दुमका: जिले के जरमुंडी में श्रीमदभागवत कथा ज्ञान यज्ञ की शुरुआत हुई. आयोजन के पहले दिन गाजे बाजे के साथ 251 महिलाओं ने बासुकीनाथ स्थित शिवगंगा तट से कथा पंडाल तक भव्य कलश शोभायात्रा निकाली. इसमें सैकड़ों सनातन धर्मावलंबी महिलाओं के साथ-साथ ग्रामीण और मुख्य यजमान नगर भ्रमण करते हुए वापस कथा पंडाल पहुंचे. यहां यज्ञ स्थल पर कलश को स्थापित किया गया. इस दौरान भक्तों ने श्री राधे-राधे के जयकारे लगाए.
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भागवत कथा सुनने से लोगों को मिलता है ज्ञानः श्रीमदभागवत कथा ज्ञान यज्ञ में भक्तों को श्रीमदभागवत कथा सुनाने के लिए वृंदावन की कथावाचिका स्तुति पहुंचीं हैं. कथा वाचिका स्तुति ने बताया कि भागवत कथा सुनने से ही लोगों को सद्बुद्धि मिलती है. भेदभाव मिट जाता है. सत्य के अलौकिक प्रभाव में आकर बुरे कर्मों से मुक्ति मिल जाती है. उन्होंने कहा कि ठाकुर की कृपा से यज्ञ और भागवत कथा का आयोजन होता है. भागवत कथा सुनने से लोगों में ज्ञान का संचार होता है.
धार्मिक आयोजनों से लोगों में सहिष्णुता की भावना जागृत होती है: कमेटी के सदस्य ने बताया कि इस प्रकार के धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किए जाने से समाज में आपसी प्रेम, भाईचारा और सहयोग की भावना उत्पन्न होती है. साथ ही धार्मिक सहिष्णुता की भावना लोगों में जागृत होती है. वहीं आने वाली नई पीढ़ी में धर्म के प्रति रूझान बढ़ता है. इससे नई पीढ़ी संस्कारवान बनेगी और अपने प्राचीन गौरवशाली इतिहास के बारे में जानेगी.