दुमका: उपराजधानी दुमका में परिवार नियोजन के दो प्रमुख कार्यक्रम महिला बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी की गति काफी धीमी है. विभाग द्वारा दिए गए लक्ष्य का महज 35% ही अब तक उपलब्धि रही है. छोटा परिवार, सुखी परिवार, बच्चे कम-सुखी हम जैसे स्लोगन सरकार द्वारा परिवार नियोजन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए दिया जाता है. लेकिन जब सरकार के परिवार नियोजन जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम की गति धीमी होगी तो ये कैसे सफल हो पाएगा इस पर सवाल उठ रहे हैं.
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स्वास्थ्य विभाग परिवार नियोजन कार्यक्रम के लिए काफी राशि खर्च करता है. इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से गांव-गांव से लेकर शहर तक पोस्टर-होर्डिंग्स लगाए जाते हैं. पर जिसके लिए यह सब कुछ जिसके लिए होता है उसी की प्राप्ति न हो तो कहा जा सकता है कि प्रयास में कमी रह गई. दुमका जिले में महिला बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी के आंकड़े काफी कम हैं. वर्ष 2022-23 में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा दुमका को जो लक्ष्य दिया गया था. वह लगभग 10 महीने बीत जाने के बाद उसका 40% भी पूरा नहीं हो पाया है.
आंकड़ों पर नजर: दुमका जिला के स्वास्थ्य विभाग को 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक महिला बंध्याकरण का लक्ष्य 6777 और पुरुष नसबंदी का लक्ष्य 450 दिया गया था. इसे लेकर में पूरे जिले में प्रचार-प्रसार किया गया जो अब भी लगातार जारी है, लेकिन इसकी उपलब्धि काफी कम है. अभी जनवरी माह तक के आकंड़े एकत्रित नहीं हुए हैं पर पिछले माह दिसंबर तक महिला बंध्याकरण की कुल संख्या 2312 थी, जो कुल लक्ष्य का 34% है. प्रखंडवार की बात करे तो सदर प्रखंड में सबसे अधिक 549 और गोपीकांदर प्रखंड में सिर्फ तीस महिलाओं का बंध्याकरण हुआ. वहीं पुरुष नसबंदी का जो लक्ष्य 450 था, उसमें सिर्फ 146 पुरूष नसबंदी कराने के लिए टर्नअप हुए. मतलब लक्ष्य का 32 फीसदी. जाहिर है आंकड़े लक्ष्य से काफी दूर है.
क्या कहते हैं जिले के सिविल सर्जन: इस पूरे मामले पर हमने दुमका के सिविल सर्जन डॉ बच्चा प्रसाद सिंह ने भी स्वीकार किया कि बंध्याकरण और नसबंदी के जो लक्ष्य मिले थे उस अनुरूप उपलब्धि काफी कम है. उन्होंने कहा कि इसके पीछे जागरूकता की काफी कमी है और एक बड़ी वजह यह भी है कि संथालपरगना आर्थिक रूप से पिछड़ा है. जिन महिलाओं का बंध्याकरण होता है उन्हें दो-तीन महीने कामकाज से दूर रहना पड़ता है जो यहां की महिलाएं पसंद नहीं करती. लेकिन स्वास्थ्य विभाग लोगों को जागरूक करने में जुटे हैं. उन्होंने कहा कि अभी मौजूदा वर्ष पूरा होने में काफी दिन शेष हैं और हमलोग लगे हुए हैं कि लक्ष्य काफी हद तक पूरा किया जाए.