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दुमका के मयूराक्षी नदी का घटा जलस्तरः किसानों को सताने लगी सिंचाई की चिंता

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Published : Oct 28, 2022, 12:11 PM IST

Updated : Oct 28, 2022, 12:16 PM IST

इस वर्ष हुई कम बारिश का असर दुमका के मयूराक्षी नदी पर दिखाई दे रहा रहा है. मयूराक्षी नदी का जलस्तर (Mayurakshi river water level receded in Dumka) अन्य वर्षों के मुकाबले इस साल काफी कम हो गया है. इस वजह से किसानों को चिंता सताने लगी है कि आने वाले महीनों में सिंचाई के साथ पेयजल की समस्या भी होगी.

Mayurakshi river water level receded in Dumka
दुमका

दुमकाः इस वर्ष दुमका में हुई कम बारिश का असर मयूराक्षी नदी में देखा जा सकता है. मयूराक्षी नदी को दुमका और आसपास के इलाके का लाइफलाइन कहा जाता है. लेकिन अक्टूबर माह के अंत में ही इसका जलस्तर काफी कम नजर आ रहा है. इस मयूराक्षी नदी से हजारों किसानों को सिंचाई की सुविधा प्राप्त होती है. वहीं दुमका का शहरी और ग्रामीण दोनों जलापूर्ति इसी नदी के जल पर निर्भर है.

इसे भी पढ़ें- दुमका में शहरी जलापूर्ति प्रभावित, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के आधे हिस्से में जमी है गाद


दुमका के सदर प्रखंड के बास्कीचक गांव में मयूराक्षी नदी के जल स्तर का ईटीवी भारत की टीम ने जायजा लिया. यहीं से शहरी और ग्रामीण जलापूर्ति का इंटक वेल बनाया गया है. जहां से पानी उठाकर कुरुआ गांव स्थित वॉटर फिल्ट्रेशन प्लांट में भेजा जाता है और लोगों को पेयजल उपलब्ध कराया जाता है. यहां मयूराक्षी नदी का पानी अन्य वर्षो के मुकाबले काफी कम (Mayurakshi river water level receded in Dumka) है. इस दौरान ईटीवी भारत ने बास्कीचक के स्थानीय ग्रामीणों से बात की. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में इंटेक वेल के महज 100-150 मीटर तक ही पानी भरा हुआ है. जबकि अन्य वर्षों में नवंबर माह की शुरुआत में लगभग 500 मीटर से लेकर आठ सौ मीटर तक पानी रहता था.

देखें पूरी खबर



नदी में पानी कम रहने का अन्य जल स्रोतों पर भी असरः बास्कीचक गांव के साथ-साथ अगल-बगल के लगभग दो दर्जन गांव का मुख्य पेशा सब्जी की खेती है. इसमें काफी संख्या में किसान मयूराक्षी नदी के जल का प्रयोग करते हैं. जबकि नदी के पानी की वजह से कुएं, चापाकल और डीप बोरिंग सभी का जलस्तर काफी बेहतर रहता है. लेकिन इस बार नदी मे पानी कम है तो इसका असर अन्य जल स्रोतों पर भी पड़ा है. किसानों का कहना है कि कुआं, चापाकल, डीप बोरिंग सभी के पानी का लेयर नीचे चल गया (river water level receded in Dumka) है, जिससे लोगों को दुमका में सिंचाई में परेशानी हो रही है. इसका सीधा असर सब्जियों की खेती पर पड़ रहा है. पहले बोरिंग में दो घंटे तक भी मोटर लगाकर दिया जाता था तो आसानी से पानी निकलता था लेकिन अब तो कुछ ही देर में बोरिंग से पानी निकलना बंद हो जाता है. एक निश्चित अंतराल में रोक-रोककर मोटर चलाना पड़ रहा है. कुल मिलाकर इस वर्ष जो कम बारिश हुई है उससे मयूराक्षी नदी का जलस्तर कम है और सिंचाई में परेशानी हो रही है.

दुमकाः इस वर्ष दुमका में हुई कम बारिश का असर मयूराक्षी नदी में देखा जा सकता है. मयूराक्षी नदी को दुमका और आसपास के इलाके का लाइफलाइन कहा जाता है. लेकिन अक्टूबर माह के अंत में ही इसका जलस्तर काफी कम नजर आ रहा है. इस मयूराक्षी नदी से हजारों किसानों को सिंचाई की सुविधा प्राप्त होती है. वहीं दुमका का शहरी और ग्रामीण दोनों जलापूर्ति इसी नदी के जल पर निर्भर है.

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दुमका के सदर प्रखंड के बास्कीचक गांव में मयूराक्षी नदी के जल स्तर का ईटीवी भारत की टीम ने जायजा लिया. यहीं से शहरी और ग्रामीण जलापूर्ति का इंटक वेल बनाया गया है. जहां से पानी उठाकर कुरुआ गांव स्थित वॉटर फिल्ट्रेशन प्लांट में भेजा जाता है और लोगों को पेयजल उपलब्ध कराया जाता है. यहां मयूराक्षी नदी का पानी अन्य वर्षो के मुकाबले काफी कम (Mayurakshi river water level receded in Dumka) है. इस दौरान ईटीवी भारत ने बास्कीचक के स्थानीय ग्रामीणों से बात की. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में इंटेक वेल के महज 100-150 मीटर तक ही पानी भरा हुआ है. जबकि अन्य वर्षों में नवंबर माह की शुरुआत में लगभग 500 मीटर से लेकर आठ सौ मीटर तक पानी रहता था.

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नदी में पानी कम रहने का अन्य जल स्रोतों पर भी असरः बास्कीचक गांव के साथ-साथ अगल-बगल के लगभग दो दर्जन गांव का मुख्य पेशा सब्जी की खेती है. इसमें काफी संख्या में किसान मयूराक्षी नदी के जल का प्रयोग करते हैं. जबकि नदी के पानी की वजह से कुएं, चापाकल और डीप बोरिंग सभी का जलस्तर काफी बेहतर रहता है. लेकिन इस बार नदी मे पानी कम है तो इसका असर अन्य जल स्रोतों पर भी पड़ा है. किसानों का कहना है कि कुआं, चापाकल, डीप बोरिंग सभी के पानी का लेयर नीचे चल गया (river water level receded in Dumka) है, जिससे लोगों को दुमका में सिंचाई में परेशानी हो रही है. इसका सीधा असर सब्जियों की खेती पर पड़ रहा है. पहले बोरिंग में दो घंटे तक भी मोटर लगाकर दिया जाता था तो आसानी से पानी निकलता था लेकिन अब तो कुछ ही देर में बोरिंग से पानी निकलना बंद हो जाता है. एक निश्चित अंतराल में रोक-रोककर मोटर चलाना पड़ रहा है. कुल मिलाकर इस वर्ष जो कम बारिश हुई है उससे मयूराक्षी नदी का जलस्तर कम है और सिंचाई में परेशानी हो रही है.

Last Updated : Oct 28, 2022, 12:16 PM IST
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