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मशहूर संगीतज्ञ पंडित गौरकांत झा का निधन, संगीत प्रेमियों में शोक की लहर - पंडित गौरकांत झा का निधन

दुमका के प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीतज्ञ और झारखंड कला केंद्र के संचालक पंडित गौरकांत झा का निधन हो गया. हृदय गति रुकने से उनका अचानक निधन हो गया.

फाइल फोटो
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Published : Oct 28, 2019, 7:40 PM IST

दुमका: झारखंड कला केंद्र के संचालक और राज्य के प्रतिष्ठित संगीतज्ञ पंडित गौरकांत झा का रविवार को निधन हो गया. संगीतज्ञ गौरकांत झा को गायन और वादन में महारथ हासिल थी, जिसके लिए राज्य सरकार से कई बार उन्हें सम्मान भी मिला था.

देखें पूरी खबर

राज्य के प्रसिद्ध तबला वादक पंडित गौरकांत झा अब इस दुनिया में नहीं रहे. अचानक रविवार देर रात हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया. उन्हें तबला और हारमोनियम वादन में विशेष महारथ हासिल थी. पंडित गौरकांत दुमका में झारखंड कला केंद्र नामक संगीतालय चलाते थे. जिसमें सैकड़ों छात्र-छात्रा शास्त्रीय संगीत, तबला वादन, हारमोनियम और सितार जैसे वाद्य यंत्रों की शिक्षा प्राप्त करते थे. इसके अलावा पंडित गौरकांत झा की एक खास बात यह भी थी कि वे दुमका के लगभग सभी सरकारी और गैर सरकारी कार्यक्रमों में मंच संचालन भी करते रहते थे. गौरकांत अपनी टीम के साथ-साथ मंच पर गीत-संगीत भी प्रस्तुत किया करते थे.

हाल ही में ईटीवी भारत से हुई थी खास बातचीत

गौरकांत झा ने झारखंड कला केंद्र के माध्यम से राज्य के हजारों संगीत प्रेमियों को शिक्षा दी. पंडित गौरकांत झा ने महज 11 दिन पहले ही ईटीवी भारत से बातचीत में संगीत से जुड़े कई बातों को साझा किया था. उन्होंने बातचीत के दौरान बताया था कि दुमका के हिजला ग्राम में अधूरे पड़े कला भवन निर्माण को पूरा करने के लिए सरकार से आग्रह किया है और वे इसके प्रति गंभीर भी थे. कला, संस्कृति विभाग से कलाकारों के विकास के हित में हमेशा मांग करते रहते थे.

ये भी पढ़ें:- पटाखा दुकान में लगी आग, दुकानदार को हुआ लाखों का नुकसान

संगीतज्ञ पंडित गौरकांत के निधन से पूरे जिलेवासियों में शोक की लहर है. उनके शिष्य और जानने वालों ने बताया कि पंडित गौरकांत के अचानक चले जाने से संगीत जगत को एक अपूरणीय क्षति हुई है. इस प्रसिद्ध कलाकार के निधन से झारखंडवासी काफी मर्माहत है. पंडित गौरकांत झा के विद्यार्थी राज्य और देश स्तर पर भी अपना जौहर दिखा चुके हैं. उनके निधन की खबर सुनकर राज्य के कई लोग शोक संतप्त परिवार को सांत्वना देने उनके घर पहुंचे थे.

दुमका: झारखंड कला केंद्र के संचालक और राज्य के प्रतिष्ठित संगीतज्ञ पंडित गौरकांत झा का रविवार को निधन हो गया. संगीतज्ञ गौरकांत झा को गायन और वादन में महारथ हासिल थी, जिसके लिए राज्य सरकार से कई बार उन्हें सम्मान भी मिला था.

देखें पूरी खबर

राज्य के प्रसिद्ध तबला वादक पंडित गौरकांत झा अब इस दुनिया में नहीं रहे. अचानक रविवार देर रात हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया. उन्हें तबला और हारमोनियम वादन में विशेष महारथ हासिल थी. पंडित गौरकांत दुमका में झारखंड कला केंद्र नामक संगीतालय चलाते थे. जिसमें सैकड़ों छात्र-छात्रा शास्त्रीय संगीत, तबला वादन, हारमोनियम और सितार जैसे वाद्य यंत्रों की शिक्षा प्राप्त करते थे. इसके अलावा पंडित गौरकांत झा की एक खास बात यह भी थी कि वे दुमका के लगभग सभी सरकारी और गैर सरकारी कार्यक्रमों में मंच संचालन भी करते रहते थे. गौरकांत अपनी टीम के साथ-साथ मंच पर गीत-संगीत भी प्रस्तुत किया करते थे.

हाल ही में ईटीवी भारत से हुई थी खास बातचीत

गौरकांत झा ने झारखंड कला केंद्र के माध्यम से राज्य के हजारों संगीत प्रेमियों को शिक्षा दी. पंडित गौरकांत झा ने महज 11 दिन पहले ही ईटीवी भारत से बातचीत में संगीत से जुड़े कई बातों को साझा किया था. उन्होंने बातचीत के दौरान बताया था कि दुमका के हिजला ग्राम में अधूरे पड़े कला भवन निर्माण को पूरा करने के लिए सरकार से आग्रह किया है और वे इसके प्रति गंभीर भी थे. कला, संस्कृति विभाग से कलाकारों के विकास के हित में हमेशा मांग करते रहते थे.

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संगीतज्ञ पंडित गौरकांत के निधन से पूरे जिलेवासियों में शोक की लहर है. उनके शिष्य और जानने वालों ने बताया कि पंडित गौरकांत के अचानक चले जाने से संगीत जगत को एक अपूरणीय क्षति हुई है. इस प्रसिद्ध कलाकार के निधन से झारखंडवासी काफी मर्माहत है. पंडित गौरकांत झा के विद्यार्थी राज्य और देश स्तर पर भी अपना जौहर दिखा चुके हैं. उनके निधन की खबर सुनकर राज्य के कई लोग शोक संतप्त परिवार को सांत्वना देने उनके घर पहुंचे थे.

Intro:दुमका -
झारखंड की उपराजधानी दुमका के प्रसिद्ध संगीतज्ञ पंडित गौरकांत झा अब इस दुनिया में नहीं रहे । बीती रात हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया । उन्हें तबला और हारमोनियम वादन में विशेष महारत हासिल था । दुमका में झारखंड कला केंद्र नामक संगीतालय चलाते थे जिसमें सैकड़ों छात्र - छात्रा क्लासिकल संगीत , तबला , हारमोनियम और सितार जैसे वाद्य यंत्रों की शिक्षा प्राप्त करते थे । एक खास बात यह भी थी कि और वे दुमका के लगभग सभी सरकारी या गैर सरकारी कार्यक्रमों में मंच संचालन के साथ-साथ अपने टीम के साथ स्वागत गीत भी प्रस्तुत किया करते थे । उनके निधन से सिर्फ संगीत क्षेत्र से जुड़े लोगों में ही नहीं बल्कि समाज के सभी वर्गों के लोगों के बीच शोक व्याप्त है ।


Body:हाल ही में ईटीवी भारत से की थी बातचीत ।
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पंडित गौरकांत झा महज 11 दिन पूर्व ईटीवी भारत से बातचीत में दुमका के हिजला ग्राम में अधूरे पड़े कला भवन के पूर्ण निर्माण की मांग रखी थी । साथ ही सरकार से यह आग्रह किया था कि वे कला और कलाकारों के प्रति उदारता दिखाए ।

लोगों का है कहना अपूरणीय क्षति है यह
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इस प्रसिद्ध कलाकार के निधनसे उपराजधानीवासी काफी मर्माहत है । उनका कहना है कि पंडित गौरकांत के निधन से जो क्षति हुई है वह अपूरणीय है । वह बताते हैं कि इनके द्वारा सिखाए गए छात्र-छात्रा राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी अपना जौहर दिखा चुके हैं । लोगों का कहना है कि इस रिक्त स्थान को भरना मुश्किल है ।

बाईंट - शैलेन्द्र सिन्हा , स्थानीय
बाईंट - अंजनी शरण , स्थानीय


Conclusion:
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