दुमकाः सावन की तीसरी सोमवारी में अत्याधिक उमस भरी गर्मी का बुरा असर देखने को मिला. बासुकीनाथ मंदिर पहुंचने के दौरान एक डाक कांवरिया की मौत रास्ते में ही हृदय गति रुकने से हो गयी. जबकि इस प्रतिकूल मौसम की वजह से दो दर्जन से ज्यादा डाक कांवरिया बेहोश हो गए.
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बासुकीनाथ धाम में पूजा करने आए भक्तों को भीषण गर्मी का प्रकोप झेलना पड़ा. इस मौसम का मारक असर डाक कांवरियों को हुई. जिसमें मंदिर तक पहुंचने के दौरान एक डाक कांवरिया की मौत हृदय गति रुकने से हो गई. मृतक कांवरिया का नाम पिंटू कुमार है जो दुमका के ही जरमुंडी थाना के लतापाकर गांव का रहने वाला था. लगभग 35 वर्षीय पिंटू मंदिर पहुंचने से पहले रास्ते में हार्ट अटैक से गिर गया. चिकित्सकों ने उन्हें दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी. वहीं इस गर्मी की चपेट में आने से 24 से अधिक डाक कांवरिया बेहोश हो गए. जिन्हें व्हील चेयर और स्ट्रेचर से स्वास्थ्य केंद्र ले जाकर उनका इलाज किया गया.
अत्याधिक भीड़ से डाक कांवरिया हुए परेशानः मेला क्षेत्र में तैनात चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. रमेश कुमार ने बताया कि खाली पेट में बिना रुके पैदल ही लंबी दूरी तय करने और उमस भरी गर्मी से 25 डाक कांवरिया बेहोश हो गये हैं. स्वास्थ्य शिविरों में हर तरह की दवा, ओआरएस रहने के कारण इनके इलाज में कोई कठिनाई नहीं हुई और सभी रिकवर कर गए हैं.
सावन की तीसरी सोमवारी को बासुकीनाथ धाम पहुंचने वाले आम श्रद्धालुओं की संख्या डेढ़ लाख पहुंच गई. वहीं डाकबम जो बिना रुके 24 घंटे के अंदर मंदिर पहुंचते हैं, उनकी संख्या में पिछले दो सोमवार की तुलना में कई गुना अधिक थी. पहले सोमवार को जहां 179 और दूसरे सोमवार को 595 डाक कांवरिया बासुकीनाथ पहुंचे थे. वहीं तीसरी सोमवाी को लगभग 8 हजार डाक कांवरिया बासुकीनाथ पहुंचे थे. इन सभी को हंसडीहा चौक में जारी किये गये टोकन के आधार पर उन्हें शीघ्र दर्शनम के लिए बनाये गये विशेष गेट से मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करवा कर प्राथमिकता के आधार पर जलापर्ण का मौका दिया गया.