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झारखंड में है अनोखा रेलवे स्टेशन कुरुवा, यहां नहीं है एक भी कर्मचारी - झारखंड न्यूज

रेल प्रशासन की अनदेखी से आए दिन रेलवे को नुकसान होता है, जिसका खामियाजा आमलोगों को उठाना पड़ता है.

झारखंड में है अनोखा रेलवे स्टेशन कुरुवा
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Published : Mar 17, 2019, 12:51 PM IST

दुमकाः रेल प्रशासन की अनदेखी से आए दिन रेलवे को नुकसान होता है, जिसका खामियाजा आमलोगों को उठाना पड़ता है. 5 साल पहले बने कुरुवा रेलवे स्टेशन की स्थिति भी रेल प्रशासन की अनदेखी से दयनीय हो गई है. असामाजिक तत्वों ने इस स्टेशन की बुकिंग काउंटर से लेकर पेयजल की व्यवस्था तक को क्षतिग्रस्त कर दिया है.

झारखंड में है अनोखा रेलवे स्टेशन कुरुवा

दुमका- जसीडीह-रामपुरहाट रेलमार्ग पर महज 5 साल पहले कुरुवा रेलवे स्टेशन का निर्माण हुआ है. तारापीठ को बासुकीनाथधाम से बैद्यनाथधाम को जोड़ने वाली रामपुरहाट - जसीडीह ट्रेन रोज इस मार्ग से आना जाना करती है और इसका यहां ठहराव भी है.

बुकिंग काउंटर और अन्य उपकरण को कर दिया गया क्षतिग्रस्त

असामाजिक तत्वों ने स्टेशन के बुकिंग काउंटर से लेकर कम्यूनिकेशन के सभी उपकरणों को या तोड़ दिया है या जला दिया है. यहां तक की वायरिंग और टाइल्स उखाड़ कर ले गए हैं. पेयजल के लिए बने दोनों चापाकलों के हैंडल गायब हैं. वहीं प्लेटफॉर्म के सीढ़ियों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया है. चारों तरह गन्दगी फैली रहती है.

क्या कहते हैं स्थानीय लोग और यात्री

यहां के स्थानीय लोगों और यात्री बताते हैं कि रेल प्रशासन को सुरक्षा व्यवस्था बहाल करनी चाहिए. साथ ही असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई करनी चाहिए. जो ऐसा कर रहे हैं.

स्टेशन की सुरक्षा में नहीं है कोई अधिकारी

स्टेशन में न तो कोई क्लर्क, न कोई अधिकारी और न ही कोई सुरक्षाबल है. रेलवे की तरफ से कोई अधिकारी नहीं है जिससे इस संबंध में सवाल किया जा सके.

दुमकाः रेल प्रशासन की अनदेखी से आए दिन रेलवे को नुकसान होता है, जिसका खामियाजा आमलोगों को उठाना पड़ता है. 5 साल पहले बने कुरुवा रेलवे स्टेशन की स्थिति भी रेल प्रशासन की अनदेखी से दयनीय हो गई है. असामाजिक तत्वों ने इस स्टेशन की बुकिंग काउंटर से लेकर पेयजल की व्यवस्था तक को क्षतिग्रस्त कर दिया है.

झारखंड में है अनोखा रेलवे स्टेशन कुरुवा

दुमका- जसीडीह-रामपुरहाट रेलमार्ग पर महज 5 साल पहले कुरुवा रेलवे स्टेशन का निर्माण हुआ है. तारापीठ को बासुकीनाथधाम से बैद्यनाथधाम को जोड़ने वाली रामपुरहाट - जसीडीह ट्रेन रोज इस मार्ग से आना जाना करती है और इसका यहां ठहराव भी है.

बुकिंग काउंटर और अन्य उपकरण को कर दिया गया क्षतिग्रस्त

असामाजिक तत्वों ने स्टेशन के बुकिंग काउंटर से लेकर कम्यूनिकेशन के सभी उपकरणों को या तोड़ दिया है या जला दिया है. यहां तक की वायरिंग और टाइल्स उखाड़ कर ले गए हैं. पेयजल के लिए बने दोनों चापाकलों के हैंडल गायब हैं. वहीं प्लेटफॉर्म के सीढ़ियों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया है. चारों तरह गन्दगी फैली रहती है.

क्या कहते हैं स्थानीय लोग और यात्री

यहां के स्थानीय लोगों और यात्री बताते हैं कि रेल प्रशासन को सुरक्षा व्यवस्था बहाल करनी चाहिए. साथ ही असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई करनी चाहिए. जो ऐसा कर रहे हैं.

स्टेशन की सुरक्षा में नहीं है कोई अधिकारी

स्टेशन में न तो कोई क्लर्क, न कोई अधिकारी और न ही कोई सुरक्षाबल है. रेलवे की तरफ से कोई अधिकारी नहीं है जिससे इस संबंध में सवाल किया जा सके.

Intro:दुमका - जसीडीह - रामपुरहाट रेलमार्ग पर महज पांच वर्ष पहले कुरुवा रेलवे स्टेशन का निर्माण हुआ । लेकिन रेल प्रशासन की अनदेखी की वजह से इस स्टेशन की स्थिति अत्यन्त बदहाल है । जबकि तारापीठ को बासुकिनाथधाम से बैद्यनाथधाम को जोड़ने वाली रामपुरहाट - जसीडीह ट्रेन रोज इस मार्ग से आना जाना करती है और इसका यहां ठहराव भी है ।


Body:बुकिंग काउंटर और अन्य उपकरण को कर दिया गया है क्षतिग्रस्त ।
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असामाजिक तत्वों ने स्टेशन के बुकिंग काउन्टर से लेकर कम्युनिकेशन के सभी उपकरण को या तोड़ दिया है या जला दिया है । यहाँ तक कि वायरिंग और टाईल्स उखाड़ ले गए हैं । यह समझ से परे है कि आखिरकार रेल प्रशासन इस तरह इस स्टेशन को लावारिस अवस्था मे क्यों छोड़ दिया है ।

प्लेटफॉर्म की स्थिति भी बद्दतर ।
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इसके प्लेटफॉर्म की स्थिति भी बद्दतर है । यहां पर पेयजल के लिए दो चापाकल है दोनों के हैंडल गायब हैं । वहीं प्लेटफॉर्म के सीढ़ियों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया है । चारों तरह गन्दगी का आलम नजर आता है ।


Conclusion:क्या कहते हैं स्थानीय लोग और यात्री ।
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इस कुरुवा स्टेशन की दुर्दशा देखकर स्थानीय लोग और पहुंचने वाले यात्री काफी दुःखी हैं । उनका कहना है कि रेल प्रशासन को सुरक्षा व्यवस्था बहाल करनी चाहिए और उन असामाजिक तत्वों पर कारवाई करनी चाहिए जो ऐसा कर रहे हैं ।

रेल प्रबन्धन का पक्ष रखने वाला कोई नहीं ।
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इस संबंध में रेल प्रशासन की ओर से कुछ बताने वाला भी कोई नहीं । आखिरकार इस स्टेशन को बर्बाद किया जा रहा है उसे कौन रोकेगा । न कोई अधिकारी न बुकिंग क्लर्क और न ही कोई सुरक्षाबल । समझ मे नहीं आता कि इस स्टेशन को किसके भरोसे छोड़ दिया गया है ।

पीटीसी , मनोज , दुमका
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