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दुमका में शहरी जलापूर्ति प्रभावित, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के आधे हिस्से में जमी है गाद - Jharkhand news

शहरी जलापूर्ति योजना के तहत दुमका वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से शहरवासियों को पानी सप्लाई होता है. लेकिन पानी के टैंक में गाद जमा होने से शहर में जलापूर्ति प्रभावित हो रही है. इसको लेकर प्लांट प्रबंधक ने टैंक की सफाई करने की मांग की है.

supply affected due to mosses in water treatment plant in Dumka
दुमका
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Published : Aug 28, 2022, 10:05 AM IST

Updated : Aug 29, 2022, 8:08 AM IST

दुमकाः वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बदहाल स्थिति में है. हालत यह है कि टैंक के 50 प्रतिशत हिस्से में गाद या काई भरा है. जिसकी वजह से पानी सप्लाई पर असर पड़ा (supply affected due to silt in water) है. दुमका में मयूराक्षी नदी का पानी साफ करके शहर पानी की आपूर्ति की जाती है. लेकिन पानी में गाद जमा होने से इसकी क्षमता घट (silt in water treatment plant) गयी है, जिससे शहरवासियों को काफी दिक्कत हो रही है. इसको लेकर प्रबंधन का कहना है कि इसकी सफाई जरूरी, इसको लेकर प्रशासन से तीन दिन सप्लाई रोककर टैंक की सफाई की इजाजत मांगी लेकिन इसकी अनुमति नहीं मिल रही है.

इसे भी पढ़ें- दुमका शहरी जलापूर्ति के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में लापरवाही, बड़े हादसे की बन सकती है वजह

शहरी जलापूर्ति योजना के तहत दुमका में मयूराक्षी नदी का पानी लिफ्ट कर कुरुआ गांव स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में लाया जाता है. फिर उस पानी को साफ करके पाइप लाइन के माध्यम से दुमका के शहरवासियों को भेजा जाता है. इस प्लांट से लगभग एक लाख लोगों को पेयजल प्राप्त होता है. जाहिर है कि यह वाटर प्लांट दुमका के लिए लाइफ लाइन बन चुका है. अब इसमें एक बड़ी परेशानी यह आ रही है कि जिस टैंक में आकर मयूराक्षी नदी का रॉ वाटर जमा होता है, उसकी क्षमता 50 लाख लीटर की है लेकिन पिछले 12 वर्षों से इसकी सफाई नहीं हुई है. यह 15 फीट गहरा है पर इसमें 7 से 8 फीट तक गाद जम चुका (mosses in water plant) है. स्वाभाविक है कि इससे टैंक की जलधारक क्षमता आधी रह गई है और इसका सीधा प्रभाव वॉटर सप्लाई पर पड़ रहा है.

देखें पूरी खबर

इस ट्रीटमेंट प्लांट के संचालक चाह कर भी पूरी क्षमता का प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं. शहरवासियों को कम पानी मिल पाता है, इससे आए दिन लोगों की शिकायत रहती है कि हमें पानी कम मिल रहा है. इतना ही नहीं जो शहर के ऊंचाई वाले इलाके हैं वहां तो पानी पहुंच ही नहीं पा रहा है.

supply affected due to mosses in water treatment plant in Dumka
पानी से गाद हटाते मजदूर



क्या कहता है प्रबंधनः इसके लिए ईटीवी भारत ने इस वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के प्रबंधन से बातचीत की. मैनेजमेंट संभालने वाले अशोक कुमार और सुपरवाइजर विमल कुमार ने बताया कि इस वाटर टैंक में आधे हिस्से में गाद जमा हुआ है, इसकी सफाई के लिए तीन दिन का वक्त(water tank cleaning) चाहिए, इन 3 दिन तक शहरी जलापूर्ति ठप करना पड़ेगा. इसके लिए नगर परिषद से अनुमति मांगी है लेकिन वह नहीं मिल पा रही है, इस वजह से पूरी क्षमता से पानी सप्लाई नहीं हो पा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर यह साफ सफाई हो जाती है तो टैंक का पूर्ण उपयोग होगा और लोगों को भरपूर पानी मिल पाएगा. जब इतना महत्वपूर्ण वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का 50 प्रतिशत ही उपयोग हो पा रहा है और प्रबंधन इसकी साफ-सफाई करना चाहता है. ऐसे में नगर परिषद को इसकी इजाजत जल्द से जल्द देनी चाहिए ताकि प्लांट अपनी पूरी क्षमता के साथ काम कर सके और लोगों को पानी मिल सके

दुमकाः वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बदहाल स्थिति में है. हालत यह है कि टैंक के 50 प्रतिशत हिस्से में गाद या काई भरा है. जिसकी वजह से पानी सप्लाई पर असर पड़ा (supply affected due to silt in water) है. दुमका में मयूराक्षी नदी का पानी साफ करके शहर पानी की आपूर्ति की जाती है. लेकिन पानी में गाद जमा होने से इसकी क्षमता घट (silt in water treatment plant) गयी है, जिससे शहरवासियों को काफी दिक्कत हो रही है. इसको लेकर प्रबंधन का कहना है कि इसकी सफाई जरूरी, इसको लेकर प्रशासन से तीन दिन सप्लाई रोककर टैंक की सफाई की इजाजत मांगी लेकिन इसकी अनुमति नहीं मिल रही है.

इसे भी पढ़ें- दुमका शहरी जलापूर्ति के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में लापरवाही, बड़े हादसे की बन सकती है वजह

शहरी जलापूर्ति योजना के तहत दुमका में मयूराक्षी नदी का पानी लिफ्ट कर कुरुआ गांव स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में लाया जाता है. फिर उस पानी को साफ करके पाइप लाइन के माध्यम से दुमका के शहरवासियों को भेजा जाता है. इस प्लांट से लगभग एक लाख लोगों को पेयजल प्राप्त होता है. जाहिर है कि यह वाटर प्लांट दुमका के लिए लाइफ लाइन बन चुका है. अब इसमें एक बड़ी परेशानी यह आ रही है कि जिस टैंक में आकर मयूराक्षी नदी का रॉ वाटर जमा होता है, उसकी क्षमता 50 लाख लीटर की है लेकिन पिछले 12 वर्षों से इसकी सफाई नहीं हुई है. यह 15 फीट गहरा है पर इसमें 7 से 8 फीट तक गाद जम चुका (mosses in water plant) है. स्वाभाविक है कि इससे टैंक की जलधारक क्षमता आधी रह गई है और इसका सीधा प्रभाव वॉटर सप्लाई पर पड़ रहा है.

देखें पूरी खबर

इस ट्रीटमेंट प्लांट के संचालक चाह कर भी पूरी क्षमता का प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं. शहरवासियों को कम पानी मिल पाता है, इससे आए दिन लोगों की शिकायत रहती है कि हमें पानी कम मिल रहा है. इतना ही नहीं जो शहर के ऊंचाई वाले इलाके हैं वहां तो पानी पहुंच ही नहीं पा रहा है.

supply affected due to mosses in water treatment plant in Dumka
पानी से गाद हटाते मजदूर



क्या कहता है प्रबंधनः इसके लिए ईटीवी भारत ने इस वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के प्रबंधन से बातचीत की. मैनेजमेंट संभालने वाले अशोक कुमार और सुपरवाइजर विमल कुमार ने बताया कि इस वाटर टैंक में आधे हिस्से में गाद जमा हुआ है, इसकी सफाई के लिए तीन दिन का वक्त(water tank cleaning) चाहिए, इन 3 दिन तक शहरी जलापूर्ति ठप करना पड़ेगा. इसके लिए नगर परिषद से अनुमति मांगी है लेकिन वह नहीं मिल पा रही है, इस वजह से पूरी क्षमता से पानी सप्लाई नहीं हो पा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर यह साफ सफाई हो जाती है तो टैंक का पूर्ण उपयोग होगा और लोगों को भरपूर पानी मिल पाएगा. जब इतना महत्वपूर्ण वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का 50 प्रतिशत ही उपयोग हो पा रहा है और प्रबंधन इसकी साफ-सफाई करना चाहता है. ऐसे में नगर परिषद को इसकी इजाजत जल्द से जल्द देनी चाहिए ताकि प्लांट अपनी पूरी क्षमता के साथ काम कर सके और लोगों को पानी मिल सके

Last Updated : Aug 29, 2022, 8:08 AM IST
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