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आग की लपटों में घिरा था बेटा, जान पर खेल गई मां - दुमका में मां ने आग में जलने से बेटे को बचाया

जिनके ऊपर मां का साया रहता है, उस पर कोई मुश्किल आ ही नहीं सकती. मां सारी विपत्ति अपने ऊपर लेकर अपने संतान की रक्षा करती है. दुमका में भी कुछ ऐसी ही हुआ, यहां जलती आग में अपने लाल को घिरा देख, सबकुछ भूल गई और आग की लपटों में कूदकर अपनी कलेजे के टुकड़े को लेकर आ गई.

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Published : Jan 15, 2023, 7:41 PM IST

Updated : Jan 15, 2023, 7:59 PM IST

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दुमकाः एक मां के लिए उसका बच्चा दिल का टुकड़ा होता है. वह उसकी रक्षा के लिए कुछ भी कर सकती है. इसका नमूना दुमका में देखने को मिला है. जब अपने बेटे को आग की लपटों से निकालकर लाने के लिए एक मां ने अपनी जान जोखिम में डाल दी. इस दौरान वह खुद झुलस गई, लेकिन बच्चे की जान बचा ली.

ये भी पढ़ेंः दुमकाः सड़क निर्माण कंपनी से मांगी लेवी, डीआईजी ने कहा- जांच के बाद होगी कार्रवाई

क्या है पूरा मामलाः दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज के बर्न वार्ड में आग से झुलसने के बाद ईलाज करा रहा पांच वर्षीय प्रिंस कुमार दो दिन पूर्व अपनी मां के साथ मौसी घर जामा प्रखंड के पलासी गांव से रामगढ़ प्रखंड के डुमरजोर गांव गया था. शनिवार की रात दस बजे तक खाना खाकर मासूम अपनी मां हेमा देवी और मौसी के साथ एक कमरे में सो गया. मां और मौसी एक बेड पर थे, जबकि प्रिंस दूसरे बेड पर. अचानक रात 11 के बाद घर के कमरे में आग लग जाती है. मौसी की नींद टूटी तो चिल्लाते हुए हेमा को उठाती है. हेमा देवी की जैसे नींद टूटी, वह आग के बीच अपने आप को घिरा देख चिल्लाते हुए कमरे से बाहर भागती है और आग बुझाने के लिए पानी लेने के लिए बाहर निकलती है लेकिन उसे यह याद ही नहीं रहता है कि दूसरे बेड में उसके जिगर का टुकड़ा प्रिंस अंदर ही रह गया.

इधर शोरगुल सुनकर जब 5 वर्ष के प्रिंस की नींद खुली तो वह अपने आप को आग में घिरा पाया. प्रिंस बुरी तरह घबरा गया. जब कुछ समझ मे नहीं आया तो वह डर कर बेड के नीचे छिप गया. इधर आग कमरे में पूरी तरह फैल चुकी थी. शोर गुल सुनकर गांव के लोग भी एकत्रित हो गए. सभी अपने अपने स्तर से आग बुझाने में लगे थे. इसी बीच हेमा को ध्यान आया कि प्रिंस तो कमरे में ही है.

जलते कमरे में घुस गई हेमाः हेमा को जैसे ही याद आया कि प्रिंस कमरे के अंदर रह गया है. वह बेचैन हो गई और कमरे के अंदर का जाने प्रयास किया तो गांव वालों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया और आश्वासन दिया कि आग पर काबू पा लेने के बाद हम उसे निकाल लेंगे पर हेमा नहीं मानी. सबकी बात अनसुनी करते हुए अपनी जान की परवाह किए बगैर हेमा आग को चीरती हुई कमरे में प्रवेश कर गयी. कमरे के अंदर जाकर पहले वह बेटे के बेड तक पहुंची. बेड पर प्रिंस नहीं था. वह बेड के नीचे बेहोश पड़ा था. उसका चेहरा झुलस चुका था. प्रिंस आग से पूरी तरह घिर चुका था. उसी हालत में हेमा प्रिंस को गोद में लेकर आग के बीच दौड़ती हुई बाहर निकली. प्रिंस को बचाने के क्रम उसके पैर और हाथ भी आग में झुलस गये हैं पर उसे खुशी इस बात की थी कि उसने अपने बेटे को बचा लिया है. अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका.

मां-बेटा अस्पताल में इलाजरत, हालत खतरे से बाहरः फिलहाल हेमा और प्रिंस दोनों को दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है, जहां उनकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है. इधर हेमा के दिलेरी लोगों के बीच चर्चा का विषय बन चुका है .

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दुमकाः एक मां के लिए उसका बच्चा दिल का टुकड़ा होता है. वह उसकी रक्षा के लिए कुछ भी कर सकती है. इसका नमूना दुमका में देखने को मिला है. जब अपने बेटे को आग की लपटों से निकालकर लाने के लिए एक मां ने अपनी जान जोखिम में डाल दी. इस दौरान वह खुद झुलस गई, लेकिन बच्चे की जान बचा ली.

ये भी पढ़ेंः दुमकाः सड़क निर्माण कंपनी से मांगी लेवी, डीआईजी ने कहा- जांच के बाद होगी कार्रवाई

क्या है पूरा मामलाः दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज के बर्न वार्ड में आग से झुलसने के बाद ईलाज करा रहा पांच वर्षीय प्रिंस कुमार दो दिन पूर्व अपनी मां के साथ मौसी घर जामा प्रखंड के पलासी गांव से रामगढ़ प्रखंड के डुमरजोर गांव गया था. शनिवार की रात दस बजे तक खाना खाकर मासूम अपनी मां हेमा देवी और मौसी के साथ एक कमरे में सो गया. मां और मौसी एक बेड पर थे, जबकि प्रिंस दूसरे बेड पर. अचानक रात 11 के बाद घर के कमरे में आग लग जाती है. मौसी की नींद टूटी तो चिल्लाते हुए हेमा को उठाती है. हेमा देवी की जैसे नींद टूटी, वह आग के बीच अपने आप को घिरा देख चिल्लाते हुए कमरे से बाहर भागती है और आग बुझाने के लिए पानी लेने के लिए बाहर निकलती है लेकिन उसे यह याद ही नहीं रहता है कि दूसरे बेड में उसके जिगर का टुकड़ा प्रिंस अंदर ही रह गया.

इधर शोरगुल सुनकर जब 5 वर्ष के प्रिंस की नींद खुली तो वह अपने आप को आग में घिरा पाया. प्रिंस बुरी तरह घबरा गया. जब कुछ समझ मे नहीं आया तो वह डर कर बेड के नीचे छिप गया. इधर आग कमरे में पूरी तरह फैल चुकी थी. शोर गुल सुनकर गांव के लोग भी एकत्रित हो गए. सभी अपने अपने स्तर से आग बुझाने में लगे थे. इसी बीच हेमा को ध्यान आया कि प्रिंस तो कमरे में ही है.

जलते कमरे में घुस गई हेमाः हेमा को जैसे ही याद आया कि प्रिंस कमरे के अंदर रह गया है. वह बेचैन हो गई और कमरे के अंदर का जाने प्रयास किया तो गांव वालों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया और आश्वासन दिया कि आग पर काबू पा लेने के बाद हम उसे निकाल लेंगे पर हेमा नहीं मानी. सबकी बात अनसुनी करते हुए अपनी जान की परवाह किए बगैर हेमा आग को चीरती हुई कमरे में प्रवेश कर गयी. कमरे के अंदर जाकर पहले वह बेटे के बेड तक पहुंची. बेड पर प्रिंस नहीं था. वह बेड के नीचे बेहोश पड़ा था. उसका चेहरा झुलस चुका था. प्रिंस आग से पूरी तरह घिर चुका था. उसी हालत में हेमा प्रिंस को गोद में लेकर आग के बीच दौड़ती हुई बाहर निकली. प्रिंस को बचाने के क्रम उसके पैर और हाथ भी आग में झुलस गये हैं पर उसे खुशी इस बात की थी कि उसने अपने बेटे को बचा लिया है. अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका.

मां-बेटा अस्पताल में इलाजरत, हालत खतरे से बाहरः फिलहाल हेमा और प्रिंस दोनों को दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है, जहां उनकी स्थिति खतरे से बाहर बताई जा रही है. इधर हेमा के दिलेरी लोगों के बीच चर्चा का विषय बन चुका है .

Last Updated : Jan 15, 2023, 7:59 PM IST
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