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Dumka News: वृद्धा पेंशन के पैसे लेकर रिश्वत देने एसडीओ चैंबर पहुंचा बुजुर्ग, जानिए फिर क्या हुआ

दुमका में फटेहाल अवस्था में एक गरीब अपने वृद्धा पेंशन के पंद्रह सौ रुपये लेकर एसडीओ के चैंबर में पहुंच गया. पैसे देख एसडीओ गुस्सा हो गए, लेकिन फिर मामले को गंभीरता से संभाला और बुजुर्ग को आश्वासन देकर विदा किया.

old man bribed dumka sdo
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Published : Apr 20, 2023, 8:17 AM IST

Updated : Apr 22, 2023, 9:19 AM IST

देखें स्पेशल रिपोर्ट

दुमका: जिले में एक गरीब वृद्ध ने सिस्टम को आईना दिखाया. सरैयाहाट प्रखंड के बारीडीह गांव के बुजुर्ग नारद मंडल को जानकारी मिली थी कि सरकारी कार्यालयों में बिना रुपये के काम नहीं होता. फिर क्या था, वह जमीन संबंधित एक विवाद के निपटारे के लिए एसडीओ के पास पहुंचे. फिर उसने सर झुकाकर और हाथ को जोड़कर एसडीओ को एक आवेदन सौंपा, उस आवेदन के अंदर पंद्रह सौ रुपये थे. रुपए देखकर एसडीओ हक्का बक्का रह गए और तत्काल एसडीपीओ और नगर थाना प्रभारी को बुलाया, लेकिन बाद में इस पूरे वाक्ये का सुखद पहलू पता चला.

यह भी पढ़ें: Dumka Crime News: बढ़ेत पंचायत के मुखिया सुरेश मुर्मू की गोली मारकर हत्या, दो बाइक पर सवार अपराधियों ने दिया घटना को अंजाम

क्या है पूरा मामला: दुमका जिले के सरैयाहाट प्रखंड के बारीडीह गांव का एक बुर्जुग नारद मंडल अपने हिस्से की पुश्तैनी जमीन पर गोतिया के लोगों के दखल से परेशान थे. लोगों ने उस गरीब को बताया कि वह अगर पुलिस-प्रशासन के पास पैसे नहीं खर्च करेगा तो उसकी कोई मदद नहीं करेगा. स्थानीय स्तर पर उन्हें उचित मदद नहीं मिली तो भारी मन से उन्होंने वृद्धापेंशन के मिले पैसे से दो हजार रुपये निकाले और दुमका पहुंच गए. यहां वकील से उन्होंने आवेदन लिखवाया, तो वकील ने जमीन के कागजात अपने पास रख लिए, साथ ही आवेदन लिखने के लिए तीन सौ रुपये फीस ली. आवेदन लेकर वह बुजुर्ग एसडीओ कौशल कुमार के दफ्तर में गुहार लगाने पहुंचे, तो उन्हें लगा कि यहां भी उन्हें नहीं सुना जाएगा. ऐसे में उन्होंने आवेदन में डेढ़ हजार रुपये मोड़कर आगे बढ़ा दिया. पहले तो एसडीओ भड़क गये, जेल भेजने की बात कही. यहां तक कि दुमका एसडीपीओ नूर मुस्तफा और नगर थाना प्रभारी को बुला भी लिया ताकि घूस देने के प्रयास में उसे जेल भेजा जा सके.

एसडीओ ने मामले की गंभीरता को समझा और उठाया यह कदम: मात्र एक माह पहले दुमका एसडीओ के पद पर योगदान देने वाले कौशल कुमार ने इस मामले को गंभीरता से लिया कि यह स्थिति आई क्यों. फिर सकारात्मक रवैया अपनाते हुए उस बुजुर्ग की परेशानी समझने के लिए पूछताछ की. बुजुर्ग ने बताया कि उन्हें गांव में यही कहा गया था कि बिना पैसे का कोई काम नहीं होगा. इसलिए वह एक दिन पहले ही दुमका आए थे. वकील से आवेदन लिखवाया. रात बस स्टैंड में गुजारी और सुबह आवेदन देने पहुंचा. उनका एक हाथ टूटा हुआ है, जिसपर प्लास्टर लगा है. बुजुर्ग की बात सुनने के बाद एसडीओ ने उन्हें पैसे अपने पास रखने को कहा. पूछने पर वह बुजुर्ग यह भी नहीं बता पा रहे थे कि किस वकील ने आवेदन लिखा और किसके पास उसके कागजात हैं. एसडीओ ने उन्हें समझाया कि किसी सरकारी काम में घूस न देने की बात कही. उन्होंने बताया कि घूस देना और लेना दोनों अपराध है. घूस देने पर उन्हें भी जेल हो सकती है. उन्होंने पुलिस को उनके कागजात को उस वकील से वापस दिलवाने की बात कही. साथ ही उसके आवेदन पर संबंधित थाना और अंचल अधिकारी को उचित कार्रवाई करने का भी आदेश दिया. उस बुजुर्ग ने भी अपनी गलती के लिए माफी मांगी. उसने बताया कि उसके दो बेटे बाहर हैं. मजदूर का काम करते हैं. घर में बहू और एक छोटा पोता है.

एसडीओ ने नारद मंडल की समस्या पर उचित कार्रवाई करते हुए उसे अपने कार्यालय से विदा किया. एसडीओ ने कहा कि उनके आवेदन पर सरैयाहाट सीओ को तत्काल एक्शन लेने का निर्देश दिया गया है. मैं इस मामले का मॉनिटरिंग करता रहूंगा ताकि नारद मंडल की समस्या का समाधान हो सके.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

दुमका: जिले में एक गरीब वृद्ध ने सिस्टम को आईना दिखाया. सरैयाहाट प्रखंड के बारीडीह गांव के बुजुर्ग नारद मंडल को जानकारी मिली थी कि सरकारी कार्यालयों में बिना रुपये के काम नहीं होता. फिर क्या था, वह जमीन संबंधित एक विवाद के निपटारे के लिए एसडीओ के पास पहुंचे. फिर उसने सर झुकाकर और हाथ को जोड़कर एसडीओ को एक आवेदन सौंपा, उस आवेदन के अंदर पंद्रह सौ रुपये थे. रुपए देखकर एसडीओ हक्का बक्का रह गए और तत्काल एसडीपीओ और नगर थाना प्रभारी को बुलाया, लेकिन बाद में इस पूरे वाक्ये का सुखद पहलू पता चला.

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क्या है पूरा मामला: दुमका जिले के सरैयाहाट प्रखंड के बारीडीह गांव का एक बुर्जुग नारद मंडल अपने हिस्से की पुश्तैनी जमीन पर गोतिया के लोगों के दखल से परेशान थे. लोगों ने उस गरीब को बताया कि वह अगर पुलिस-प्रशासन के पास पैसे नहीं खर्च करेगा तो उसकी कोई मदद नहीं करेगा. स्थानीय स्तर पर उन्हें उचित मदद नहीं मिली तो भारी मन से उन्होंने वृद्धापेंशन के मिले पैसे से दो हजार रुपये निकाले और दुमका पहुंच गए. यहां वकील से उन्होंने आवेदन लिखवाया, तो वकील ने जमीन के कागजात अपने पास रख लिए, साथ ही आवेदन लिखने के लिए तीन सौ रुपये फीस ली. आवेदन लेकर वह बुजुर्ग एसडीओ कौशल कुमार के दफ्तर में गुहार लगाने पहुंचे, तो उन्हें लगा कि यहां भी उन्हें नहीं सुना जाएगा. ऐसे में उन्होंने आवेदन में डेढ़ हजार रुपये मोड़कर आगे बढ़ा दिया. पहले तो एसडीओ भड़क गये, जेल भेजने की बात कही. यहां तक कि दुमका एसडीपीओ नूर मुस्तफा और नगर थाना प्रभारी को बुला भी लिया ताकि घूस देने के प्रयास में उसे जेल भेजा जा सके.

एसडीओ ने मामले की गंभीरता को समझा और उठाया यह कदम: मात्र एक माह पहले दुमका एसडीओ के पद पर योगदान देने वाले कौशल कुमार ने इस मामले को गंभीरता से लिया कि यह स्थिति आई क्यों. फिर सकारात्मक रवैया अपनाते हुए उस बुजुर्ग की परेशानी समझने के लिए पूछताछ की. बुजुर्ग ने बताया कि उन्हें गांव में यही कहा गया था कि बिना पैसे का कोई काम नहीं होगा. इसलिए वह एक दिन पहले ही दुमका आए थे. वकील से आवेदन लिखवाया. रात बस स्टैंड में गुजारी और सुबह आवेदन देने पहुंचा. उनका एक हाथ टूटा हुआ है, जिसपर प्लास्टर लगा है. बुजुर्ग की बात सुनने के बाद एसडीओ ने उन्हें पैसे अपने पास रखने को कहा. पूछने पर वह बुजुर्ग यह भी नहीं बता पा रहे थे कि किस वकील ने आवेदन लिखा और किसके पास उसके कागजात हैं. एसडीओ ने उन्हें समझाया कि किसी सरकारी काम में घूस न देने की बात कही. उन्होंने बताया कि घूस देना और लेना दोनों अपराध है. घूस देने पर उन्हें भी जेल हो सकती है. उन्होंने पुलिस को उनके कागजात को उस वकील से वापस दिलवाने की बात कही. साथ ही उसके आवेदन पर संबंधित थाना और अंचल अधिकारी को उचित कार्रवाई करने का भी आदेश दिया. उस बुजुर्ग ने भी अपनी गलती के लिए माफी मांगी. उसने बताया कि उसके दो बेटे बाहर हैं. मजदूर का काम करते हैं. घर में बहू और एक छोटा पोता है.

एसडीओ ने नारद मंडल की समस्या पर उचित कार्रवाई करते हुए उसे अपने कार्यालय से विदा किया. एसडीओ ने कहा कि उनके आवेदन पर सरैयाहाट सीओ को तत्काल एक्शन लेने का निर्देश दिया गया है. मैं इस मामले का मॉनिटरिंग करता रहूंगा ताकि नारद मंडल की समस्या का समाधान हो सके.

Last Updated : Apr 22, 2023, 9:19 AM IST
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