दुमका: भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ पर्सनल, पब्लिक ग्रीवांसेस एंड पेंसन्स डिपार्टमेंट ऑफ एडमिनिस्ट्रेटिव के अधिकारियों की टीम दुमका के मंदिरों के गांव मलूटी पहुंची. यहां उन्होंने इसके विकास के लिए निरीक्षण किया. टीम ने माना कि इस ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करते हुए इसका विकास करना आवश्यक है और इसके लिए आवश्यक पहल की जाएगी.
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क्या है पूरा मामला: भारत सरकार के अधिकारियों की टीम गुरुवार को मंदिरों के गांव मलूटी पहुंची. पहले उन्होंने मां मौलिक्षा के मंदिर में पूजा अर्चना की. इसके बाद मलूटी गांव के अंदर टेराकोटा पद्धति से देवी देवताओं के मंदिरों का निरीक्षण किया. इस मौके पर शिकारीपाड़ा बीडीओ संतोष कुमार चौधरी और अंचलाधिकारी राजूकमल भी मौजूद रहे. मंदिरों का बारीकी से निरीक्षण करने के बाद विभाग के अवर सचिव चेतन दास ने बताया कि सदियों पहले निर्मित इन मंदिरों का संरक्षण काफी आवश्यक है. इसे अगर सुरक्षित नहीं किया गया तो ये ऐतिहासिक धरोहर समाप्त हो जाएंगे. इनके बारे में पूरे विश्व को पता होना चाहिए. उन्होंने कहा कि इन मंदिरों को संरक्षित करने के दिशा में हमारी टीम की ओर से आवश्यक पहल की जाएगी.
क्या है मलूटी मंदिर: शिकारीपाड़ा प्रखंड के मलूटी गांव में 400 वर्ष पुराने 72 मंदिर हैं. इसी वजह से इस मलूटी गांव को मंदिरों का गांव कहा जाता है. देखरेख के अभाव में इन मंदिरों की स्थिति धीरे-धीरे जर्जर हो रही है. लगभग दो दशक पहले राज्य सरकार ने इसकी मरम्मत का काम शुरू किया था, लेकिन फिर इसे भुला दिया गया. बाद में केंद्र सरकार ने इसकी सुधि ली और विस्तृत कार्य योजना बनाई गई. केंद्र सरकार ने 2015 में लगभग चार करोड़ की लागत से इसके जीर्णोद्धार के कार्य का शिलान्यास किया था. 2016 में यह काम शुरू हुआ. जिसके बाद जीर्णोद्धार कार्य की गति काफी धीमी नजर आई.
केंद्रीय टीम ने कई योजनाओं का भी लिया जायजा: इसके पहले केंद्र सरकार की इस टीम ने दुमका में संचालित कई विकास योजनाओं का भी निरीक्षण किया. शिकारीपाड़ा के धनगढ़ा गांव में बने सरकारी कर्मियों के प्रशिक्षण केन्द्र की गतिविधियों को देखा. इसके अलावा दुमका सदर प्रखंड के घासीपुर गांव और जरका गंव में चल रहे विकास की योजनाओं का निरीक्षण किया. इसमें मुख्य रूप से गांव में बांस के सामानों के निर्माण में लगी महिलाओं के लिए बने बम्बू शेड, गांव आंगनबाड़ी केंद्र और प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने ग्रामीण महिलाओं और आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों से बातचीत भी की. इसके अतिरिक्त अधिकारियों ने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत ओडीएफ के कार्यो का भी निरीक्षण किया गया.