दुमकाः संथाल परगना छात्र समन्वय समिति के बैनर तले सोमवार को सैकड़ों छात्रों ने रैली निकाल कर झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की कार्यशैली का विरोध जताते हुए आयोग को भंग करने की मांग की. रैली का नेतृत्व समिति के अध्यक्ष श्यामदेव हेंब्रम कर रहे थे. छात्रों की यह रैली एसपी कॉलेज दुमका ग्राउंड से निकल कर शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए समाहरणालय परिसर पहुंची. इस दौरान रैली में शामिल छात्रों ने जेएसएससी और हेमंत सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की. इस दौरान जेएसएससी को भंग करो और हेमंत सरकार गद्दी छोड़ो के नारे छात्रों के द्वार लगाए गए.
आयोग को भंग करने और सीएम से इस्तीफे की मांगः नाराज छात्रों का कहना था कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा को स्थगित कर दिया गया. साथ ही आने वाले दिनों में कुछ ऐसी भी परीक्षाएं हैं, जिसकी तिथि टकरा रही हैं. कुल मिलाकर जेएसएससी छात्रों के हित में काम नहीं कर रहा है. नाराज छात्रों ने आयोग को अविलंब भंग करने और सीएम हेमंत सोरेन से इस्तीफा देने की मांग की. प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि हेमंत सरकार छात्र हित में काम नहीं कर रही है. इसलिए इस सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है.
छात्रों ने आर्थिक नाकेबंदी की दी चेतावनीः इस दौरान आंदोलनरत छात्रों ने कहा कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग अपनी कार्यशैली में सुधार लाए और और राज्य सरकार आयोग की मनमानी पर अंकुश लगाए. ऐसा नहीं हुआ तो छात्र संगठनों के द्वारा पूरे झारखंड में आर्थिक नाकेबंदी की जाएगी. उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार के समय भी छात्र हित में काम नहीं हो रहे थे तो उस सरकार को हम लोगों ने गद्दी से उतारने का काम किया. अब यही स्थिति झारखंड की मौजूदा सरकार में देखी जा रही है. यदि सरकार का रवैया ऐसा ही रहा तो हम छात्र आने वाले दिनों में अपनी ताकत दिखाएंगे.
विधायकों और मंत्रियों का भी विरोध जताने की घोषणाः नाराज छात्रों ने कहा कि अगर सरकार छात्र हित में आवश्यक कदम नहीं उठाती है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. छात्र नेता ने कहा कि हमारे करियर से जुड़े इस गंभीर मुद्दे पर राज्य के विधायक और मंत्री कुछ बोल नहीं रहे हैं. ऐसे में छात्र समन्वय समिति वैसे विधायकों और मंत्रियों का भी विरोध करेगी.
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