में हास्य, साहित्य और मानसिक स्वास्थ्य- स्वयं के साथ सामंजस्य, झारखंड राज्य और इसके निवासियों के बारे में साहित्य, पुस्तक-पुस्तकालय और साहित्य, साहित्य और सिनेमा, छोटे शहरों की चुनौतियां और अवसर जैसे विषय प्रमुख हैं.

इससे लिटरेचर फेस्टिवल के संबंध में कोलकाता विश्वविद्यालय के अंग्रेजी के प्राध्यापक और प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ अच्युत चेतन ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम काफी स्वागत योग्य हैं. निश्चित तौर पर इससे स्थानीय स्तर पर साहित्य के प्रति लोगों में रुचि बढ़ेगी. नए-नए लेखक, रचनाकार सामने आएंगे और साहित्य के प्रति एक बेहतर माहौल तैयार होगा.

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दुमका: झारखंड की उप राजधानी दुमका के कन्वेंशन हॉल में दो दिवसीय लिटरेचर फेस्टिवल की शुरुआत शनिवार से हो चुकी है. इस साहित्य उत्सव में पूरे देश के कई प्रसिद्ध लेखक-साहित्यकार औक कवि के साथ प्रकाशक भी शिरकत कर रहे हैं. कार्यक्रम का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर साहित्य को बढ़ावा देना है. छोटे शहरों से साहित्यकार-लेखक कैसे आगे आए इस पर चर्चा होनी है. इन लेखकों की रचना-कविता का प्रकाशन कैसे सुगमता पूर्वक होगा इसकी भी जानकारी दी जाएगी.

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कई प्रसिद्ध लेखक और साहित्यकार कर रहे हैं शिरकत: दो दिवसीय है लिटरेचर फेस्टिवल में पूरे देश भर के कई प्रसिद्ध साहित्यकार और लेखक भाग ले रहे हैं. प्रमुख तौर पर डॉ अच्युत चेतन, पियूष मिश्रा, रजा काजमी, विक्रम ग्रेवाल, चंद्रहास चौधरी, हुसैन हैदरी, नवीन किशोर ज्ञानेंद्रपति, अभय कुमार, अनुकृति उपाध्याय के साथ संथाली भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार चुंडा सोरेन सिपाही और फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर के पटकथा लेखक जीशान कादरी के साथ कई लोग ऑनलाइन भी जुड़ेंगे. इसमें पंकज त्रिपाठी और वरुण ग्रोवर प्रमुख हैं. अगर प्रकाशकों की बात करें तो नीता गुप्ता, रवि सिंह, तृषा दे नियोगी प्रमुख हैं. 27 पुस्तकों की रचना करने वाले पश्चिम बंगाल के विधायक मनोरंजन व्यापारी भी इस साहित्य उत्सव में भाग ले रहे हैं.

दो दिनों तक कई विषयों पर होगी परिचर्चा: इस लिटरेचर फेस्टिवल में दो दिनों में कई विषयों पर लेखक-साहित्यकार अपने विचार रखेंगे. इन विषयों में प्रमुख हैं, लिखने की प्रेरणा, प्रकाशन क्या और क्यों, छोटे शहरों के लेखकों के लिए. वन्य जीव और पर्यावरण- प्रकृति से सामंजस्य की आवश्यकता. लेखक बनने का प्रशिक्षण- रचनात्मक लेखन की ओर. स्थानों के बारे में साहित्य, अविस्मरणीय महिलाओं की कहानियां, साहित्य और जीवन में हास्य, साहित्य और मानसिक स्वास्थ्य- स्वयं के साथ सामंजस्य, झारखंड राज्य और इसके निवासियों के बारे में साहित्य, पुस्तक-पुस्तकालय और साहित्य, साहित्य और सिनेमा, छोटे शहरों की चुनौतियां और अवसर जैसे विषय प्रमुख हैं.

इससे लिटरेचर फेस्टिवल के संबंध में कोलकाता विश्वविद्यालय के अंग्रेजी के प्राध्यापक और प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ अच्युत चेतन ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम काफी स्वागत योग्य हैं. निश्चित तौर पर इससे स्थानीय स्तर पर साहित्य के प्रति लोगों में रुचि बढ़ेगी. नए-नए लेखक, रचनाकार सामने आएंगे और साहित्य के प्रति एक बेहतर माहौल तैयार होगा.

Last Updated : Mar 18, 2023, 5:17 PM IST
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