दुमकाः शहर का प्रवेश द्वार कहा जाने वाला महारो पुल अत्यंत जर्जर हो चुका है. पुल पर काफी गड्ढे हो चुके हैं. यहां तक की उसकी छड़ें बाहर आ चुकी है. इससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. इधर, महारो पुल से सौ-डेढ़ सौ मीटर दूर सड़क की स्थिति भी अत्यंत जर्जर है. सड़कों के बड़े-बड़े गड्ढों को देखकर यह कहा जा सकता है कि सरकार ने बिल्कुल इसे बदहाल स्थिति में छोड़ दिया है.
सड़क और पुल की स्थिति के प्रति सरकार उदासीन
महारो पुल से हजारों की संख्या में छोटे-बड़े वाहन गुजरते हैं. यह पुल दुमका को एक तरफ से देवघर से जोड़ता है. वहीं, दूसरी ओर देवघर भागलपुर से आने वाले लोग इस पुल को पार कर दुमका शहर में प्रवेश करने के साथ पश्चिम बंगाल के बीरभूम की ओर भी जाते हैं. जाहिर है इस उपयोगी सड़क और पुल की स्थिति के प्रति सरकार उदासीन है.
आवागमन करने वाले लोग काफी परेशान
इस पुल और सड़क से आवागमन करने वाले लोग काफी परेशान हैं. उन्हें हमेशा इस बात का भय सताता है कि पता नहीं कब कोई हादसा हो जाए. लोग इस पर आने-जाने से भी कतराते हैं. ईटीवी भारत को लोगों ने बताया कि पुल की स्थिति काफी जर्जर है, लेकिन देखने वाला कोई नहीं है.
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सड़कों की बदहाल स्थिति
महारो पुल के जर्जर होने और इससे अगल-बगल के सड़कों की बदहाल स्थिति पर ईटीवी भारत ने उपायुक्त राजेश्वरी बी से बात की. उन्होंने जानकारी दी कि सड़कों की स्थिति से वरीय अधिकारी को अवगत कराया गया है. बहुत जल्द इसके लिए राशि का आवंटन होने वाला है और उसके बाद पुलों की स्थिति दुरुस्त की जाएगी.
सड़क और पुल का बेहतर होना अतिआवश्यक
किसी भी जिले की सड़क और पुल उस जिले के विकास का आइन होता है. दुमका में जिस तरह सड़कों और पुलों की स्थिति जर्जर हुई है इससे आसानी से यह कहा जा सकता है कि सरकार और जिला प्रशासन की लापरवाही है, उन्हें जनहित का ध्यान नहीं है. सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द महारो पुल और उसके आसपास के सड़कों को दुरुस्त कराए.