दुमकाः झारखंड की उपराजधानी दुमका में एक दशक पहले रेल सेवा बहाल हुई. लोगों को उम्मीद थी कि देश के प्रमुख स्थानों की यात्रा अब हम दुमका स्टेशन से कर पाएंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं है. यहां से चार-पांच ट्रेन का ही परिचालन होता है. रांची- दुमका इंटरसिटी एक्सप्रेस के अलावा यहां से भागलपुर, जसीडीह, रामपुरहाट, पोड़ैयाहाट के लिए लोकल ट्रेन चलती है. भागलपुर से कोलकाता जाने वाली कवि गुरु एक्सप्रेस का भी ठहराव यहां था, वह भी लॉकडाउन के समय बंद हुई थी, लेकिन आज तक चालू नहीं हो सकी. स्थानीय लोगों ने यूपी, प. बंगाल समेत कई राज्यों के लिए यहां से ट्रेन संचालित करने की मांग की है.
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देवघर के जसीडीह या पश्चिम बंगाल से पकड़ते हैं ट्रेन
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब एक दशक पहले दुमका से ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ तो हम लोगों को उम्मीद थी कि अब महानगरों के साथ-साथ देश के अलग-अलग भागों में ट्रेन से जा सकेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. लंबी दूरी की ट्रेन पर दुमका से बैठकर यात्रा करना आज भी हमारे लिए सपने के समान है. लोग यहां से पटना-दिल्ली के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर राज्यों को ट्रेन से जोड़ने की मांग कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि रेल सेवा की इस बदहाल स्थिति के लिए वर्तमान और पूर्व के जनप्रतिनिधि जिम्मेदार हैं. उन्होंने दुमका से लंबी दूरी की ट्रेन की मांग को सही ढंग से सही प्लेटफार्म पर नहीं रखा. लोग कहते हैं कि आज भी लंबी दूरी की अगर ट्रेन में पकड़नी है तो हमें देवघर के जसीडीह या पश्चिम बंगाल के स्टेशनों में जाना पड़ता है.
व्यावसायिक दृष्टिकोण से काफी फायदेमंद
हाल के दिनों में दुमका स्टेशन से मालगाड़ी के माध्यम से स्टोन चिप्स बिहार और उत्तर प्रदेश के जिलों में जा रहा है, लेकिन लोग यात्री ट्रेनों की सुविधा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. दुमका चैंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव मनोज कुमार कहते हैं कि दुमका को रेल मार्ग से अगर महानगरों को जोड़ा जाए तो इससे रोजगार के साधन बढ़ेंगे, व्यावसायिक दृष्टिकोण से काफी फायदेमंद रहेगा.
सरकार को इस दिशा में पहल करने की आवश्यकता
अगर सरकार रेल सेवा में बढ़ोतरी करती है तो यहां के लोगों के लिए काफी लाभप्रद रहेगा. उन्होंने रेल सेवा के संबंध में जो सपने देखे हैं वह पूरा होगा. सरकार को अविलंब इस दिशा में गंभीर पहल करनी चाहिए.