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दुमकाः सरकारी उपेक्षा का शिकार तातलोई गर्म पानी कुंड, पर्यटन की है असीम संभावनाएं - दुमका का तातलोई गर्म पानी कुंड

झारखंड सरकार की उदासीनता की वजह से दुमका के तातलोई गर्म पानी कुंड को एक पर्यटन केंद्र के रूप में अब तक विकसित नहीं किया जा सका है. मकर संक्रांति के अवसर पर यहां दो दिनों का मेला लगता है, जिसमें काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं. अगर इसे डेवलप किया जाए तो मकर संक्रांति के अतिरिक्त जाड़े के दिनों में यहां पर्यटक आकर कुंड में स्नान का आनंद ले सकते हैं.

दुमकाः सरकारी उपेक्षा का शिकार तातलोई गर्म पानी कुंड, पर्यटन की है असीम संभावनाएं
दुमकाः सरकारी उपेक्षा का शिकार तातलोई गर्म पानी कुंड, पर्यटन की है असीम संभावनाएं
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Published : Jan 15, 2020, 4:33 PM IST

दुमकाः जिले के भुरभुरी नदी के किनारे मकर संक्रांति के अवसर पर गर्म कुंड में स्नान के लिए काफी संख्या में लोग जुड़ते हैं. इस अवसर पर यहां दो दिनों का मेला भी लगता है. लोगों को कुंड में स्नान कर काफी आनंद आता है लेकिन सरकारी उदासीनता की वजह से इसका अब तक विकास नहीं हो पाया है.

देखें पूरी खबर

गर्म पानी के यहां पांच कुंड हैं, जिसका पानी काफी गंदा नजर आता है. कुंड की सफाई नहीं होने से पानी के नीचे कीचड़ की मोटी परत जम गई है. सबसे बड़ी बात है कि इस पूरे इलाके में सैलानियों के ठहरने के लिए एक धर्मशाला है. यहां एक भी सामुदायिक भवन तक नहीं है. ऐसे में यहां आने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है.

और पढ़ें- लालू प्रसाद यादव 16 जनवरी को कोर्ट के दहलीज पर लगाएंगे हाजिरी, जेल प्रशासन को भेजा गया आदेश

क्या कहते हैं लोग

यहां आने वाले लोगों का कहना है कि यहां काफी परेशानी है. गंदगी चारों तरफ बिखरी हुई है. कुंड के आसपास ठहरने का कोई जगह नहीं है. खासतौर पर महिलाओं को कपड़े बदलने या शौचालय वगैरह का कोई इंतजाम नहीं है, जिससे काफी परेशानी होती है. वे सरकार से इसे एक विकसित करने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि अगर इसका सही ढंग से डिवेलप किया जाए तो यह प्रसिद्ध पर्यटन केंद्र के रूप में उभरेगा, साथ ही साथ रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.

क्या कहती हैं उपायुक्त

इसे विकसित करने के संबंध में दुमका की उपायुक्त राजेश्वरी बी ने बताया कि एक अलग से फंड बनाकर इसे विकसित करने की योजना पर शीघ्र काम किया जाएगा.

दुमकाः जिले के भुरभुरी नदी के किनारे मकर संक्रांति के अवसर पर गर्म कुंड में स्नान के लिए काफी संख्या में लोग जुड़ते हैं. इस अवसर पर यहां दो दिनों का मेला भी लगता है. लोगों को कुंड में स्नान कर काफी आनंद आता है लेकिन सरकारी उदासीनता की वजह से इसका अब तक विकास नहीं हो पाया है.

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गर्म पानी के यहां पांच कुंड हैं, जिसका पानी काफी गंदा नजर आता है. कुंड की सफाई नहीं होने से पानी के नीचे कीचड़ की मोटी परत जम गई है. सबसे बड़ी बात है कि इस पूरे इलाके में सैलानियों के ठहरने के लिए एक धर्मशाला है. यहां एक भी सामुदायिक भवन तक नहीं है. ऐसे में यहां आने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है.

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क्या कहते हैं लोग

यहां आने वाले लोगों का कहना है कि यहां काफी परेशानी है. गंदगी चारों तरफ बिखरी हुई है. कुंड के आसपास ठहरने का कोई जगह नहीं है. खासतौर पर महिलाओं को कपड़े बदलने या शौचालय वगैरह का कोई इंतजाम नहीं है, जिससे काफी परेशानी होती है. वे सरकार से इसे एक विकसित करने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि अगर इसका सही ढंग से डिवेलप किया जाए तो यह प्रसिद्ध पर्यटन केंद्र के रूप में उभरेगा, साथ ही साथ रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.

क्या कहती हैं उपायुक्त

इसे विकसित करने के संबंध में दुमका की उपायुक्त राजेश्वरी बी ने बताया कि एक अलग से फंड बनाकर इसे विकसित करने की योजना पर शीघ्र काम किया जाएगा.

Intro:दुमका -
झारखंड सरकार की उदासीनता की वजह से दुमका के तातलोई गर्म पानी कुंड को एक पर्यटन केंद्र के रूप में अब तक विकसित नहीं किया जा सका है । मकर संक्रांति के अवसर पर यहां दो दिनों का मेला लगता है । जिसमें काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं । अगर इसे डेवलप किया जजाये तो मकर संक्रांति के अतिरिक्त जाड़े के दिनों में यहां पर्यटक आकर कुंड में स्नान का आनंद ले सकते हैं ।

मकर संक्रांति के अवसर पर लगता है दो दिनों का मेला ।
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दुमका जिले के भुरभुरी नदी के किनारे मकर संक्रांति के अवसर पर गर्म कुंड में स्नान के लिए काफी संख्या में लोग जुड़ते हैं । इस अवसर पर यहां दो दिनों का मेला भी लगता है । लोगों को कुंड में स्नान कर काफी आनंद आता है लेकिन सरकारी उदासीनता की वजह से इसका अब तक विकास नहीं हो पाया । गर्म पानी के यहाँ पांच कुंड है जिसका पानी काफी गंदा नजर आता है । कुंड की सफाई नहीं होने पानी के नीचे कीचड़ की मोटी परत जम गई है । सबसे बड़ी बात कि इस पूरे इलाके में सैलानियों के ठहरने के लिए एक धर्मशाला है । एक सामुदायिक भवन तक नहीं है । ऐसे में यहां आने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है ।


Body:क्या कहते हैं लोग ।
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यहां आने वाले लोगों का कहना है कि काफी परेशानी है । गंदगी चारों तरफ बिखरी हुई है । कुंड के आसपास ठहरने का कोई जगह नहीं है । खासतौर पर महिलाओं को कपड़े बदलने या शौचालय वगैरह का कोई इंतजाम नहीं है जिससे काफी परेशानी होती है । वे सरकार से इसे एक विकसित करने की मांग कर रहे हैं । उनका कहना है कि अगर इसका सही ढंग से डिवेलप किया जाए तो यह प्रसिद्ध पर्यटन केंद्र के रूप में उभरेगा । साथ ही साथ रोजगार के अवसर बढ़ेंगे ।

बाईंट - संतोष कुमार, सैलानी
बाईंट - पवन , सैलानी
बाईंट - बबलू , सैलानी

क्या कहती हैं दुमका के उपायुक्त राजेश्वरी बी ।
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इसे विकसित करने के संबंध में जब हमने दुमका की उपायुक्त राजेश्वरी बी से बात की तो उन्होंने बताया कि एक अलग से फंड बनाकर इसे विकसित करने की योजना पर शीघ्र काम किया जाएगा ।

बाईंट - राजेश्वरी बी, उपायुक्त दुमका


Conclusion:फाइनल वीओ -
तातलोई के गर्म कुंड को अब तक यूं ही छोड़ देना सरकार की उदासीनता की जा सकती है । यहां पर्यटन की असीम संभावना है । जिससे रोजगार के भी अवसर बढ़ेंगे । अगर सही तरीके से इसे विकसित किया जाए तो हजारों लोगो को इसका लाभ मिलेगा ।

मनोज केशरी
ईटीवी भारत
दुमका
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