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सांसद सुनील सोरेन ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लिखा पत्र, होल्डिंग टैक्स और वाटर टैक्स कम करने की मांग

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Published : May 20, 2022, 9:47 PM IST

दुमका से भाजपा सांसद सुनील सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर होल्डिंग टैक्स और वाटर टैक्स में कमी करने की मांग की है.

MP Sunil Soren wrote a letter to Chief Minister Hemant Soren
MP Sunil Soren

दुमका: सांसद सुनील सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को होल्डिंग टैक्स और वाटर टैक्स में कमी करने को लेकर पत्र लिखा है. सांसद ने अपने पत्र में जिक्र किया है कि झारखंड सरकार ने कुछ दिन पहले कैबिनेट की बैठक कर होल्डिंग टैक्स और वाटर टैक्स में 3 से 5 गुना वृद्धि कर दी है. इससे आवासीय और व्यवसायिक परिसर के होल्डिंग टैक्स में काफी बढ़ोतरी हो जाएगी. जिस मकान का होल्डिंग टैक्स वर्तमान समय में एक हजार रुपये लगता है, वह अब सीधे तीन हजार हो जाएगा. जबकि व्यवसायिक प्रयोग वाले बिल्डिंग का तो होल्डिंग टैक्स 5 गुना बढ़ जाएगा.

उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से तुगलकी फैसला कहा जा सकता है. यह जनहित के विरुद्ध है. सांसद ने जल कर में भी जो वृद्धि की गई है उसे भी कम करने की मांग की है. सांसद ने कहा कि सरकार द्वारा जो लोगों को पेयजल उपलब्ध कराया जाता है वह अति आवश्यक वस्तु की श्रेणी में आता है. इसका प्रयोग समाज के हर वर्ग के लोग करते हैं. खास तौर पर निम्नवर्गीय लोग तो पूरी तरह से इसी पर निर्भर रहते हैं. ऐसे में जल कर बढ़ाना गरीबों को सताने के समान है. इसमें जो बढ़ोतरी की गई है उसे जल्द वापस लिया जाए.

कोरोना ने लोगों की तोड़ रखी है कमर: सांसद सुनील सोरेन कहते हैं कि पिछले 2 साल से लोग कोरोना की वजह से परेशान रहे. उनका व्यवसाय या अन्य आजीविका का साधन पूरी तरह से ठप रहा. आर्थिक परेशानी से घिरे लोगों पर यह सरकार टैक्स के रूप में अतिरिक्त बोझ लाद रही है जो कहीं से उचित नहीं है. लोगों के पास पैसे नहीं हैं जो बढ़े हुए कर को दे सकें. इसलिए होल्डिंग टैक्स और वाटर टैक्स में जो बढ़ोतरी की गई है उसे जल्द वापस लिया जाए.

दुमका: सांसद सुनील सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को होल्डिंग टैक्स और वाटर टैक्स में कमी करने को लेकर पत्र लिखा है. सांसद ने अपने पत्र में जिक्र किया है कि झारखंड सरकार ने कुछ दिन पहले कैबिनेट की बैठक कर होल्डिंग टैक्स और वाटर टैक्स में 3 से 5 गुना वृद्धि कर दी है. इससे आवासीय और व्यवसायिक परिसर के होल्डिंग टैक्स में काफी बढ़ोतरी हो जाएगी. जिस मकान का होल्डिंग टैक्स वर्तमान समय में एक हजार रुपये लगता है, वह अब सीधे तीन हजार हो जाएगा. जबकि व्यवसायिक प्रयोग वाले बिल्डिंग का तो होल्डिंग टैक्स 5 गुना बढ़ जाएगा.

उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से तुगलकी फैसला कहा जा सकता है. यह जनहित के विरुद्ध है. सांसद ने जल कर में भी जो वृद्धि की गई है उसे भी कम करने की मांग की है. सांसद ने कहा कि सरकार द्वारा जो लोगों को पेयजल उपलब्ध कराया जाता है वह अति आवश्यक वस्तु की श्रेणी में आता है. इसका प्रयोग समाज के हर वर्ग के लोग करते हैं. खास तौर पर निम्नवर्गीय लोग तो पूरी तरह से इसी पर निर्भर रहते हैं. ऐसे में जल कर बढ़ाना गरीबों को सताने के समान है. इसमें जो बढ़ोतरी की गई है उसे जल्द वापस लिया जाए.

कोरोना ने लोगों की तोड़ रखी है कमर: सांसद सुनील सोरेन कहते हैं कि पिछले 2 साल से लोग कोरोना की वजह से परेशान रहे. उनका व्यवसाय या अन्य आजीविका का साधन पूरी तरह से ठप रहा. आर्थिक परेशानी से घिरे लोगों पर यह सरकार टैक्स के रूप में अतिरिक्त बोझ लाद रही है जो कहीं से उचित नहीं है. लोगों के पास पैसे नहीं हैं जो बढ़े हुए कर को दे सकें. इसलिए होल्डिंग टैक्स और वाटर टैक्स में जो बढ़ोतरी की गई है उसे जल्द वापस लिया जाए.

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