दुमकाः जिले में स्थित एकमात्र रेफरल अस्पताल में पशुओं के इलाज के लिए सारी व्यवस्था की गई है. यहां पशुओं का एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, कई तरह के ब्लड टेस्ट सहित कई जांच उपलब्ध हैं. जिसके कारण दुमका ही नहीं बल्कि पूरे राज्य से लोग अपने पशु लेकर पहुंचते हैं. इतनी सुविधा होने के बावजूद पशुओं के इलाज के दौरान पशुपालकों को काफी समस्या होती है. दरअसल, अस्पताल में डॉक्टरों के साथ ही कर्मियों की कमी है, इस वजह से पशुओं का उचित इलाज नहीं हो पाता.
क्या कहते हैं पशु चिकित्सक
रेफरल अस्पताल में मौजूद पशु चिकित्सक डॉक्टर रमण कुमार ठाकुर का कहना है कि इस अस्पताल का निर्माण लगभग 7 वर्ष पहले हुआ है, लेकिन सरकार ने आज तक इसका पद सृजन नहीं किया है. अस्पताल के स्ट्रेंथ के हिसाब से यहां सर्जन, गायनेकोलॉजिस्ट, एमडी मेडिसिन जैसे विशेषज्ञ के पद होने चाहिए. कम से कम 8 डॉक्टर की पोस्टिंग होनी चाहिए. उसके एवज में सिर्फ 1 डॉक्टर की पोस्टिंग है. वहीं, कर्मियों की संख्या 20 होनी चाहिए जबकि सिर्फ 2 कर्मी से काम चल रहा है. सबसे बड़ी बात जिस दवा की आवश्यकता है वह दवा भी उपलब्ध नहीं है. ऐसे में यह अस्पताल अपने नाम और क्षमता के अनुरूप नहीं चल पा रहा है.
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क्या कहते हैं पशुपालक
यहां आने वाले पशुपालक काफी उम्मीद से अपने मवेशियों के इलाज के लिए आते हैं, लेकिन जब उन्हें उचित इलाज और दवा नहीं मिलती है तो काफी निराशा होती है. पशुपालक कृष्ण कुमार साह अपने गोल्डन रिट्रीवर नस्ल के कुत्ते का इलाज कराने अस्पताल पहुंचे थे. उन्होंने बताया कि उनके कुत्ते को जौंडिस है, लेकिन यहां सही से इलाज नहीं हो पा रहा और न ही दवा सही मिल पा रही है. सरकार को इस अव्यवस्था पर ध्यान देने की जरूरत है.