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दुमका के शिकारीपाड़ा प्रखंड में कोल ब्लॉक खोलने का विरोध, परंपरागत शस्त्रों के साथ सैकड़ों ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

Oppose for opening coal block in Dumka. दुमका में एक दर्जन गांव के ग्रामीणों ने पारंपरिक शस्त्रों के साथ प्रदर्शन किया. इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि किसी भी हाल में शिकारीपाड़ा प्रखंड में कोल ब्लॉक नहीं खोलने देंगे. जल, जंगल और जमीन को बचाने के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे.

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Oppose For Opening Coal Block In Dumka
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 15, 2023, 6:53 PM IST

दुमका में कोल ब्लॉक खोलने के खिलाफ प्रदर्शन करते ग्रामीण.

दुमकाः जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड के पकलूपाड़ा गांव में कोल ब्लॉक खोलने के विरोध में शुक्रवार को लगभग एक दर्जन गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने पारंपरिक शस्त्रों के साथ विरोध-प्रदर्शन किया. इस दौरान ग्रामीणों ने कोल ब्लॉक खोले जाने के विरोध में जमकर नारेबाजी की.

पारंपरिक शस्त्रों से लैस ग्रामीणों ने किया प्रदर्शनः हम आपको बता दें कि दुमका जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड में लगभग एक दर्जन कोल ब्लॉक विभिन कंपनियों को आवंटित की गई हैं. कोल ब्लॉक खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. वहीं इसे लेकर शुक्रवार को कोल ब्लॉक के विरोध में शिकारीपाड़ा प्रखंड के पकलूपाड़ा गांव के हटिया परिसर में दर्जनों गांव के सैकड़ों ग्रामीण एकजुट हो गए. इस दौरान सभी ग्रामीण तीर-धनुष, फरसा, कचिया, हंसुआ, तलवार से लैस थे .ग्रामीणों ने मामले में जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर भी नाराजगी जताई. हालांकि इस दौरान ग्रामीणों के समर्थन में स्थानीय जिला परिषद सदस्य प्रकाश हांसदा मौजूद थे.

किसी भी सूरत में नहीं खुलने देंगे कोलियरीः प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने कहा कि जल, जंगल, जमीन हमारा है. हम किसी भी परिस्थिति में यहां कोलियरी खुलने नहीं देंगे. उनका कहना था कि कोल कंपनियां कुछ लोगों को नौकरी दे देती है, लेकिन बाकी सभी लोग बेरोजगार हो जाते हैं. ग्रामीणों ने कहा कि जमीन चली जाएगी तो हम भूखे मरने को विवश हो जाएंगे. साथ ही कोलयरी चालू होने से इलाका प्रदूषित हो जाएगा और हम कहीं के नहीं रहेंगे.ग्रामीणों ने कहा कि कोल ब्लॉक खोलने के प्रयास का हम पुरजोर विरोध करते हैं. किसी भी स्थिति में कोल ब्लॉक नहीं खुलने देंगे. चाहे इसके लिए कोई भी लड़ाई लड़नी पड़े, हम तैयार हैं. साथ ही इसमें जो लोग बिचौलिए की भूमिका में हैं हमलोग उसे भी चिन्हित कर उनका भी विरोध करेंगे.

रेलवे कोल साइडिंग का भी किया विरोधः इस दौरान ग्रामीणों ने कोल ब्लॉक के साथ-साथ कोल डंपिंग और साइडिंग का भी विरोध किया. हम आपको बता दें कि पाकुड़ जिला के अमड़ापाड़ा क्षेत्र से जो कोयला निकलता है उसके लिए पकदाहा-हरिनसिंगा रेलवे स्टेशन पर साइडिंग तैयार किया जा रहा है. यहां से मालगाड़ी में कोयला लोड कर देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजे जाने की योजना है. अभी इस साइडिंग का निर्माण कार्य चल ही रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि हमलोग कोल साइडिंग भी शुरू नहीं होने देंगे. रेलवे साइडिंग के विरुद्ध भी ग्रामीणों ने नारेबाजी की और साइडिंग कंपनी वापस जाओ के नारे लगाए.

क्या कहते हैं जिला परिषद सदस्यः ग्रामीणों का साथ देने आए जिला परिषद सदस्य प्रकाश हांसदा ने कहा कि हम इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि हैं. इसी वजह से ग्रामीणों की आवाज बनने आए हैं. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की बात जायज है. जिप सदस्य प्रकाश हांसदा ने कहा कि हमारे गुरु जी शिबू सोरेन ने हमें यही सिखाया है कि जल, जंगल, जमीन की लड़ाई के लिए तैयार रहें. उन्होंने कहा कि यहां संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम लागू है तो फिर किसी की जमीन कैसे कोई लेगा.

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दुमका में कोल ब्लॉक खोलने के खिलाफ प्रदर्शन करते ग्रामीण.

दुमकाः जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड के पकलूपाड़ा गांव में कोल ब्लॉक खोलने के विरोध में शुक्रवार को लगभग एक दर्जन गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने पारंपरिक शस्त्रों के साथ विरोध-प्रदर्शन किया. इस दौरान ग्रामीणों ने कोल ब्लॉक खोले जाने के विरोध में जमकर नारेबाजी की.

पारंपरिक शस्त्रों से लैस ग्रामीणों ने किया प्रदर्शनः हम आपको बता दें कि दुमका जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड में लगभग एक दर्जन कोल ब्लॉक विभिन कंपनियों को आवंटित की गई हैं. कोल ब्लॉक खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. वहीं इसे लेकर शुक्रवार को कोल ब्लॉक के विरोध में शिकारीपाड़ा प्रखंड के पकलूपाड़ा गांव के हटिया परिसर में दर्जनों गांव के सैकड़ों ग्रामीण एकजुट हो गए. इस दौरान सभी ग्रामीण तीर-धनुष, फरसा, कचिया, हंसुआ, तलवार से लैस थे .ग्रामीणों ने मामले में जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर भी नाराजगी जताई. हालांकि इस दौरान ग्रामीणों के समर्थन में स्थानीय जिला परिषद सदस्य प्रकाश हांसदा मौजूद थे.

किसी भी सूरत में नहीं खुलने देंगे कोलियरीः प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने कहा कि जल, जंगल, जमीन हमारा है. हम किसी भी परिस्थिति में यहां कोलियरी खुलने नहीं देंगे. उनका कहना था कि कोल कंपनियां कुछ लोगों को नौकरी दे देती है, लेकिन बाकी सभी लोग बेरोजगार हो जाते हैं. ग्रामीणों ने कहा कि जमीन चली जाएगी तो हम भूखे मरने को विवश हो जाएंगे. साथ ही कोलयरी चालू होने से इलाका प्रदूषित हो जाएगा और हम कहीं के नहीं रहेंगे.ग्रामीणों ने कहा कि कोल ब्लॉक खोलने के प्रयास का हम पुरजोर विरोध करते हैं. किसी भी स्थिति में कोल ब्लॉक नहीं खुलने देंगे. चाहे इसके लिए कोई भी लड़ाई लड़नी पड़े, हम तैयार हैं. साथ ही इसमें जो लोग बिचौलिए की भूमिका में हैं हमलोग उसे भी चिन्हित कर उनका भी विरोध करेंगे.

रेलवे कोल साइडिंग का भी किया विरोधः इस दौरान ग्रामीणों ने कोल ब्लॉक के साथ-साथ कोल डंपिंग और साइडिंग का भी विरोध किया. हम आपको बता दें कि पाकुड़ जिला के अमड़ापाड़ा क्षेत्र से जो कोयला निकलता है उसके लिए पकदाहा-हरिनसिंगा रेलवे स्टेशन पर साइडिंग तैयार किया जा रहा है. यहां से मालगाड़ी में कोयला लोड कर देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजे जाने की योजना है. अभी इस साइडिंग का निर्माण कार्य चल ही रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि हमलोग कोल साइडिंग भी शुरू नहीं होने देंगे. रेलवे साइडिंग के विरुद्ध भी ग्रामीणों ने नारेबाजी की और साइडिंग कंपनी वापस जाओ के नारे लगाए.

क्या कहते हैं जिला परिषद सदस्यः ग्रामीणों का साथ देने आए जिला परिषद सदस्य प्रकाश हांसदा ने कहा कि हम इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि हैं. इसी वजह से ग्रामीणों की आवाज बनने आए हैं. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की बात जायज है. जिप सदस्य प्रकाश हांसदा ने कहा कि हमारे गुरु जी शिबू सोरेन ने हमें यही सिखाया है कि जल, जंगल, जमीन की लड़ाई के लिए तैयार रहें. उन्होंने कहा कि यहां संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम लागू है तो फिर किसी की जमीन कैसे कोई लेगा.

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