दुमका: झारखंड कला केंद्र के संचालक और राज्य के प्रतिष्ठित संगीतज्ञ पंडित गौरकांत झा का रविवार को निधन हो गया. संगीतज्ञ गौरकांत झा को गायन और वादन में महारथ हासिल थी, जिसके लिए राज्य सरकार से कई बार उन्हें सम्मान भी मिला था.
राज्य के प्रसिद्ध तबला वादक पंडित गौरकांत झा अब इस दुनिया में नहीं रहे. अचानक रविवार देर रात हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया. उन्हें तबला और हारमोनियम वादन में विशेष महारथ हासिल थी. पंडित गौरकांत दुमका में झारखंड कला केंद्र नामक संगीतालय चलाते थे. जिसमें सैकड़ों छात्र-छात्रा शास्त्रीय संगीत, तबला वादन, हारमोनियम और सितार जैसे वाद्य यंत्रों की शिक्षा प्राप्त करते थे. इसके अलावा पंडित गौरकांत झा की एक खास बात यह भी थी कि वे दुमका के लगभग सभी सरकारी और गैर सरकारी कार्यक्रमों में मंच संचालन भी करते रहते थे. गौरकांत अपनी टीम के साथ-साथ मंच पर गीत-संगीत भी प्रस्तुत किया करते थे.
हाल ही में ईटीवी भारत से हुई थी खास बातचीत
गौरकांत झा ने झारखंड कला केंद्र के माध्यम से राज्य के हजारों संगीत प्रेमियों को शिक्षा दी. पंडित गौरकांत झा ने महज 11 दिन पहले ही ईटीवी भारत से बातचीत में संगीत से जुड़े कई बातों को साझा किया था. उन्होंने बातचीत के दौरान बताया था कि दुमका के हिजला ग्राम में अधूरे पड़े कला भवन निर्माण को पूरा करने के लिए सरकार से आग्रह किया है और वे इसके प्रति गंभीर भी थे. कला, संस्कृति विभाग से कलाकारों के विकास के हित में हमेशा मांग करते रहते थे.
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संगीतज्ञ पंडित गौरकांत के निधन से पूरे जिलेवासियों में शोक की लहर है. उनके शिष्य और जानने वालों ने बताया कि पंडित गौरकांत के अचानक चले जाने से संगीत जगत को एक अपूरणीय क्षति हुई है. इस प्रसिद्ध कलाकार के निधन से झारखंडवासी काफी मर्माहत है. पंडित गौरकांत झा के विद्यार्थी राज्य और देश स्तर पर भी अपना जौहर दिखा चुके हैं. उनके निधन की खबर सुनकर राज्य के कई लोग शोक संतप्त परिवार को सांत्वना देने उनके घर पहुंचे थे.