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दुमका में मौसमजनित रोगों की स्थिति, जानिए जांच और इलाज की क्या है व्यवस्था - दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज

बरसात में मौसमी बीमारियों का प्रकोप होता है. इन दिनों मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का संक्रमण ज्यादा होता है. लेकिन दुमका का स्वास्थ्य महकमा ऐसी बीमारियों से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम है और पिछले साल की तुलना में ऐसे मरीजों में कमी भी आई है.

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दुमका में मौसमजनित रोगों की स्थिति
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Published : Oct 21, 2020, 5:30 AM IST

दुमकाः कुछ बीमारियां मौसमी होती हैं, खासतौर पर बारिश के मौसम और उसके बाद जब जलजमाव वाली स्थिति होती है उन दिनों मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी बीमारियां फैलती है. अगर झारखंड की उपराजधानी दुमका की बात करें तो यहां भी मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, फाइलेरिया जैसी वेक्टर जनित रोगों का प्रकोप रहा है. दुमका स्वास्थय विभाग इन बीमारियों को लेकर सतर्कता के दावे करता है, उनका कहना है कि हमारे पास इनकी जांच और इलाज की सारी व्यवस्था है.

देखें पूरी खबर
जांच और इलाज की समुचित व्यवस्था का दावादुमका सिविल सर्जन डॉ अनंत कुमार झा ने बताया कि मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, कालाजार, फाइलेरिया जैसी बीमारियों की जांच के लिए हमारे पास समुचित व्यवस्था है. जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड स्तर के अस्पतालों में इसकी जांच तो करते ही हैं. साथ ही साथ अगर कहीं केस निकल जाता है और हमें यह अंदेशा रहता है कि कहीं इसके चपेट में गांव तो नहीं तो वहां हमलोग कैंप लगाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच करते हैं.
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दुमका में मौसमजनित रोगों की स्थिति
दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में है इलाज की व्यवस्थाडॉ अनंत कुमार झा बताते हैं कि पिछले साल से इन रोगों का इलाज के लिए दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में समुचित व्यवस्था है. सिविल सर्जन कहते हैं हमारे पास वेक्टर बोर्न डिजीज के स्पेशलिस्ट डॉक्टर हैं. साथ ही साथ सीएचसी में भी हमारे पास भी इलाज की सारी व्यवस्था है, स्वास्थ्य विभाग के पास मेडिसिन भी उपलब्ध है. इन बीमारियों का सही जांच और इलाज काफी आवश्यक होता है. इसके लिए जरूरी है कि लोग सतर्क रहें और स्वास्थ्य विभाग पूरी मुस्तैदी से इसकी रोकथाम में जुटा है.
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दुमका में मौसमजनित रोगों की स्थिति

इसे भी पढ़ें- DMCH की व्यवस्था में नहीं हो रहा सुधार, न समय पर होता है इलाज न मिल पाती है दवाइयां


मौसमजनित बीमारियों के आंकड़ों पर नजर
दुमका स्वास्थ्य विभाग से मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जैपनीज इंसेफेलाइटिस के आंकड़ा प्राप्त किया. 2019 और सितम्बर 2020 की अगर हम तुलना करें तो इन बीमारियों की संख्या में काफी कमी आई है.

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दुमका में मौसमजनित रोगों की स्थिति

क्या कहते हैं सिविल सर्जन
दुमका में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष इन बीमारियों के मरीजों की संख्या में कमी आने के संबंध में दुमका सिविल सर्जन डॉ अनंत कुमार झा का कहना है कि इस वर्ष कोरोना की वजह से लोगों का मूवमेंट्स काफी कम रहा. काफी दिन तक लॉकडाउन ही रहा बाद में लोगों ने खुद को अनुशासित रखा, खुद पर पाबंदी लगाई रखी. इसमें लोग कोरोना से बचने के लिए काफी सतर्क रहें. साफ सफाई, खानपान, रहन-सहन सभी बिंदुओं पर काफी ध्यान दिया. इसका फायदा कोरोना के साथ-साथ अन्य रोगों में भी मिला और इसके केस कम रहे.

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दुमका में मौसमजनित रोगों की स्थिति

दुमकाः कुछ बीमारियां मौसमी होती हैं, खासतौर पर बारिश के मौसम और उसके बाद जब जलजमाव वाली स्थिति होती है उन दिनों मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी बीमारियां फैलती है. अगर झारखंड की उपराजधानी दुमका की बात करें तो यहां भी मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, फाइलेरिया जैसी वेक्टर जनित रोगों का प्रकोप रहा है. दुमका स्वास्थय विभाग इन बीमारियों को लेकर सतर्कता के दावे करता है, उनका कहना है कि हमारे पास इनकी जांच और इलाज की सारी व्यवस्था है.

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जांच और इलाज की समुचित व्यवस्था का दावादुमका सिविल सर्जन डॉ अनंत कुमार झा ने बताया कि मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, कालाजार, फाइलेरिया जैसी बीमारियों की जांच के लिए हमारे पास समुचित व्यवस्था है. जिला मुख्यालय से लेकर प्रखंड स्तर के अस्पतालों में इसकी जांच तो करते ही हैं. साथ ही साथ अगर कहीं केस निकल जाता है और हमें यह अंदेशा रहता है कि कहीं इसके चपेट में गांव तो नहीं तो वहां हमलोग कैंप लगाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच करते हैं.
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दुमका में मौसमजनित रोगों की स्थिति
दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में है इलाज की व्यवस्थाडॉ अनंत कुमार झा बताते हैं कि पिछले साल से इन रोगों का इलाज के लिए दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में समुचित व्यवस्था है. सिविल सर्जन कहते हैं हमारे पास वेक्टर बोर्न डिजीज के स्पेशलिस्ट डॉक्टर हैं. साथ ही साथ सीएचसी में भी हमारे पास भी इलाज की सारी व्यवस्था है, स्वास्थ्य विभाग के पास मेडिसिन भी उपलब्ध है. इन बीमारियों का सही जांच और इलाज काफी आवश्यक होता है. इसके लिए जरूरी है कि लोग सतर्क रहें और स्वास्थ्य विभाग पूरी मुस्तैदी से इसकी रोकथाम में जुटा है.
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दुमका में मौसमजनित रोगों की स्थिति

इसे भी पढ़ें- DMCH की व्यवस्था में नहीं हो रहा सुधार, न समय पर होता है इलाज न मिल पाती है दवाइयां


मौसमजनित बीमारियों के आंकड़ों पर नजर
दुमका स्वास्थ्य विभाग से मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जैपनीज इंसेफेलाइटिस के आंकड़ा प्राप्त किया. 2019 और सितम्बर 2020 की अगर हम तुलना करें तो इन बीमारियों की संख्या में काफी कमी आई है.

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दुमका में मौसमजनित रोगों की स्थिति

क्या कहते हैं सिविल सर्जन
दुमका में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष इन बीमारियों के मरीजों की संख्या में कमी आने के संबंध में दुमका सिविल सर्जन डॉ अनंत कुमार झा का कहना है कि इस वर्ष कोरोना की वजह से लोगों का मूवमेंट्स काफी कम रहा. काफी दिन तक लॉकडाउन ही रहा बाद में लोगों ने खुद को अनुशासित रखा, खुद पर पाबंदी लगाई रखी. इसमें लोग कोरोना से बचने के लिए काफी सतर्क रहें. साफ सफाई, खानपान, रहन-सहन सभी बिंदुओं पर काफी ध्यान दिया. इसका फायदा कोरोना के साथ-साथ अन्य रोगों में भी मिला और इसके केस कम रहे.

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दुमका में मौसमजनित रोगों की स्थिति
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