दुमका: जिले के जामा प्रखंड के बारापलासी स्थित तातलोई में प्राकृतिक रूप से जमीन के अंदर से गर्म जल निकलता है. पूर्व से यहां कई कुंड बना दिए गए हैं, जिसमें लोग जाड़े के दिनों में आकर स्नान करते हैं. खासतौर पर मकर संक्रांति के अवसर पर यहां दो दिनों का मेला भी लगता है.
तातलोई के पर्यटन केंद्र की खासियत
कहा जाता है कि यहां के गर्म पानी में स्नान करने से चर्मरोग भी दूर होता है और लोग इसके आसपास पिकनिक भी मनाते हैं. बच्चों को यहां काफी आनंद आता है. प्रकृति के इस अनुपम उपहार का जिस तरह विकास होना चाहिए था वह आज तक नहीं हो पाया है. इस वजह से दूर-दराज के लोगों तक इसकी खासियत के बारे में जानकारी नहीं पहुंच सकी. यह दुमका और आसपास के जिलों तक ही सिमटकर रह गया. जिला प्रशासन ने इसे डेवलप करने की कई बार प्लानिंग की. अगल-बगल के लोगों की जमीन का अधिग्रहण हुआ, लेकिन आज तक इस का अपेक्षित विकास नहीं हुआ.
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क्या कहते हैं सैलानी
यहां आने वाले लोगों का कहना है कि यह इतनी अच्छी जगह है, लेकिन इसका विकास नहीं हो पाया है. अगर इसका विकास कर दिया जाता तो इसकी सुंदरता में चार चांद लग जाते. हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि हमेशा इसके विकास की चर्चा होती है, लेकिन आज निराशा ही हाथ लगी है. उनका कहना है कि सरकार और जिला प्रशासन अगर इसे बड़े पर्यटन केंद्र के रूप में डेवलप कर देती है तो देश के कोने-कोने से लोग यहां आएंगे, जिससे इसकी सुंदरता भी बढ़ जाएगी और आसपास के लोगों को रोजगार भी मिल जाएगा.
सरकार पर टिकी निगाहें
जिस स्थान पर तातलोई का गर्म कुंड है, वहां से दुमका सांसद सुनील सोरेन के घर की दूरी महज 8 किलोमीटर है. जब ईटीवी भारत की टीम ने तातलोई के विकास को लेकर सांसद सुनील सोरेन से बात की तो उन्होंने भी माना कि जिस तरह से इसका विकास होना था, वह नहीं हो पाया है.
उनका कहना है कि जब वे जामा से विधायक थे तो उन्होंने विधायक निधि से यहां कुछ काम करवाया था. इसे विकसित करने को लेकर उन्होंने कहा कि वह भारत सरकार से इस मामले में पहल करेंगे. झारखंड में दुमका को पिछड़ा क्षेत्र माना जाता है. यहां कोई बड़े उद्योग धंधे नहीं है. ऐसे में अगर इस तरह के पर्यटन स्थल को विकसित किया जाएगा तो इससे जिले का समग्र विकास संभव हो पाएगा. सरकार को इस दिशा में पहल करने की जरूरत है.