दुमका: श्रावणी मेला के आयोजन को लेकर उच्च न्यायालय की ओर से मंदिर नहीं खोलने और ऑनलाइन पूजा की व्यवस्था के फैसले पर बासुकीनाथ के लोगों ने मिली-जुली प्रतिक्रिया दी.
लोगों के सामने रोजी-रोटी की समस्या
पंडा धर्म सभा के अध्यक्ष ने कहा की सरकार का फैसला सर्वमान्य है. वे लोग उसे मांगते हैं. वहीं, उपाध्यक्ष ने कहा कि वे लोग मजबूर हैं. सरकार का फैसला मानना ही पड़ेगा, लेकिन उन लोगों के सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है. सरकार से वे लोग राहत की मांग करने गए थे और वहां से आश्वासन भी मिला. अब देखते हैं कब तक राहत सामग्री मिलता है.
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दुकानदारों में मायूसी
बासुकीनाथ मंदिर को लेकर हाई कोर्ट के फैसले के बाद पंडा धर्म रक्षिणी सभा के अध्यक्ष और महामंत्री ने इस फैसले का स्वागत किया है. उनका कहना है कि सरकार की ओर से दिए गए दिशा-निर्देश का पालन कराया जाएगा. इस दौरान श्रद्धालुओं को ऑनलाइन पूजा कराया जाएगा. वहीं, श्रावणी मेला के दौरान मंदिर नहीं खुलने से स्थानीय दुकानदारों में काफी मायूसी नजर आ रही है.
हाई कोर्ट के फैसले से लोग सहमत
हालांकि, कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए दुकानदार भी हाई कोर्ट के दिए गए फैसले से सहमत हैं. वहीं, स्थानीय लोगों ने कहा कि वर्चुअल पूजा से उनलोगों को कोई फायदा होने वाला नहीं है. कोरोना वायरस के कारण हाई कोर्ट की ओर से दिए गए निर्देश के आलोक में इस बार श्रावणी मेला का आयोजन नहीं होना उनलोगों के लिए दुर्भाग्य की बात है.
ऑनलाइन पूजा की व्यवस्था
दुमका का एकमात्र विश्व प्रसिद्ध फौजदारी बाबा बासुकिनाथ मंदिर में इस बार श्रावणी मेला सरकार नहीं लगाने जा रही है. मेला आयोजन को लेकर उच्च न्यायालय की ओर से मंदिर नहीं खोलने पर ऑनलाइन पूजा की व्यवस्था के फैसले पर बासुकीनाथ के लोगों ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है. स्थानीय लोगों ने कहा कि सरकार और कोर्ट का फैसला मानना ही पड़ेगा, लेकिन मेला नहीं लगने से उनलोगों के रोजी-रोटी पर काफी असर पडेगा.