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दुमका के तिलोई गर्म कुंड में मकर संक्रांति मेला का आयोजन, झरने के पानी का है एक अलग महत्व - दुमका में मकर संक्रांति मेला

दुमका के तिलोई गर्म जल कुंड में तीन दिवसीय मकर संक्रांति मेले की शुरुआत हो गयी है. ऐसी मान्यता है कि इस जलकुंड के पानी से स्नान करने पर चर्म रोग और पेट संबंधी बीमारियां दूर हो जाती है. इसलिए यहां भारी संख्या में लोग पहुंचते हैं.

Makar Sankranti Mela organized in Tiloi Garm Kund of Dumka
तिलोई गर्म कुंड में मकर संक्रांति मेला का आयोजन
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Published : Jan 14, 2020, 11:48 PM IST

दुमका: उप राजधानी दुमका से 17 किलोमीटर दूर दुमका-भागलपुर मुख्य मार्ग पर भुरभुरी नदी के किनारे तिलोई गर्म जल कुंड में मकर संक्रांति मेला का आयोजन शुरु हो गया. यह मेला तीन दिनों तक चलेगा. यहां दूर-दूर से लोग मेला का लुत्फ उठाने आते हैं.

देखें पूरी खबर

प्रशासनिक पहल पर 1971 में तिलोई जल कुंड का निर्माण कराया गया था. बाद में भी इसके सुंदरीकरण के प्रयास किए गए, लेकिन पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होना अभी बांकी है. ऐसी मान्यता है कि इस जलकुंड के झरने के पानी से स्नान करने पर चर्म रोग और पेट संबंधी बीमारियां दूर हो जाती हैं. यही कारण है कि मकर संक्रांति के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां डुबकी लगाने आते हैं.

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ग्रामीणों ने बताया कि यहां 3 साल पहले पर्यटन विभाग के प्रयास से जनता की मांग पर गर्म जल कुंड की साफ-सफाई करायी गयी थी, लेकिन देखभाल के अभाव में जल कुंड और आसपास गंदगी का अंबार लगा हुआ है, जिसके कारण लोगों को असुविधा हो रही है.

दुमका: उप राजधानी दुमका से 17 किलोमीटर दूर दुमका-भागलपुर मुख्य मार्ग पर भुरभुरी नदी के किनारे तिलोई गर्म जल कुंड में मकर संक्रांति मेला का आयोजन शुरु हो गया. यह मेला तीन दिनों तक चलेगा. यहां दूर-दूर से लोग मेला का लुत्फ उठाने आते हैं.

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प्रशासनिक पहल पर 1971 में तिलोई जल कुंड का निर्माण कराया गया था. बाद में भी इसके सुंदरीकरण के प्रयास किए गए, लेकिन पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होना अभी बांकी है. ऐसी मान्यता है कि इस जलकुंड के झरने के पानी से स्नान करने पर चर्म रोग और पेट संबंधी बीमारियां दूर हो जाती हैं. यही कारण है कि मकर संक्रांति के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां डुबकी लगाने आते हैं.

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ग्रामीणों ने बताया कि यहां 3 साल पहले पर्यटन विभाग के प्रयास से जनता की मांग पर गर्म जल कुंड की साफ-सफाई करायी गयी थी, लेकिन देखभाल के अभाव में जल कुंड और आसपास गंदगी का अंबार लगा हुआ है, जिसके कारण लोगों को असुविधा हो रही है.

Intro:सुबह की उप राजधानी दुमका से 17 किलोमीटर दूर दुमका भागलपुर मुख्य पथ पर बारापलासी से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर भुरभुरी नदी के किनारे प्राकृतिक सौंदर्य बीखेरती ता तिलोई गर्म जल कुंड का झरना में मंगलवार से तीन दिवसीय मकर संक्रांति मेला शुरू हो गया ।


Body:प्रशासनिक पहल पर यहां 1971 में तीन जलकुंड एवं एक खूब का निर्माण कराया गया था। बाद में भी इसके सुंदरीकरण के प्रयास किए गए हैं लेकिन पर्यटक स्थल के रूप में विकसित होना अभी बाकी है। ऐसी मान्यता है कि इस गरम जलकुंड के झरने की पानी से स्नान करने से चर्म रोग और पेट संबंधी बीमारियां दूर हो जाती है। यही कारण है कि मकर संक्रांति के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां डुबकी लगाते हैं और पूजा अर्चना करते हैं।


Conclusion: ग्रामीण ने बताया कि यहां 3 वर्ष पूर्व पर्यटन विभाग के प्रयास से जनता की मांग पर गर्म जल कुंड का साफ-सफाई कराया गया था एवं एक और जलकुंड का निर्माण कराया गया है। परंतु देखभाल के अभाव में जल कुंड एवं आसपास गंदगी होने के कारण यात्रियों को असुविधा हो रही है चारों ओर गंदगी का अंबार भरा पड़ा है जिससे आने वाले श्रद्धालुओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
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