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बासुकीनाथ मंदिर में स्पर्श पूजा बंद, अर्घा से होगा जलाभिषेक - कोरोना गाइडलाइन

दुमका के बासुकीनाथ मंदिर में स्पर्श पूजा बंद कर दी गई है. यह निर्णय अनुमंडल पदाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित पंडा धर्मरक्षणी सभा की बैठक में लिया गया है. अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि कोरोना गाइडलाइन का शत प्रतिशत पालन करना होगा.

Sparsh Puja stopped at Basukinath Temple
बासुकीनाथ मंदिर में स्पर्श पूजा बंद
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Published : Jan 5, 2022, 10:27 AM IST

दुमकाः कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन के बढ़ते मामले से देश में हड़कंप मचा है. वहीं झारखंड में कोरोना की रफ्तार बढ़ने के साथ साथ संक्रमित मरीजों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने को लेकर अनुमंडल पदाधिकारी की अध्यक्षता में पंडा धर्मरक्षणी सभा की बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में बासुकीनाथ मंदिर में स्पर्श पूजा बंद करने का निर्णय लिया गया है. अब बुधवार से श्रद्धालु अर्घा सिस्टम से बाबा पर जलाभिषेक कर पाएंगे. शिवलिंग को स्पर्श करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

यह भी पढ़ेंःबासुकीनाथ मंदिर में जारी रहेगी स्पर्श पूजा, पंडा-पुरोहितों के विरोध पर प्रशासन ने हटाया अर्घा

मंगलवार को मंदिर प्रबंधन ने अर्घा व्यवस्था से जलाभिषेक की व्यवस्था की थी. लेकिन पंडा समाज ने अर्घा का विरोध किया और एक घंटे में ही अर्घा को हटा दिया गया था. पंडा समाज के विरोध को देखते हुए जिला प्रशासन ने मंदिर परिसर के सभागार में बैठक की और मंदिर में अर्घा सिस्टम से ही जलाभिषेक करवाने का निर्देश दिया.

जानकारी देते पंडा और मंदिर प्रभारी

मंदिर परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग का करना है पालन

अनुमंडल पदाधिकारी महेश्वर महतो ने बैठक में उपस्थित पंडा समाज को निर्देश दिया कि सरकार की ओर से जारी कोरोना गाइडलाइन का पालन करना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि गाइडलाइन के अनुसार ही मंदिर में पूजा प्रणाली लागू रहेगी. उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का प्रयोग करते हुए धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालु जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि पंडा और श्रद्धालु दोनों को विशेष ध्यान रखना होगा. उन्होंने कहा कि कोरोना गाइडलाइन का पालन करने में लापरवाही बरती गई तो मंदिर को पूर्ण रूप से बंद कर दिया जाएगा.

दुमकाः कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन के बढ़ते मामले से देश में हड़कंप मचा है. वहीं झारखंड में कोरोना की रफ्तार बढ़ने के साथ साथ संक्रमित मरीजों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने को लेकर अनुमंडल पदाधिकारी की अध्यक्षता में पंडा धर्मरक्षणी सभा की बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में बासुकीनाथ मंदिर में स्पर्श पूजा बंद करने का निर्णय लिया गया है. अब बुधवार से श्रद्धालु अर्घा सिस्टम से बाबा पर जलाभिषेक कर पाएंगे. शिवलिंग को स्पर्श करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

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मंगलवार को मंदिर प्रबंधन ने अर्घा व्यवस्था से जलाभिषेक की व्यवस्था की थी. लेकिन पंडा समाज ने अर्घा का विरोध किया और एक घंटे में ही अर्घा को हटा दिया गया था. पंडा समाज के विरोध को देखते हुए जिला प्रशासन ने मंदिर परिसर के सभागार में बैठक की और मंदिर में अर्घा सिस्टम से ही जलाभिषेक करवाने का निर्देश दिया.

जानकारी देते पंडा और मंदिर प्रभारी

मंदिर परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग का करना है पालन

अनुमंडल पदाधिकारी महेश्वर महतो ने बैठक में उपस्थित पंडा समाज को निर्देश दिया कि सरकार की ओर से जारी कोरोना गाइडलाइन का पालन करना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि गाइडलाइन के अनुसार ही मंदिर में पूजा प्रणाली लागू रहेगी. उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का प्रयोग करते हुए धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालु जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि पंडा और श्रद्धालु दोनों को विशेष ध्यान रखना होगा. उन्होंने कहा कि कोरोना गाइडलाइन का पालन करने में लापरवाही बरती गई तो मंदिर को पूर्ण रूप से बंद कर दिया जाएगा.

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