ETV Bharat / state

1932 के खतियान पर स्थानीय नीति घोषित करने की मांग, दुमका में निकाली गई विशाल रैली

1932 के खतियान के आधार स्थानीय नीति की मांग झारखंड में तेज होती जा रही है. दुमका के शिकारीपाड़ा प्रखंड में इसके समर्थन में रैली निकाली गई. इस मौके पर लोगों ने सरकार विरोधी नारे लगाए.

rally in dumka
rally in dumka
author img

By

Published : Mar 9, 2022, 9:12 AM IST

दुमकाः 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीयता और नियोजन नीति घोषित करने की मांग जोर पकड़ने लगी है. जिला मुख्यालय से निकलकर यह प्रखंड स्तर पर चला गया है. इसी कड़ी में दुमका जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड में एक विशाल जन आक्रोश रैली निकाली गई. यह रैली सिदो कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद प्रखंड कार्यालय पहुंची. रैली में शामिल लोगों ने 1932 के खतियान को लागू करने को लेकर जमकर नारेबाजी की. उन्होंने एक मांग पत्र भी प्रखंड विकास पदाधिकारी को सौंपा जो राज्यपाल के नाम पर था.

ये भी पढ़ेंः Rally in Sahibganj: आदिवासियों ने निकाली रैली, 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू करने की मांग

क्या कहते हैं रैली में शामिल लोगः रैली में शामिल लोगों का कहना था कि झारखंड राज्य का निर्माण आदिवासी-मूलवासी लोगों के हित के लिए हुआ था. इसमें सबसे जरूरी है कि तृतीय और चतुर्थ वर्गीय सरकारी नौकरी का शत प्रतिशत लाभ मिले. उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्तमान सरकार ने भी चुनाव के समय अपने मांग पत्र में इसकी घोषणा की थी, लेकिन अभी इसे लागू करने में वह पीछे हट रही है. यह सरकार की वादाखिलाफी है. इसके साथ ही उन्होंने भोजपुरी, मगही और अंगिका को बाहरी भाषा बताया. संथाली भाषा को प्रथम राजभाषा घोषित करने की भी मांग रखी. इनकी मांग थी कि रघुवर सरकार के समय जो नियोजन नीति बनाई गई थी उसे तत्काल प्रभाव से रद्द करते हुए 1932 के खतियान के आधार पर नियोजन नीति बनाई जाए.

दुमकाः 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीयता और नियोजन नीति घोषित करने की मांग जोर पकड़ने लगी है. जिला मुख्यालय से निकलकर यह प्रखंड स्तर पर चला गया है. इसी कड़ी में दुमका जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड में एक विशाल जन आक्रोश रैली निकाली गई. यह रैली सिदो कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद प्रखंड कार्यालय पहुंची. रैली में शामिल लोगों ने 1932 के खतियान को लागू करने को लेकर जमकर नारेबाजी की. उन्होंने एक मांग पत्र भी प्रखंड विकास पदाधिकारी को सौंपा जो राज्यपाल के नाम पर था.

ये भी पढ़ेंः Rally in Sahibganj: आदिवासियों ने निकाली रैली, 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू करने की मांग

क्या कहते हैं रैली में शामिल लोगः रैली में शामिल लोगों का कहना था कि झारखंड राज्य का निर्माण आदिवासी-मूलवासी लोगों के हित के लिए हुआ था. इसमें सबसे जरूरी है कि तृतीय और चतुर्थ वर्गीय सरकारी नौकरी का शत प्रतिशत लाभ मिले. उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्तमान सरकार ने भी चुनाव के समय अपने मांग पत्र में इसकी घोषणा की थी, लेकिन अभी इसे लागू करने में वह पीछे हट रही है. यह सरकार की वादाखिलाफी है. इसके साथ ही उन्होंने भोजपुरी, मगही और अंगिका को बाहरी भाषा बताया. संथाली भाषा को प्रथम राजभाषा घोषित करने की भी मांग रखी. इनकी मांग थी कि रघुवर सरकार के समय जो नियोजन नीति बनाई गई थी उसे तत्काल प्रभाव से रद्द करते हुए 1932 के खतियान के आधार पर नियोजन नीति बनाई जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.