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पशुपालन मंत्री बादल पत्रलेख के गृह क्षेत्र में पशु चिकित्सालयों का बुरा हाल, चिकित्सकों और कर्मियों की भारी कमी - पशु चिकित्सालयों में सुविधाओं का अभाव

झारखंड के पशुपालन मंत्री बादल पत्रलेख के गृह क्षेत्र दुमका जिले में पशु चिकित्सालयों की दयनीय स्थिति है. जिले के अधिकांश एनिमल हॉस्पिटल में चिकित्सकों और कर्मचारियों की भारी कमी है. ऐसे में पशुपालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

पशुपालन विभाग
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Published : Jun 5, 2021, 6:45 PM IST

दुमकाः जिले के पशुपालन विभाग में अधिकारियों और कर्मियों की काफी कमी है. एक-एक अधिकारी के जिम्मे कई-कई पद हैं. इसका सीधा असर कामकाज पर पड़ता है. यहां के पशु चिकित्सालय में चिकित्सक और कर्मियों की कमी की वजह से पशुपालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. सबसे बड़ी बात यह है कि झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख दुमका जिले के जरमुंडी से विधायक हैं.

क्या है पूरा मामला

किसी भी क्षेत्र के विकास में वहां के कृषि, उद्योग धंधे के साथ-साथ पशुपालन विभाग का विकसित होना काफी आवश्यक है. खेती करने वाले किसान सीधे तौर पर पशुधन से जुड़े होते हैं. इस क्षेत्र में गोवंशीय पशु के अलावा सुअर, बकरी पालन व मुर्गी पालन किया जाता है. हजारों लोग इससे अपनी आजीविका प्राप्त करते हैं.

यह भी पढ़ेंः चिंदीचोरी: 15 लाख की कार से आये शख्स ने वेटर को लगाया 220 रुपए का चूना, देखिए वीडियो

पशुपालक सीधे तौर पर पशुपालन विभाग से जुड़े होते हैं लेकिन जो सुविधा और लाभ उन्हें मिलना चाहिए वह नहीं मिल पाता. इसकी मुख्य वजह यह है कि यहां पशुपालन विभाग में कर्मियों की काफी कमी है. यहां के पशु चिकित्सालय में चिकित्सक और अन्य कर्मियों की संख्या काफी कम है.

पशु चिकित्सालय में कर्मियों की कमी

दुमका जिले में कुल 22 एनिमल हॉस्पिटल है जिसमें सिर्फ 12 में पशु चिकित्सक कार्यरत है. जिले के सभी 10 प्रखंडों में प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी होने चाहिए लेकिन सभी के सभी पद रिक्त है. वहीं जिला मुख्यालय में स्थित प्रांतीय पशु चिकित्सालय में चिकित्सक के 2 पद सृजित हैं दोनों पद रिक्त हैं.

वहीं कर्मियों के 8 पद सृजित हैं इसमें 4 पद रिक्त है. यहां सारा काम भ्रमणशील पशु चिकित्सक के भरोसे है. पशु रेफरल अस्पताल में आज तक पदों को सृजन ही नहीं हुआ.

पूरे झारखंड में एकमात्र पशु रेफरल अस्पताल दुमका में स्थित है जहां पशुओं का अल्ट्रासाउंड , ईसीजी , ऑपरेशन सभी व्यवस्था है, लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि आज तक इस हॉस्पिटल के पदों का सृजन ही नहीं हुआ.

कितने डॉक्टर रहेंगे, कितने कर्मी रहेंगे यह आज तक सरकार ने तय ही नहीं किया. फिलहाल यहां एक चिकित्सक और दो पशुपालन कर्मी कार्यरत है. पशुपालन मंत्री दुमका जिले से ही विधायक हैं.

दुमका पशुपालन विभाग कर्मियों की कमी से जूझ रहा है, जबकि झारखंड के पशुपालन विभाग के मंत्री बादल पत्रलेख इसी जिले के जरमुंडी विधानसभा के विधायक हैं.

हमने फोन पर उनसे चिकित्सकों और कर्मियों की कमी के संबंध में बातचीत की. उन्होंने बताया कि पूरे झारखंड में पशुपालन विभाग में बहाली होनी है. सभी जिलों से रिक्तियां मंगाई जा रहीं हैं और आने वाले दिनों में सभी पद भरे जाएंगे.

दुमकाः जिले के पशुपालन विभाग में अधिकारियों और कर्मियों की काफी कमी है. एक-एक अधिकारी के जिम्मे कई-कई पद हैं. इसका सीधा असर कामकाज पर पड़ता है. यहां के पशु चिकित्सालय में चिकित्सक और कर्मियों की कमी की वजह से पशुपालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. सबसे बड़ी बात यह है कि झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख दुमका जिले के जरमुंडी से विधायक हैं.

क्या है पूरा मामला

किसी भी क्षेत्र के विकास में वहां के कृषि, उद्योग धंधे के साथ-साथ पशुपालन विभाग का विकसित होना काफी आवश्यक है. खेती करने वाले किसान सीधे तौर पर पशुधन से जुड़े होते हैं. इस क्षेत्र में गोवंशीय पशु के अलावा सुअर, बकरी पालन व मुर्गी पालन किया जाता है. हजारों लोग इससे अपनी आजीविका प्राप्त करते हैं.

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पशुपालक सीधे तौर पर पशुपालन विभाग से जुड़े होते हैं लेकिन जो सुविधा और लाभ उन्हें मिलना चाहिए वह नहीं मिल पाता. इसकी मुख्य वजह यह है कि यहां पशुपालन विभाग में कर्मियों की काफी कमी है. यहां के पशु चिकित्सालय में चिकित्सक और अन्य कर्मियों की संख्या काफी कम है.

पशु चिकित्सालय में कर्मियों की कमी

दुमका जिले में कुल 22 एनिमल हॉस्पिटल है जिसमें सिर्फ 12 में पशु चिकित्सक कार्यरत है. जिले के सभी 10 प्रखंडों में प्रखंड पशुपालन पदाधिकारी होने चाहिए लेकिन सभी के सभी पद रिक्त है. वहीं जिला मुख्यालय में स्थित प्रांतीय पशु चिकित्सालय में चिकित्सक के 2 पद सृजित हैं दोनों पद रिक्त हैं.

वहीं कर्मियों के 8 पद सृजित हैं इसमें 4 पद रिक्त है. यहां सारा काम भ्रमणशील पशु चिकित्सक के भरोसे है. पशु रेफरल अस्पताल में आज तक पदों को सृजन ही नहीं हुआ.

पूरे झारखंड में एकमात्र पशु रेफरल अस्पताल दुमका में स्थित है जहां पशुओं का अल्ट्रासाउंड , ईसीजी , ऑपरेशन सभी व्यवस्था है, लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि आज तक इस हॉस्पिटल के पदों का सृजन ही नहीं हुआ.

कितने डॉक्टर रहेंगे, कितने कर्मी रहेंगे यह आज तक सरकार ने तय ही नहीं किया. फिलहाल यहां एक चिकित्सक और दो पशुपालन कर्मी कार्यरत है. पशुपालन मंत्री दुमका जिले से ही विधायक हैं.

दुमका पशुपालन विभाग कर्मियों की कमी से जूझ रहा है, जबकि झारखंड के पशुपालन विभाग के मंत्री बादल पत्रलेख इसी जिले के जरमुंडी विधानसभा के विधायक हैं.

हमने फोन पर उनसे चिकित्सकों और कर्मियों की कमी के संबंध में बातचीत की. उन्होंने बताया कि पूरे झारखंड में पशुपालन विभाग में बहाली होनी है. सभी जिलों से रिक्तियां मंगाई जा रहीं हैं और आने वाले दिनों में सभी पद भरे जाएंगे.

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