दुमका: जिले में कुपोषित बच्चों के इलाज के लिए बना कुपोषण उपचार केंद्र खुद कुपोषित हो गया है. उपचार केंद्र का भवन जर्जर हो गया है, छत के छज्जे टूट-टूट कर गिर रहे हैं. वहीं अस्पताल भवन में सड़क का पानी प्रवेश कर जा रहा है, चारों तरफ दलदल ही दलदल है. पानी जमा होने के कारण अस्पताल में बदबू आती है. यहां रहने वाले लोगों को आने जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
क्या कहना है लोगों काइसे लेकर जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने अस्पताल में मौजूद मरीजों के परिजनों ने बात की तो उन्होंने कहा कि अस्पताल में बहुत जगहों पर दलदल है, अस्पताल से निकलने में आने-जाने में काफी परेशानी होती है. वहीं, अस्पताल की स्टाफ भी कहती है कि बच्चों को यहां पर बेहतर माहौल नहीं मिल पा रहा है, अगर यहां का माहौल नहीं बदला तो बच्चे स्वस्थ होने के बजाय और कुपोषित हो जाएंगे. उनका कहना है कि या तो इस पूरे जगह को ठीक किया जाए या फिर हमारे कुपोषण उपचार केंद्र को दूसरे जगह शिफ्ट किया जाए.
क्या कहती है उपायुक्त इस संबंध में दुमका के उपायुक्त राजेश्वरी बी ने कहा कि यहां कुपोषित बच्चों का इलाज होता है तो माहौल काफी अच्छा होना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी, अगर अस्पताल की मरम्मत हो सकती है तो ठीक है नहीं तो इस केंद्र को हम दूसरी जगह शिफ्ट कर देंगे.
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कुपोषित बच्चों के उपचार में बेहतर माहौल जरूरी
बता दें कि कुपोषण उपचार केंद्र में पूरे जिले के दूरदराज से आए बच्चों का इलाज होता है. उनके लिए एक बेहतर माहौल जरूरी होता है. चारों तरफ साफ-सुथरा रहे, बच्चे आसानी से हर जगह खेलकूद कर सके लेकिन यहां का माहौल काफी बदहाल है. ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि इस माहौल को बेहतर किया जाए ताकि कुपोषित बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर हो सके.