दुमकाः रिजर्व बैंक एकीकृत लोकपाल कार्यालय की ओर से रिजर्व बैंक एकीकृत लोकपाल योजना 2021 के बारे में प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. इसी उद्देश्य से रिजर्व बैंक की लोकपाल चन्दना दास गुप्ता दुमका पहुंचीं हैं. उन्होंने दुमका में आम जनता के साथ एक संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने बैंकिंग सेवाओं के प्रति लोगों के जागरूक (People Aware Of Banking Services)किया.
लोकपाल ने लोगों को जागरूक कियाः शुक्रवार को दुमका में आरबीआई लोकपाल द्वारा पेंशनधारियों, स्वयं सहायता समूहों, व्यापारियों, किसानों, छात्र-छात्राओं और बैंक के सामान्य ग्राहकों के लिए एक बैठक आयोजित की गई. कार्यक्रम की अध्यक्षता आरबीआई लोकपाल चंदना दासगुप्ता ने की. इस दौरान लोकपाल ने लोगों को जागरूक किया.
बैंकिंग की परेशानी से निजात दिलाने का तरीका बतायाः इस कार्यक्रम में आरबीआई लोकपाल चंदना दासगुप्ता ने कहा कि संवाद का प्रयोजन यही है कि बैंक के खाता धारकों चाहे वे समाज के किसी भी सेक्टर के हों उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक विनियमित संस्थाओं से हो रही किसी भी तरह की परेशानी से निजात दिलाने का तरीका बताना और उन्हें जागरूक करना है. कहा कि आप सजग रहें और होशियार बनें, तभी इस योजना को सार्थक और सफल माना जाएगा.
साइबर क्राइम के प्रति भी लोगों को जागरूक कियाः उन्होंने लोगों से कहा कि अगर बैंकिंग सेवा में आपको किसी तरह की परेशानी (Banking Service Problem) हो रही है तो अपनी शिकायत सीधा हम तक पहुंचाएं. इस दौरान उन्होंने साइबर क्राइम के प्रति भी लोगों को जागरूक किया. लोकपाल ने कहा कि अगर आपसे मोबाइल पर बैंक से संबंधित डिटेल मांगे जाते हैं तो आप सावधान हो जाएं. साथ ही अगर आपको फोन पर कोई ऐप डाउनलोड करने के लिए आता है तो ऐसा न करें. इसके बावजूद अगर आप धोखेबाजों के शिकार हो जाते हैं तो तत्काल संबंधित बैंक से संपर्क करें.
शिकायत दर्ज कराना आसानः आरबीआई लोकपाल ने कार्यक्रम में पहुंचे लोगों को बताया कि कार्यालय मे बड़ी आसानी से शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इसके लिए एक पोटर्ल बनाया गया है. जिसका लिंक https://cms.rbi.org.in है. इसके अलावा टोल फ्री नंबर 14448 के द्वारा भी आप ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इसके साथ ही शिकायत इलेक्ट्रॉनिक या भौतिक माध्यम से भी कर सकते हैं.
शिकायत करने से पहले ये बातें जानना जरूरीः हालांकि इसमें यह भी जरूरी है कि लोकपाल को शिकायत करने से पहले शिकायतकर्ता ने विनियमित इकाई (Regulated Entity) को एक लिखित अभ्यावेदन दिया हो और विनियमित इकाई ने शिकायत को खारिज कर दिया हो या शिकायतकर्ता को विनियमित इकाई से एक महीने की अवधि के भीतर कोई जवाब नहीं मिला हो या शिकायतकर्ता विनियमित इकाई द्वारा उसे दिए गए उत्तर से संतुष्ट नहीं हो.