दुमकाः हेमंत सोरेन के कैबिनेट में 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीयता और ओबीसी को 27% आरक्षण देने का जो निर्णय लिया है. उससे सत्तारूढ़ दल के विधायक काफी प्रसन्न हैं. दुमका जिले के शिकारीपाड़ा विधानसभा के झामुमो विधायक नलिन सोरेन जो अपनी पार्टी के मुख्य सचेतक भी हैं. उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत में इस कदम की सराहना की है और उनका कहना है कि स्थानीयता का आधार 1932 का खतियान कोई नई मांग नहीं है बल्कि गुरुजी शिबू सोरेन और जयपाल सिंह इसके लिए आवाज उठाते रहे.
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हमलोग वर्षों से जो जनता से कर रहे थे वादा वह हुआ पूराः नलिन सोरेन एक ऐसे विधायक हैं जो लगातार सात बार से विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर चुके हैं. खास बात यह भी है कि उन्होंने अपना विधानसभा क्षेत्र नहीं बदला और शिकारीपाड़ा से लगातार विधायक हैं. उनका कहना है कि हमलोग वर्षों से अपने संबोधनों में जनता से यह वादा करते थे कि 1932 का खतियान हमारी पहचान बनेगी(mla nalin soren on 1932 based local policy). अपने वादे पर हम खरे उतरे हैं और इससे जनता भी काफी खुश है. पूरे क्षेत्र में वह अपने स्तर पर खुशियां मना रहे हैं.