दुमकाः कुछ बीमारियां मौसमी होती हैं, खासतौर पर बारिश के मौसम और उसके बाद जब जलजमाव वाली स्थिति होती है उन दिनों मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी बीमारियां फैलती है. अगर झारखंड की उपराजधानी दुमका की बात करें तो यहां भी मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, फाइलेरिया जैसी वेक्टर जनित रोगों का प्रकोप रहा है. दुमका स्वास्थय विभाग इन बीमारियों को लेकर सतर्कता के दावे करता है, उनका कहना है कि हमारे पास इनकी जांच और इलाज की सारी व्यवस्था है.
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मौसमजनित बीमारियों के आंकड़ों पर नजर
दुमका स्वास्थ्य विभाग से मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जैपनीज इंसेफेलाइटिस के आंकड़ा प्राप्त किया. 2019 और सितम्बर 2020 की अगर हम तुलना करें तो इन बीमारियों की संख्या में काफी कमी आई है.
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
दुमका में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष इन बीमारियों के मरीजों की संख्या में कमी आने के संबंध में दुमका सिविल सर्जन डॉ अनंत कुमार झा का कहना है कि इस वर्ष कोरोना की वजह से लोगों का मूवमेंट्स काफी कम रहा. काफी दिन तक लॉकडाउन ही रहा बाद में लोगों ने खुद को अनुशासित रखा, खुद पर पाबंदी लगाई रखी. इसमें लोग कोरोना से बचने के लिए काफी सतर्क रहें. साफ सफाई, खानपान, रहन-सहन सभी बिंदुओं पर काफी ध्यान दिया. इसका फायदा कोरोना के साथ-साथ अन्य रोगों में भी मिला और इसके केस कम रहे.