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दुमका के माप-तौल विभाग में कर्मचारियों की कमी, ग्राहकों को नहीं कर पा रहा जागरूक - सहायक नियंत्रक का कार्यालय

दुमका में माप-तौल विभाग के प्रमंडलस्तरीय कार्यालय में पदाधिकारियों और कर्मियों की घोर कमी (Shortage of Staff in Weights Measures Department) है. इस कारण विभाग ग्राहकों को जागरूक करने में असक्षम साबित हो रहा है.

Shortage of Staff in Weights Measures Department
Shortage of Staff in Weights Measures Department
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Published : Dec 2, 2022, 1:28 PM IST

Updated : Dec 2, 2022, 1:35 PM IST

दुमकाः उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए सरकार एक स्लोगन देती है 'जागो ग्राहक जागो'. इसका तात्पर्य यह है कि आप कोई भी सामान क्रय कर रहे हैं तो आंखें खुली रखें. कहीं कोई आपको ठग तो नहीं रहा है. उपभोक्ताओं को यह अधिकार है कि उसे सही माप और मूल्य पर सामान मिले. इसके लिए माप-तौल विभाग बनाया गया है, लेकिन दुमका में विभाग की यह स्थिति है कि वह ग्राहकों को जागरूक करने में सक्षम नहीं है. क्योंकि विभाग में पदाधिकारियों और कर्मियों की घोर कमी (Shortage of Staff in Weights Measures Department in dumka) है.

ये भी पढे़ं-बदहाल दुमका कृषि अनुसंधान केंद्र! वर्षों से बेकार पड़े हैं कई लैब, सरकारी पहल का इंतजार


जानें क्या है पूरा मामलाः दुमका में माप-तौल विभाग के सहायक नियंत्रक का कार्यालय है. अगर आप इस कार्यालय में पहुंचेंगे तो आपको खालीपन नजर आएगा. इसकी वजह यह है कि रेगूलर स्टाफ के तौर पर यहां सिर्फ एक क्लर्क और एक फोर्थ ग्रेड स्टाफ नियुक्त है. एक सहायक कंट्रोलर और एक निरीक्षक हैं, पर वे दूसरे जिले में कार्यरत हैं.

विभाग में पदाधिकारियों और अन्य कर्मियों की है घोर कमीः दुमका में सहायक नियंत्रक विधिक माप विज्ञान का कार्यालय है. यह प्रमंडल स्तर का कार्यालय है. इस कार्यालय का सबसे वरीय पद असिस्टेंट कंट्रोलर का है. वर्तमान में इस पद पर राजकुमार पदस्थापित हैं. राजकुमार इसी पद पर धनबाद के भी अतिरिक्त प्रभार में हैं. वहीं इस कार्यालय में निरीक्षक के छह पद स्वीकृत हैं, पर पांच रिक्त हैं और एक पर प्रदीप कुमार पदस्थापित हैं. प्रदीप कुमार की पोस्टिंग पाकुड़ है, पर उन्हें गोड्डा, साहिबगंज और दुमका जिला भी अतिरिक्त प्रभार में मिला हुआ है. जाहिर है वे सप्ताह में एक-दो दिन ही दुमका में समय देते हैं. वहीं क्लर्क के स्वीकृत सात पदों में सिर्फ एक क्लर्क पदस्थापित हैं. साथ ही पांच की जगह एक फोर्थ ग्रेड इंप्लाई से विभाग को संचालित किया जा रहा है. जाहिर है विभाग को जैसे-तैसे चलाया जा रहा है. अगर मैन पावर ही नहीं रहेगा, तो काम काज कैसे चलेगा.

विभाग उपभोक्ताओं के हित में काफी महत्वपूर्णः माप-तौल विभाग सीधे ग्राहकों के हित से जुड़ा है. कोई व्यवसायी जिस माध्यम से अपने प्रोडक्ट या किसी वस्तु को बेचने के लिए मापता है या उसे तौलता है तो उसमें उपयोग में लाये जाने वाले मापक, तराजू, बटखरा की जांच यही माप-तौल विभाग करता है. इतना ही नहीं पेट्रोल पंप की जांच भी इसी विभाग को करना होता है. इधर वे-ब्रीज यानी धर्मकांटा (जहां ट्रक में लोड माल का वजन होता है ) से सही वजन किया जा रहा है या नहीं वह भी जांच यही विभाग करता है.

कार्यालय परिसर में रखे 50 लाख के उपकरण खा रहे जंगः माप-तौल विभाग के इस प्रमंडलीय कार्यालय परिसर में रखे उपकरण बिना इस्तेमाल के ही जंग खा रहे हैं. वे-ब्रीज को जांचने के लिए ही लिफ्टमैक नामक उपकरण 2013 में लगभग 50 लाख की लागत से क्रय किया गया था, पर यह बिना इस्तेमाल के ही जंग खा रहा है. दरअसल, इस वाहन को हैंडल करने के लिए ट्रेंड स्टाफ चाहिए, पर वह यहां हैं ही नहीं. इस वजह से इस उपकरण का कोई इस्तेमाल ही नहीं हुआ और रखे-रखे ही खराब हो गया. अभी तो स्थिति यह है कि इसमें झाड़ियां उग आई हैं.

दुमकाः उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए सरकार एक स्लोगन देती है 'जागो ग्राहक जागो'. इसका तात्पर्य यह है कि आप कोई भी सामान क्रय कर रहे हैं तो आंखें खुली रखें. कहीं कोई आपको ठग तो नहीं रहा है. उपभोक्ताओं को यह अधिकार है कि उसे सही माप और मूल्य पर सामान मिले. इसके लिए माप-तौल विभाग बनाया गया है, लेकिन दुमका में विभाग की यह स्थिति है कि वह ग्राहकों को जागरूक करने में सक्षम नहीं है. क्योंकि विभाग में पदाधिकारियों और कर्मियों की घोर कमी (Shortage of Staff in Weights Measures Department in dumka) है.

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जानें क्या है पूरा मामलाः दुमका में माप-तौल विभाग के सहायक नियंत्रक का कार्यालय है. अगर आप इस कार्यालय में पहुंचेंगे तो आपको खालीपन नजर आएगा. इसकी वजह यह है कि रेगूलर स्टाफ के तौर पर यहां सिर्फ एक क्लर्क और एक फोर्थ ग्रेड स्टाफ नियुक्त है. एक सहायक कंट्रोलर और एक निरीक्षक हैं, पर वे दूसरे जिले में कार्यरत हैं.

विभाग में पदाधिकारियों और अन्य कर्मियों की है घोर कमीः दुमका में सहायक नियंत्रक विधिक माप विज्ञान का कार्यालय है. यह प्रमंडल स्तर का कार्यालय है. इस कार्यालय का सबसे वरीय पद असिस्टेंट कंट्रोलर का है. वर्तमान में इस पद पर राजकुमार पदस्थापित हैं. राजकुमार इसी पद पर धनबाद के भी अतिरिक्त प्रभार में हैं. वहीं इस कार्यालय में निरीक्षक के छह पद स्वीकृत हैं, पर पांच रिक्त हैं और एक पर प्रदीप कुमार पदस्थापित हैं. प्रदीप कुमार की पोस्टिंग पाकुड़ है, पर उन्हें गोड्डा, साहिबगंज और दुमका जिला भी अतिरिक्त प्रभार में मिला हुआ है. जाहिर है वे सप्ताह में एक-दो दिन ही दुमका में समय देते हैं. वहीं क्लर्क के स्वीकृत सात पदों में सिर्फ एक क्लर्क पदस्थापित हैं. साथ ही पांच की जगह एक फोर्थ ग्रेड इंप्लाई से विभाग को संचालित किया जा रहा है. जाहिर है विभाग को जैसे-तैसे चलाया जा रहा है. अगर मैन पावर ही नहीं रहेगा, तो काम काज कैसे चलेगा.

विभाग उपभोक्ताओं के हित में काफी महत्वपूर्णः माप-तौल विभाग सीधे ग्राहकों के हित से जुड़ा है. कोई व्यवसायी जिस माध्यम से अपने प्रोडक्ट या किसी वस्तु को बेचने के लिए मापता है या उसे तौलता है तो उसमें उपयोग में लाये जाने वाले मापक, तराजू, बटखरा की जांच यही माप-तौल विभाग करता है. इतना ही नहीं पेट्रोल पंप की जांच भी इसी विभाग को करना होता है. इधर वे-ब्रीज यानी धर्मकांटा (जहां ट्रक में लोड माल का वजन होता है ) से सही वजन किया जा रहा है या नहीं वह भी जांच यही विभाग करता है.

कार्यालय परिसर में रखे 50 लाख के उपकरण खा रहे जंगः माप-तौल विभाग के इस प्रमंडलीय कार्यालय परिसर में रखे उपकरण बिना इस्तेमाल के ही जंग खा रहे हैं. वे-ब्रीज को जांचने के लिए ही लिफ्टमैक नामक उपकरण 2013 में लगभग 50 लाख की लागत से क्रय किया गया था, पर यह बिना इस्तेमाल के ही जंग खा रहा है. दरअसल, इस वाहन को हैंडल करने के लिए ट्रेंड स्टाफ चाहिए, पर वह यहां हैं ही नहीं. इस वजह से इस उपकरण का कोई इस्तेमाल ही नहीं हुआ और रखे-रखे ही खराब हो गया. अभी तो स्थिति यह है कि इसमें झाड़ियां उग आई हैं.

Last Updated : Dec 2, 2022, 1:35 PM IST
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