दुमकाः आम जनता के लिए बने सरकारी विवाह भवन को जिला परिषद ने एनजीओ को किराये पर दे दिया. अब इसे मुख्यमंत्री सारथी योजना का प्रशिक्षण केंद्र बना दिया गया है. लेकिन इसको लेकर विधायक और आम लोगों ने नाराजगी जताई है.
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दुमका में सरकारी योजनाओं में अनियमितता देखने को मिली. किस तरह सरकार की जनहित की योजनाओं को दरकिनार किया जा रहा है या फिर यूं कहें कि जनहित के मुद्दे पर उदासीनता बरती जा रही है और उसके साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. इसका उदाहरण जिले के शिकारीपाड़ा में देखने को मिला है. यहां जनता के लिए सरकार द्बारा बनाये गए विवाह भवन को जिला परिषद द्वारा किराए पर एक एनजीओ को दे दिया गया है और उसमें मुख्यमंत्री सारथी योजना का प्रशिक्षण केंद्र भी खोल दिया गया. इससे आम जनता के साथ पंचायत प्रतिनिधि और स्थानीय विधायक नलिन सोरेन ने नाराजगी व्यक्त की है.
क्या है पूरा मामलाः जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड मुख्यालय में एक भी विवाह भवन नहीं था. लोगों को शादी विवाह या अन्य मांगलिक कार्य में काफी परेशानी हो रही थी. लोग वर्षों से इसके लिए आवाज उठा रहे थे. इसी को देखते हुए 49 लाख की लागत से जिला परिषद द्वारा एक विवाह भवन बनवाया गया.लोगों को उम्मीद जगी कि अब उन्हें सहूलियत होगी. शादी-विवाह के लिए किसी सरकारी विद्यालय का सहारा नहीं लेना पड़ेगा. लेकिन लगता है लोगों की जरूरत पूरी नहीं हो पाई क्योंकि यह विवाह भवन बना जरूर पर जिला परिषद के द्वारा इसे एक निजी संस्था को किराये पर दे दिया गया. अब इस विवाह भवन में मुख्यमंत्री सारथी योजना के प्रशिक्षण केंद्र की शुरुआत कर दी गया है.
विधायक नलिन ने जताई नाराजगीः इस योजना का शुभारंभ करने आए स्थानीय विधायक नलिन सोरेन ने एनजीओ के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई. विधायक ने कहा कि आपने इस विवाह भवन को प्रशिक्षण केंद्र चलाने के लिए कैसे ले लिया, आप अपनी व्यवस्था कहीं दूसरी जगह कर लीजिए. आम जनता के साथ पंचायत प्रतिनिधियों ने भी जताया आक्रोश. इधर विवाह भवन को प्रशिक्षण केंद्र के लिए किराये पर दे दिए जाने से स्थानीय पंचायत जनप्रतिनिधि और जनता दोनों आक्रोशित नजर आए. शिकारीपाड़ा पश्चिमी क्षेत्र के जिला परिषद सदस्य प्रकाश हांसदा ने कहा कि यहां की जनता के लिए यह विवाह भवन बना था क्योंकि ऐसी व्यवस्था शिकारीपाड़ा में नहीं है लेकिन इसे किराए पर दे दिया गया है. इससे गरीब जनता को काफी परेशानी होगी इसे हटाने के लिए हम अपनी पूरी ताकत लगाएंगे. इधर जनता भी प्रशासन के इस फैसले से काफी नाराज है और इसे विवाह भवन रहने देने की मांग कर रहे हैं.
जिला परिषद पदाधिकारी ने कार्रवाई का दिया भरोसाः सरकारी विवाह भवन में एनजीओ द्वारा प्रशिक्षण केंद्र खोले जाने के संबंध में जिला परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी ने कहा कि जांच कर लेते हैं कि अगर सरकारी विवाह भवन बना तो कैसे प्रशिक्षण केंद्र उसमें खोल दिया गया. उन्होंने कहा कि गलत पाए जाने पर ऐसे मामले पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
प्रशिक्षण केंद्र में 240 अभ्यर्थियों दिया जाएगा प्रशिक्षणः बता दें कि यहां जो सारथी योजना का प्रशिक्षण केंद्र खोला गया है. इसमें कुल 240 लड़के लड़कियों को सिलाई, कढ़ाई और प्लंबर की ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें.