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दुमका में आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम के तहत चिंतन शिविर का आयोजन, स्वास्थ्य और शिक्षा को बेहतर करने पर चर्चा - दुमका शिक्षा और स्वास्थ्य लेकर कार्यक्रम का आयोजन

दुमका में नीति आयोग के कार्यक्रम के तहत चिंतन शिविर का आयोजन हुआ. जिसमें प्रधानमंत्री योजना के जरिए कम विकसित क्षेत्र को चिन्हित कर वहां विकास करने की बात कही गई. साथ ही इससे जुड़े लोगों को सभी चीजों पर ध्यान देते हुए कमियों को बताने की बात कही गई.

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दुमका में आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम के तहत चिंतन शिविर कार्यक्रम का आयोजन
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 21, 2023, 12:31 PM IST

दुमका: कन्वेंशन सेंटर में भारत सरकार के नीति आयोग द्वारा संचालित आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम के तहत चिंतन शिविर का आयोजन किया गया. जिसमें मिशन निदेशक आनंद शेखर ने दीप प्र ज्ज्वलित कर इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया. जिला अधिकारियों के साथ मुखिया, सहिया और आंगनबाड़ी सेविकाओं ने भी इसमें भाग लिया. इस दौरान ग्रामीण इलाको में स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति को बेहतर बनाने के लिए विशेष चर्चा की गई.

इसे भी पढ़ें: आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम ग्रामीण इलाकों की बदलेगी तस्वीर, पायलट प्रोजेक्ट में पलामू के हरिहरगंज का भी किया गया चयन

रामगढ़ और जरमुंडी प्रखंड को किया गया है चिन्हित: इस कार्यक्रम में अतिरिक्त मिशन निदेशक आनंद शेखर और जिला के उपायुक्त आंजनेयुलू दोड्डे के द्वरा पंचायत के कर्मियों को जागरूक किया गया. स्वास्थ्य इंडिकेटर बढ़ाने को लेकर आंगनबाड़ी सेविका, सहिया दीदी, संबंधित अधिकारियों और कर्मियों से कार्य में आ रही परेशानियों के बारे में पूछा गया. इस दौरान कहा गया कि आंगनबाड़ी समय अनुसार चलाई जाए और बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए. पंचायत स्तर पर चिंतन शिविर का आयोजन किया जा रहा है, कोई भी समस्या आती है तो विभाग को इससे अवगत कराएं.

अतिरिक्त मिशन निदेशक आनंद शेखर ने कार्यक्रम को किया संबोधित: कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अतिरिक्त मिशन निदेशक आनंद शेखर ने बताया कि आकांक्षी जिला कार्यक्रम का प्रारंभ जनवरी 2018 में, प्रधानमंत्री के द्वारा 112 सबसे कम विकसित क्षेत्रों का विकास करने के उद्देश्य से किया गया था. इसकी सफलता को देखते हुए इसी वर्ष 07 जनवरी 2023 को प्रखंडों को विकसित करने का भी निर्णय लिया गया. इसी क्रम में झारखंड के कुल 34 प्रखंडों को इस कार्यक्रम के अंतर्गत चयनित किया गया है. जिसमें दुमका जिले के दो प्रखंड रामगढ़ और जरमुंडी शामिल हैं. इसकी रैंकिंग त्रैमासिक स्तर पर नीति आयोग के द्वारा जारी की जाती है और इसी रैंकिंग के आधार पर आधारभूत सुविधा में सुधार की जाती है.

उन्होंने आगे कहा कि लोगों को अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य बड़े शहरों में नहीं बल्कि प्रखंड स्तर पर मिले इसका प्रयास हम सभी को करना है. आवश्यक व्यवस्था जो मानव जीवन के रोजमर्रा के लिए जरूरी है, उसे ग्रामस्तर तक पहुंचाया जाएगा. इस शिविर में सहिया दीदी, सेविकाओं को उपायुक्त से सीधा संवाद करने का मौका मिला है. यही बेहतर रास्ता है. ग्राम तक कार्य कर रहे कर्मियों को सहयोग करने का. लोगों को जागरूक किया जाएगा और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना सिखाया जाएगा.

उपायुक्त ने कहा- कमियों को सब मिलकर करेंगे दूर: वहीं दूसरी तरफ दुमका उपायुक्त आंजनेयुलू दोड्डे ने चिंतन शिविर में कहा कि आयोग के इंडिकेटर में जो भी कमियां हैं उसे हम सब मिलकर दूर करेंगे. सही दिशा में मेहनत करेंगे तो हमें सफलता मिलेगी. बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसपर हम सभी को चिंतन करना है. स्कूल भ्रमण में देखा जाता है कि बच्चों की उपस्थिति कम रहती है, इसका निराकरण पंचायत-ग्राम स्तर पर चिंतन कर करना होगा. परिजनों को जागरूक करके ही बच्चों की उपस्थिति विद्यालय में शत प्रतिशत सुनिश्चित की जा सकती है. जिसके लिए सभी पदाधिकारी और कर्मियों को अपना 100% देना होगा. उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार के द्वारा बच्चों के बैंक खातों में राशि दी जाती है. जिस वजह से सभी परिजनों में यह जागरुकता लानी होगी कि जिस कार्य के लिए राशि दी गई है उसपर ही खर्च किया जाए. जिला प्रशासन के जरिए आने वाले दिनों में पंचायत स्तर पर बैठक की जाएगी, ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचाया जा सके.

दुमका: कन्वेंशन सेंटर में भारत सरकार के नीति आयोग द्वारा संचालित आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम के तहत चिंतन शिविर का आयोजन किया गया. जिसमें मिशन निदेशक आनंद शेखर ने दीप प्र ज्ज्वलित कर इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया. जिला अधिकारियों के साथ मुखिया, सहिया और आंगनबाड़ी सेविकाओं ने भी इसमें भाग लिया. इस दौरान ग्रामीण इलाको में स्वास्थ्य और शिक्षा स्थिति को बेहतर बनाने के लिए विशेष चर्चा की गई.

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रामगढ़ और जरमुंडी प्रखंड को किया गया है चिन्हित: इस कार्यक्रम में अतिरिक्त मिशन निदेशक आनंद शेखर और जिला के उपायुक्त आंजनेयुलू दोड्डे के द्वरा पंचायत के कर्मियों को जागरूक किया गया. स्वास्थ्य इंडिकेटर बढ़ाने को लेकर आंगनबाड़ी सेविका, सहिया दीदी, संबंधित अधिकारियों और कर्मियों से कार्य में आ रही परेशानियों के बारे में पूछा गया. इस दौरान कहा गया कि आंगनबाड़ी समय अनुसार चलाई जाए और बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए. पंचायत स्तर पर चिंतन शिविर का आयोजन किया जा रहा है, कोई भी समस्या आती है तो विभाग को इससे अवगत कराएं.

अतिरिक्त मिशन निदेशक आनंद शेखर ने कार्यक्रम को किया संबोधित: कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अतिरिक्त मिशन निदेशक आनंद शेखर ने बताया कि आकांक्षी जिला कार्यक्रम का प्रारंभ जनवरी 2018 में, प्रधानमंत्री के द्वारा 112 सबसे कम विकसित क्षेत्रों का विकास करने के उद्देश्य से किया गया था. इसकी सफलता को देखते हुए इसी वर्ष 07 जनवरी 2023 को प्रखंडों को विकसित करने का भी निर्णय लिया गया. इसी क्रम में झारखंड के कुल 34 प्रखंडों को इस कार्यक्रम के अंतर्गत चयनित किया गया है. जिसमें दुमका जिले के दो प्रखंड रामगढ़ और जरमुंडी शामिल हैं. इसकी रैंकिंग त्रैमासिक स्तर पर नीति आयोग के द्वारा जारी की जाती है और इसी रैंकिंग के आधार पर आधारभूत सुविधा में सुधार की जाती है.

उन्होंने आगे कहा कि लोगों को अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य बड़े शहरों में नहीं बल्कि प्रखंड स्तर पर मिले इसका प्रयास हम सभी को करना है. आवश्यक व्यवस्था जो मानव जीवन के रोजमर्रा के लिए जरूरी है, उसे ग्रामस्तर तक पहुंचाया जाएगा. इस शिविर में सहिया दीदी, सेविकाओं को उपायुक्त से सीधा संवाद करने का मौका मिला है. यही बेहतर रास्ता है. ग्राम तक कार्य कर रहे कर्मियों को सहयोग करने का. लोगों को जागरूक किया जाएगा और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना सिखाया जाएगा.

उपायुक्त ने कहा- कमियों को सब मिलकर करेंगे दूर: वहीं दूसरी तरफ दुमका उपायुक्त आंजनेयुलू दोड्डे ने चिंतन शिविर में कहा कि आयोग के इंडिकेटर में जो भी कमियां हैं उसे हम सब मिलकर दूर करेंगे. सही दिशा में मेहनत करेंगे तो हमें सफलता मिलेगी. बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसपर हम सभी को चिंतन करना है. स्कूल भ्रमण में देखा जाता है कि बच्चों की उपस्थिति कम रहती है, इसका निराकरण पंचायत-ग्राम स्तर पर चिंतन कर करना होगा. परिजनों को जागरूक करके ही बच्चों की उपस्थिति विद्यालय में शत प्रतिशत सुनिश्चित की जा सकती है. जिसके लिए सभी पदाधिकारी और कर्मियों को अपना 100% देना होगा. उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार के द्वारा बच्चों के बैंक खातों में राशि दी जाती है. जिस वजह से सभी परिजनों में यह जागरुकता लानी होगी कि जिस कार्य के लिए राशि दी गई है उसपर ही खर्च किया जाए. जिला प्रशासन के जरिए आने वाले दिनों में पंचायत स्तर पर बैठक की जाएगी, ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचाया जा सके.

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