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दुमका के आंगनबाड़ी केंद्रों का हाल, बिजली, पानी की व्यवस्था नहीं, खरीदे गए सैकड़ों वाटर फिल्टर

दुमका में विकास पहुंचने की कोशिश तो कर रहा है, लेकिन दिक्कत यह है सही रास्ता उसे मिल नहीं रहा है. इसलिए तमाम कोशिशों के बावजूद वो अटका है. इसकी वजह है सरकार की अदूरदर्शिता. इसका एक उदाहरण है Anganwadi centers of Dumka.

Anganwadi centers of Dumka
Anganwadi centers of Dumka
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Published : Aug 17, 2022, 8:34 PM IST

Updated : Aug 17, 2022, 9:33 PM IST

दुमकाः झारखंड की उपराजधानी दुमका में बच्चों को पीने के लिए शुद्ध पानी मिले, इसके लिए लगभग चार सौ आंगनबाड़ी केंद्रों (Anganwadi centers of Dumka) में वाटर फिल्टर मशीन(water filte) लगाई गई. लेकिन इसमें कहां से पानी भरा जाएगा, यह कैसे चलेगा, इसकी कोई व्यवस्था नहीं की गई. अभी यह स्थिति है कि यह फिल्टर शोभा की वस्तु बनकर रह गई है. दो साल से यह आंगनबाड़ी केंद्रों(Anganwadi centers of Dumka) में रखे - रखे बिना इस्तेमाल के ही जर्जर हो रहा है.

आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति पर एक नजरः आंगनबाड़ी केंद्र (Anganwadi centers of Dumka)ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के लिए पहला पाठशाला होता है. अगर हम दुमका जिले की बात करें तो यहां कुल 2060 आंगनबाड़ी केंद्र (Anganwadi centers of Dumka)हैं, लेकिन इसमें अधिकांश की स्थिति बदहाल है. कहीं पानी नहीं है तो कहीं बिजली कनेक्शन नहीं लगा तो कहीं शौचालय का अभाव है. यहां के 2060 केंद्रों में लगभग एक हजार में पानी की व्यवस्था नहीं है. सिर्फ आठ सौ में शौचालय हैं. इतना ही नहीं सिर्फ छह सौ में ही बिजली कनेक्शन लगा हुआ है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट
हिजला गांव के आंगनबाड़ी केंद्र का हालः ईटीवी भारत ने सदर प्रखंड के हिजला गांव के आंगनबाड़ी केंद्र (Anganwadi centers of Dumka )का जायजा लिया. हम जब इस केंद्र में पहुंचे तो सेविका-सहायिका बच्चों को पढ़ाती नजर आई. सेविका पपीला हेंब्रम ने बताया कि पांच साल पहले आंगनबाड़ी केंद्र(Anganwadi centers of Dumka ) का भवन बना था, उसी वक्त इसमें बिजली की वायरिंग हुई. लेकिन आज तक बिजली कनेक्शन नहीं लगा. इससे बच्चों को काफी परेशानी होती है. गर्मी के दिनों में बच्चे केंद्र से निकलकर बाहर घूमने चले जाते हैं.

इसके साथ ही यहां बोरिंग कर पानी की टंकी लगी थी, लेकिन काफी पहले वह टंकी फट गई. अब वह किसी काम की नहीं है. सबसे बड़ी बात यह है कि हमें इस केंद्र के कमरे में एक वाटर फिल्टर (water filter)दिखाई दिया जो बेकार पड़ा था. इस पर आंगनबाड़ी सेविका को पपीला ने बताया कि हमारे यहां तो पानी की समस्या है. इस वजह से इसका कोई इस्तेमाल नहीं होता है. कुल मिलाकर आधारभूत संरचना के दृष्टिकोण से यह केंद्र काफी बदहाल नजर आया.

क्या कहते हैं ग्राम प्रधानः किसी भी गांव के ग्राम प्रधान का दायित्व होता है कि वह गांव की विकास योजनाओं पर नजर रखे. अपने ग्रामीणों के हितों का ध्यान रखें. हिजला गांव के ग्राम प्रधान सुनीलाल हांसदा आंगनबाड़ी केंद्र (Anganwadi centers of Dumka)की बदहाली पर सहमति जताते हुए कहा कि यहां की स्थिति अच्छी नहीं है. न बिजली है, न पानी और न ही शौचालय. उन्होंने बताया कि बच्चे शौच के लिए बाहर जाते हैं.

क्या कहते हैं जिले के उपायुक्तः आंगनबाड़ी केंद्रों (Anganwadi centers of Dumka)की स्थिति पर हमने जिले के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला से बात की. इसके साथ ही जो लगभग चार सौ आंगनबाड़ी केंद्रों में वाटर फिल्टर(water filter) लगा है और अधिकांश का इस्तेमाल नहीं हो रहा है. उस पर भी जानकारी मांगी. उन्होंने कहा कि इसकी जांच की जायेगी कि किस योजना के तहत बना था और इसका इस्तेमाल क्यों नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि इस मामले पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

सरकार और जिला प्रशासन को ध्यान देने की आवश्यकताः आंगनबाड़ी केंद्रों(Anganwadi centers of Dumka) की बदहाल स्थिति को ईटीवी भारत ने सामने ला दिया है. उपायुक्त ने भी आवश्यक पहल की बात कही है. अब देखना दिलचस्प होगा कि इन केंद्रों की स्थिति कब तक सुधर पाती है. या फिर यही हालत बनी रहती है.

दुमकाः झारखंड की उपराजधानी दुमका में बच्चों को पीने के लिए शुद्ध पानी मिले, इसके लिए लगभग चार सौ आंगनबाड़ी केंद्रों (Anganwadi centers of Dumka) में वाटर फिल्टर मशीन(water filte) लगाई गई. लेकिन इसमें कहां से पानी भरा जाएगा, यह कैसे चलेगा, इसकी कोई व्यवस्था नहीं की गई. अभी यह स्थिति है कि यह फिल्टर शोभा की वस्तु बनकर रह गई है. दो साल से यह आंगनबाड़ी केंद्रों(Anganwadi centers of Dumka) में रखे - रखे बिना इस्तेमाल के ही जर्जर हो रहा है.

आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति पर एक नजरः आंगनबाड़ी केंद्र (Anganwadi centers of Dumka)ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के लिए पहला पाठशाला होता है. अगर हम दुमका जिले की बात करें तो यहां कुल 2060 आंगनबाड़ी केंद्र (Anganwadi centers of Dumka)हैं, लेकिन इसमें अधिकांश की स्थिति बदहाल है. कहीं पानी नहीं है तो कहीं बिजली कनेक्शन नहीं लगा तो कहीं शौचालय का अभाव है. यहां के 2060 केंद्रों में लगभग एक हजार में पानी की व्यवस्था नहीं है. सिर्फ आठ सौ में शौचालय हैं. इतना ही नहीं सिर्फ छह सौ में ही बिजली कनेक्शन लगा हुआ है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट
हिजला गांव के आंगनबाड़ी केंद्र का हालः ईटीवी भारत ने सदर प्रखंड के हिजला गांव के आंगनबाड़ी केंद्र (Anganwadi centers of Dumka )का जायजा लिया. हम जब इस केंद्र में पहुंचे तो सेविका-सहायिका बच्चों को पढ़ाती नजर आई. सेविका पपीला हेंब्रम ने बताया कि पांच साल पहले आंगनबाड़ी केंद्र(Anganwadi centers of Dumka ) का भवन बना था, उसी वक्त इसमें बिजली की वायरिंग हुई. लेकिन आज तक बिजली कनेक्शन नहीं लगा. इससे बच्चों को काफी परेशानी होती है. गर्मी के दिनों में बच्चे केंद्र से निकलकर बाहर घूमने चले जाते हैं.

इसके साथ ही यहां बोरिंग कर पानी की टंकी लगी थी, लेकिन काफी पहले वह टंकी फट गई. अब वह किसी काम की नहीं है. सबसे बड़ी बात यह है कि हमें इस केंद्र के कमरे में एक वाटर फिल्टर (water filter)दिखाई दिया जो बेकार पड़ा था. इस पर आंगनबाड़ी सेविका को पपीला ने बताया कि हमारे यहां तो पानी की समस्या है. इस वजह से इसका कोई इस्तेमाल नहीं होता है. कुल मिलाकर आधारभूत संरचना के दृष्टिकोण से यह केंद्र काफी बदहाल नजर आया.

क्या कहते हैं ग्राम प्रधानः किसी भी गांव के ग्राम प्रधान का दायित्व होता है कि वह गांव की विकास योजनाओं पर नजर रखे. अपने ग्रामीणों के हितों का ध्यान रखें. हिजला गांव के ग्राम प्रधान सुनीलाल हांसदा आंगनबाड़ी केंद्र (Anganwadi centers of Dumka)की बदहाली पर सहमति जताते हुए कहा कि यहां की स्थिति अच्छी नहीं है. न बिजली है, न पानी और न ही शौचालय. उन्होंने बताया कि बच्चे शौच के लिए बाहर जाते हैं.

क्या कहते हैं जिले के उपायुक्तः आंगनबाड़ी केंद्रों (Anganwadi centers of Dumka)की स्थिति पर हमने जिले के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला से बात की. इसके साथ ही जो लगभग चार सौ आंगनबाड़ी केंद्रों में वाटर फिल्टर(water filter) लगा है और अधिकांश का इस्तेमाल नहीं हो रहा है. उस पर भी जानकारी मांगी. उन्होंने कहा कि इसकी जांच की जायेगी कि किस योजना के तहत बना था और इसका इस्तेमाल क्यों नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि इस मामले पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

सरकार और जिला प्रशासन को ध्यान देने की आवश्यकताः आंगनबाड़ी केंद्रों(Anganwadi centers of Dumka) की बदहाल स्थिति को ईटीवी भारत ने सामने ला दिया है. उपायुक्त ने भी आवश्यक पहल की बात कही है. अब देखना दिलचस्प होगा कि इन केंद्रों की स्थिति कब तक सुधर पाती है. या फिर यही हालत बनी रहती है.

Last Updated : Aug 17, 2022, 9:33 PM IST
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