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दुमका में शौचालय निर्माण में अनियमितता, लाभुकों ने प्राक्कलित राशि भुगतान की लगाई गुहार - dumka latest news

दुमका में शौचालय बनाने के नाम पर लूट चल रही है. यहां एनजीओ की ओर से शौचालय निर्माण कराकर लाभुकों की राशि हड़प ली जा रही है, जिससे वो ठगा महसूस कर रहे हैं.

दुमका में शौचालय निर्माण में अनियमितता
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Published : Nov 9, 2020, 5:16 PM IST

दुमका: एनजीओ की ओर से लाभुकों से शौचालय निर्माण कार्य कराकर उनकी राशि हड़प लिए जाने से लाभुक ठगा महसूस कर रहे हैं. इसे लेकर लाभुकों ने प्राक्कलित राशि के भुगतान की गुहार लगाई है.

देखें पूरी खबर

लाभुक झेल रहे परेशानी

मामला दुमका के जरमुंडी प्रखंड के नोनीगांव का है, जहां स्वच्छ भारत मिशन के तहत कुल 25 लाभुकों के शौचालय निर्माण की स्वीकृति एनजीओ को मिली थी, जिसमें से कुछ शौचालयों का निर्माण एनजीओ ने जैसे-तैसे कराया.

एनजीओ की ओर से बनवाये जा रहे शौचालयों की गुणवत्ता काफी खराब होने के कारण ग्रमीणों ने खुद ही अपने स्तर से शौचालय निर्माण कराया. इस काम को पूरा करने के लिए किसी ग्रामीण ने कर्ज लिया है तो किसी न गहने गिरवी रखे हैं. एनजीओ की ओर से निर्धारित राशि की भुगतान नहीं किये जाने से लाभुकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें-कोरोना की वजह से बढ़ी पुरानी कार की मांग, लोगों की बदली जीवन शैली


स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बनवाये जा रहे शौचालय निर्माण के लिए लाभुकों को बारह हजार रुपये की राशि सरकार की ओर से प्रति लाभुक भुगतान की जाती है, जबकि सरकारी राशि की लूट-खसोट के लिए विभागीय पदाधिकारियों की मिलीभगत से लाभुकों के बैंक खाते में न जाकर राशि का भुगतान किसी एनजीओ को करा दिया जाता है और एनजीओ जैसे-तैसे घटिया किस्म के शौचालयों का निर्माण कर निकल जाते हैं.

दुमका: एनजीओ की ओर से लाभुकों से शौचालय निर्माण कार्य कराकर उनकी राशि हड़प लिए जाने से लाभुक ठगा महसूस कर रहे हैं. इसे लेकर लाभुकों ने प्राक्कलित राशि के भुगतान की गुहार लगाई है.

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लाभुक झेल रहे परेशानी

मामला दुमका के जरमुंडी प्रखंड के नोनीगांव का है, जहां स्वच्छ भारत मिशन के तहत कुल 25 लाभुकों के शौचालय निर्माण की स्वीकृति एनजीओ को मिली थी, जिसमें से कुछ शौचालयों का निर्माण एनजीओ ने जैसे-तैसे कराया.

एनजीओ की ओर से बनवाये जा रहे शौचालयों की गुणवत्ता काफी खराब होने के कारण ग्रमीणों ने खुद ही अपने स्तर से शौचालय निर्माण कराया. इस काम को पूरा करने के लिए किसी ग्रामीण ने कर्ज लिया है तो किसी न गहने गिरवी रखे हैं. एनजीओ की ओर से निर्धारित राशि की भुगतान नहीं किये जाने से लाभुकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बनवाये जा रहे शौचालय निर्माण के लिए लाभुकों को बारह हजार रुपये की राशि सरकार की ओर से प्रति लाभुक भुगतान की जाती है, जबकि सरकारी राशि की लूट-खसोट के लिए विभागीय पदाधिकारियों की मिलीभगत से लाभुकों के बैंक खाते में न जाकर राशि का भुगतान किसी एनजीओ को करा दिया जाता है और एनजीओ जैसे-तैसे घटिया किस्म के शौचालयों का निर्माण कर निकल जाते हैं.

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