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दुमका में घटी वारदातों पर महिलाओं ने कहा- इसे मत दीजिये प्यार का नाम

दुमका में एक के बाद एक करके चार लड़कियों की हत्या उनके कथित आशिकों ने की (Lovers committed heinous crimes). सभी घटनाएं दिल को झकझोर कर रख देने वाली हैं. उपराजधानी की महिलाओं ने कहा- इसे प्यार का नाम मत दीजिये.

Lovers committed heinous crimes
Lovers committed heinous crimes
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Published : Oct 13, 2022, 8:54 PM IST

Updated : Oct 13, 2022, 9:04 PM IST

दुमका: जिला में पिछले कुछ दिनों में चार लड़कियों की हत्या उनके कथित प्रेमियों ने कर दी. कहा गया कि किसी ने प्यार पाने के लिए किया तो किसी ने प्रेमिका से छुटकारा पाने के लिए. लेकिन, इन सभी मामलों में एक चीज कॉमन थी. वह यह कि आरोपी युवक आशिक रहे थे. चाहे उनका प्यार एकतरफा था या दोतरफा. किसी के लिए आशिक का प्यार पेट्रोल की आग बना तो किसी के लिए फांसी का फंदा (Lovers committed heinous crimes). अब यहां एक बड़ा सवाल यह है कि 'क्या यही प्यार है?' कि जिसे आपने चाहा उसकी बेरहमी से हत्या कर दी. जवाब है नहीं, यह कतई प्यार नहीं हो सकता. इस मामले पर ईटीवी भारत की टीम ने दुमका के अलग-अलग सेक्टर की महिलाओं से बात की.

इसे भी पढ़ें: दुमका की दास्तां! फंदा और पेट्रोल वाले प्यार ने छीन ली मासूमों की जिंदगी, समाज के बीच छोड़ गया अंतहीन चर्चा

लगातार ऐसी घटनाओं के बाद क्या कहती है दुमका की महिलाएं: दुमका में पिछले कुछ दिनों में तीन नाबालिग समेत चार युवतियों की हत्या कर दी गई (Crimes in Dumka). दो लड़की को पेट्रोल डाल कर जलाकर मार दिया गया. जबकि दो की हत्या कर शव को पेड़ से लटका दिया गया. इन घटनाओं से सिर्फ दुमका या झारखंड नहीं पूरा देश विचलित है. इन घटनाओं से महिला वर्ग काफी दुखी, नाराज और आक्रोशित हैं. अब जब यह कहा जाता है कि जिस लड़की की हत्या हुई, आरोपी लड़का उसे पसंद करता था, चाहता था, प्यार करता था तो दुमका की महिलाओं का इसमें एक ही जवाब है कि यह प्यार हो ही नहीं सकता. कृपया इसे प्यार का नाम न दें. प्यार में तो लोग बड़ी बड़ी कुर्बानियां देते हैं. किसी की जान नहीं ले सकते.

दुमका की वारदातों पर महिलाओं की राय



क्या कहती है एसकेएम यूनिवर्सिटी की पूर्व प्रोवीसी: इस पूरे मामले पर हमने सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय की पूर्व प्रोवीसी और हिंदी की प्रोफेसर डॉ प्रमोदिनी हांसदा से बात की. उन्होंने कहा कि यह प्यार हो ही नहीं सकता. प्यार हाट-बाजार में नहीं मिलता यह तो दिल से उत्पन्न होता है और जिसे जो चाहता है. उसके लिए तो वह बिना स्वार्थ के सर्वस्व न्यौछावर कर देता है. प्रमोदिनी हांसदा कहती हैं कि हमने अपने विषय को पढ़ाते हुए यही कहा है प्यार तो जीवन का अद्भुत अहसास है. इसमें बदला लेने की बात कहां से आ गई. हम जिससे प्यार करते हैं, उसके लिए हमारे दिल में कोमल भावना होनी चाहिए. उसके लिए हमारे पास शुभकामना होनी चाहिए. वह कहती हैं कि समाज और परिवार को बच्चों में अच्छे संस्कार देने होंगे. साथ ही बच्चों पर निगरानी भी रखनी होगी कि वह कहां जा रहे हैं, किनसे मिल रहे हैं.

क्या कहना है समाज के अलग-अलग वर्गों की महिलाओं का: ईटीवी भारत की टीम ने इस मुद्दे पर समाज के अलग-अलग वर्गों की महिलाओं से बात की. दुमका में रहने वाली एनसीसी की लेफ्टिनेंट सह एकलव्य विद्यालय की शिक्षिका सुमिता सिंह भी कहती है कि यह प्यार है ही नहीं. इसे प्यार का नाम न दें. दरअसल, शातिर लड़के भोली-भाली लड़कियों को अपने जाल में फंसा लेते हैं और उसके साथ यूज एंड थ्रो का फॉर्मूला अपनाते हैं. अब तो सिर्फ इस्तेमाल ही नहीं कर रहे हैं बल्कि मर्डर तक कर दे रहे हैं. वह कहती हैं कि समाज को जागना होगा और अपने बच्चों की पूरी केयर करते हुए उन्हें तन-मन से मजबूत करना होगा ताकि वह खुद अपना ऊंच नीच सोच सके और गलत लोगों के हाथों में जाने से बचे. दुमका नगर परिषद की पूर्व अध्यक्ष अमिता रक्षित कहती हैं कि हाल के दिनों में जो लगातार घटना घटी है. भले ही उसे प्यार, प्रेम, आशिकी का नाम दिया जा रहा है लेकिन, ऐसा बिल्कुल नहीं है. वह कहती हैं कि यह प्यार के नाम पर खिलवाड़ है. अमिता रक्षित सरकार से यह मांग कर रही हैं कि चारों मामले के आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है तो एक के बाद एक करके जल्द से जल्द उन्हें कड़ी से कड़ी सजा सुनाई जाए. दुमका में मछली के व्यवसाय से जुड़ी विनीता कुमारी कहती हैं कि जिस तरह चारों लड़कियों की जान गई है और कहा जा रहा है कि आरोपी लड़का उसका चाहने वाला था तो यह प्यार नहीं बल्कि वासना है. प्यार ऐसा नहीं होता कि जिसे आप पसंद कर रहे हैं, उसकी हत्या कर दें. विनीता सरकार से मांग कर रही हैं कि जल्द से जल्द इन मामलों पर कार्रवाई हो और महिला सुरक्षा बढ़ाई जाए.

दुमका: जिला में पिछले कुछ दिनों में चार लड़कियों की हत्या उनके कथित प्रेमियों ने कर दी. कहा गया कि किसी ने प्यार पाने के लिए किया तो किसी ने प्रेमिका से छुटकारा पाने के लिए. लेकिन, इन सभी मामलों में एक चीज कॉमन थी. वह यह कि आरोपी युवक आशिक रहे थे. चाहे उनका प्यार एकतरफा था या दोतरफा. किसी के लिए आशिक का प्यार पेट्रोल की आग बना तो किसी के लिए फांसी का फंदा (Lovers committed heinous crimes). अब यहां एक बड़ा सवाल यह है कि 'क्या यही प्यार है?' कि जिसे आपने चाहा उसकी बेरहमी से हत्या कर दी. जवाब है नहीं, यह कतई प्यार नहीं हो सकता. इस मामले पर ईटीवी भारत की टीम ने दुमका के अलग-अलग सेक्टर की महिलाओं से बात की.

इसे भी पढ़ें: दुमका की दास्तां! फंदा और पेट्रोल वाले प्यार ने छीन ली मासूमों की जिंदगी, समाज के बीच छोड़ गया अंतहीन चर्चा

लगातार ऐसी घटनाओं के बाद क्या कहती है दुमका की महिलाएं: दुमका में पिछले कुछ दिनों में तीन नाबालिग समेत चार युवतियों की हत्या कर दी गई (Crimes in Dumka). दो लड़की को पेट्रोल डाल कर जलाकर मार दिया गया. जबकि दो की हत्या कर शव को पेड़ से लटका दिया गया. इन घटनाओं से सिर्फ दुमका या झारखंड नहीं पूरा देश विचलित है. इन घटनाओं से महिला वर्ग काफी दुखी, नाराज और आक्रोशित हैं. अब जब यह कहा जाता है कि जिस लड़की की हत्या हुई, आरोपी लड़का उसे पसंद करता था, चाहता था, प्यार करता था तो दुमका की महिलाओं का इसमें एक ही जवाब है कि यह प्यार हो ही नहीं सकता. कृपया इसे प्यार का नाम न दें. प्यार में तो लोग बड़ी बड़ी कुर्बानियां देते हैं. किसी की जान नहीं ले सकते.

दुमका की वारदातों पर महिलाओं की राय



क्या कहती है एसकेएम यूनिवर्सिटी की पूर्व प्रोवीसी: इस पूरे मामले पर हमने सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय की पूर्व प्रोवीसी और हिंदी की प्रोफेसर डॉ प्रमोदिनी हांसदा से बात की. उन्होंने कहा कि यह प्यार हो ही नहीं सकता. प्यार हाट-बाजार में नहीं मिलता यह तो दिल से उत्पन्न होता है और जिसे जो चाहता है. उसके लिए तो वह बिना स्वार्थ के सर्वस्व न्यौछावर कर देता है. प्रमोदिनी हांसदा कहती हैं कि हमने अपने विषय को पढ़ाते हुए यही कहा है प्यार तो जीवन का अद्भुत अहसास है. इसमें बदला लेने की बात कहां से आ गई. हम जिससे प्यार करते हैं, उसके लिए हमारे दिल में कोमल भावना होनी चाहिए. उसके लिए हमारे पास शुभकामना होनी चाहिए. वह कहती हैं कि समाज और परिवार को बच्चों में अच्छे संस्कार देने होंगे. साथ ही बच्चों पर निगरानी भी रखनी होगी कि वह कहां जा रहे हैं, किनसे मिल रहे हैं.

क्या कहना है समाज के अलग-अलग वर्गों की महिलाओं का: ईटीवी भारत की टीम ने इस मुद्दे पर समाज के अलग-अलग वर्गों की महिलाओं से बात की. दुमका में रहने वाली एनसीसी की लेफ्टिनेंट सह एकलव्य विद्यालय की शिक्षिका सुमिता सिंह भी कहती है कि यह प्यार है ही नहीं. इसे प्यार का नाम न दें. दरअसल, शातिर लड़के भोली-भाली लड़कियों को अपने जाल में फंसा लेते हैं और उसके साथ यूज एंड थ्रो का फॉर्मूला अपनाते हैं. अब तो सिर्फ इस्तेमाल ही नहीं कर रहे हैं बल्कि मर्डर तक कर दे रहे हैं. वह कहती हैं कि समाज को जागना होगा और अपने बच्चों की पूरी केयर करते हुए उन्हें तन-मन से मजबूत करना होगा ताकि वह खुद अपना ऊंच नीच सोच सके और गलत लोगों के हाथों में जाने से बचे. दुमका नगर परिषद की पूर्व अध्यक्ष अमिता रक्षित कहती हैं कि हाल के दिनों में जो लगातार घटना घटी है. भले ही उसे प्यार, प्रेम, आशिकी का नाम दिया जा रहा है लेकिन, ऐसा बिल्कुल नहीं है. वह कहती हैं कि यह प्यार के नाम पर खिलवाड़ है. अमिता रक्षित सरकार से यह मांग कर रही हैं कि चारों मामले के आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है तो एक के बाद एक करके जल्द से जल्द उन्हें कड़ी से कड़ी सजा सुनाई जाए. दुमका में मछली के व्यवसाय से जुड़ी विनीता कुमारी कहती हैं कि जिस तरह चारों लड़कियों की जान गई है और कहा जा रहा है कि आरोपी लड़का उसका चाहने वाला था तो यह प्यार नहीं बल्कि वासना है. प्यार ऐसा नहीं होता कि जिसे आप पसंद कर रहे हैं, उसकी हत्या कर दें. विनीता सरकार से मांग कर रही हैं कि जल्द से जल्द इन मामलों पर कार्रवाई हो और महिला सुरक्षा बढ़ाई जाए.

Last Updated : Oct 13, 2022, 9:04 PM IST
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